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Schizology
Outside after midnight Outside after midnight Hours from daylight Might need a flashlight There's not even moonlight A few random headlights Can see only a few streetlights The sky is full of starlight Up the street is a stop sign All this I can see with my eyesight A friend passing by is my highlight She was walking along the roadside She couldn't stay so I said goodnight The bugs around is the only downside I think I will go in and rest my backside I will walk get up now and go inside The end of this poem has been implied ©Schizology Outside after midnight #outside #Midnight #poem✍🧡🧡💛
Neeraj Neel
Unsplash खुशियां तकिया के सिरहाने होंगी , आशीर्वाद के ईटों से सजी दीवारें होंगी खिड़कियों में धूप सजती होगी, घर में बुजुर्गों की दुआ बस्ती होगी। अब दूर कहीं नहीं चलना होगा , एक सिर पर छत अपना होगा। हम खुशियां सारी बटोर लाएगे, हम घर में अपने सपने सजाएंगे। हम घर में रोज दीप जलाएंगे , घर आंगन में चांद तारे उतार लाएगे। अब चेहरे में एक आराम होगा , मेरे घर के दरवाजे में अब अपना नाम होगा। हा अपना नाम होगा। ✍️ नीरज नील ©Neeraj Neel poem
poem
read morekavi Abhishek Pathak
रात भर एक चाँद का साया रहा, दिल में कोई खामोश उजाला रहा। तारों ने कहानियाँ बुन दी कई, पर मेरी आँखों में बस वो ही चेहरा रहा। चुपके से हवाओं ने कुछ कहा, जैसे कोई राज़ धीरे से बयां किया। दिल की किताब में एक पन्ना खुला, और उसमें तेरा नाम ही लिखा रहा। ©kavi Abhishek Pathak #poem
diya the poetter
White नई सुबह एक नई सुबह एक नया एहसाह करा देती है जीवन के पथ पर चलने की राह दिखाती है सूर्य सिर पे चढ़ता है । मानव नित नए आयाम रचता है महकती फूलों की क्यारियों में तितलियां बैठती है भंवरे गीत सुनाते है। नई सुबह नए गीत गुनगुनाती है। मां की रसोई महकती है दादी के भजन से घर उमंग में डूबा जाता है नन्हे नन्हे भाई बहन आंगन में भागे जाते है घर उजाले में डूब जाता है नई रोशनी हमे मानसिक रूप से स्वस्थ बनाती है नई सुबह एक नया एहसाह करा देती हैं। दिया आर्या (दक्षिता) ©diya the poetter #poem
swary dhungel
निम्तो थोरै न्यानो माया धेरै आशीर्वादको खाचो छ मलाई मेरो नयाँ जीवनको शोभायात्राको निम्ति हजुरहरुको उपस्तितिको चाहना छ मलाई हजारौं रंगीन स्वप्ना कोर्न जाँदैछु नयाँ शहर मनमा उर्लिएका हजारौं रहरलाई दिनुछ अब एउटा मिठो ठहर दुई कथाको एक हुने महाउत्सव हुदैछ आउनुहोस् है हजुरहरू मेरो र उनको मिलन हुँदैछ ©swary dhungel poem
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