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Mr.K.K.
💁ऐसे हो मित्रता हमारे 😊 (कविता) *_____________________/*/____________________* आओं मिलकर पढ़ने जायें, हमारी शिक्षा को और सुंदर बनायें। यह है एक समझदार विद्यार्थी की जिम्मेदारी, हंसी -खुशी रहे सदैव दोस्ती हमारी। यह होगा अब से हमारा नारा, सच्चे और सुंदर रहे मित्रता हमारा। पढ़ाई लिखाई का रखेंगे खास ख्याल, सच्चा रहेगा मित्र,मित्रता और मितान। ना आयेगी दरारी आस-पास, ना जायेगी किसी की भी जान। तब रहेगा दोस्ती सच्चे , जब हम रखेंगे मित्रता का ख्याल। ©Mr Badshah #कविता ऐसे हो मित्रता हमारे।#poetry #नोजोटोसाहित्य #
R@mkri$hn@ P@tid@r+
#OpenPoetry आज की चाय दोस्तो के नाम 🍮 दोस्ती सिर्फ एक दिन की नही होती बस चलती ही रेहती है ख़त्म हो चुके चाय के कप के तलों में बची कुछ बूँद चाय अब ऐसी ही मित्रता है कुछ बेहतरीन शख्सियतों की ‘मेरे लिए’ कभी ये दोस्ती की चाय का कप था लबालब गर्मजोशी ऐसी, जैसे भाप उगलता कप हर पल सुगंध ऐसे जैसे चाय के साथ इलायची की अलबेली सुगन्ध मित्रता में रिश्ते का छौंक व जिंदादिली से भरपूर मिठास हर सिप को जिया है खैर .... कप के चाय की अंतिम बून्द शायद सूख चुकी या सूखने वाली है पंखा भी तो पांच पर चल रहा फिर भी दोस्ती जिंदाबाद के नारे के साथ ऐसे लिखते हुए भी उम्मीद कर रहा है फिर से एक और चाय का कप मौसम की आद्रता बचाये रखेगी चाय या दोस्ती की मिठास समझे ना दोस्तो उम्मीद ही अहमियत है .. - रामकृष्ण पाटीदार मित्रता दिवस पर दोस्तों के नाम
Braj Kishor
दोस्ती के दीपक को जलाए रखेंगे i कभी जरूरत पड़ी उसको अगर मेरी , दिल तो दिल है जा को भी उसके लिए सजाए रखेंगे ii सदा लाएंगे उसके चेहरे पर हंसी , जन्म जन्म हम इस दोस्ती को गले लगाए रखेंगे ii 🌸🌹🌹🌸😍😘😍🌸🌹🌹🌸 मित्रता दिवस के शुभ अवसर पर
तरुण सूर्यवँशी "साहिल"
सूर्या- दरवाज़ा क़िस्मत का यूं खुलता नही.. बिना मेहनत के कुछ मिलता नही.. मुक़्क़द्दर को अपने करो बुलंद यारो बिना चाबी के ताला भी खुलता नही.. मित्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं एवं बधाइयां... ✍️ तरुण सूर्यवँशी "साहिल' #मित्रता #Love #Life #Shayari #शायरी #कविता #Poetry #बात #बात #thought
Parasram Arora
मित्रता हमेशा एक मधुर जिम्मेवारी है अवसर भी न कि ये कोई स्वार्थ पूर्ती का कोई साधन दरसल दोस्त हमारी ही फ़सल है जिसे हमने बड़े प्रेम से बोया है और बड़े प्रेम से उसे काटना भी है वह दोस्त किस का का जिसे हमने अपना वक़्त काटने क़े लीए तलाशा है और न ही वो हमारे खालीपन को भररने का साधन ही है दोस्त क़े साथ बटी छोटी छोटी खुशियों से हमारा दिल अपनी सुबह ढूंढ लेने मे सक्षम है ©Parasram Arora मित्रता
Parasram Arora
मित्रता हमेशा एक मधुर जिम्मेवारी है अवसर भी न कि ये कोई स्वार्थ पूर्ती का कोई साधन दरसल दोस्त हमारी ही फ़सल है जिसे हमने बड़े प्रेम से बोया है और बड़े प्रेम से उसे काटना भी है वह दोस्त किस का का जिसे हमने अपना वक़्त काटने क़े लीए तलाशा है और न ही वो हमारे खालीपन को भररने का साधन ही है दोस्त क़े साथ बटी छोटी छोटी खुशियों से हमारा दिल अपनी सुबह ढूंढ लेने मे सक्षम है ©Parasram Arora मित्रता