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Parasram Arora
White ये जिस्म जन्म लेने के बाद घिसता है गलता है और एक दिन फना हो जाता है लेकिन जिस्म मे रहने वाली रूह नही मरती वो तों फिर किसी नए जिस्म क़ी तलाश मे लग जाती है एक नई जिंदगी को गति देने के लिए ©Parasram Arora जिस्म और रूह
जिस्म और रूह
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White समुन्दर नदियों को बहला फुसला कर उनके तरल ख़ज़ाने लूटता रहा और वे बदनसीब नदिया अपने वजूद का इंतकाल होते देख आंसू बहाती रहीं ©Parasram Arora समुन्दर और नदी
समुन्दर और नदी
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White किसी बात का हिसाब या उसके गंणित को समझना मेरे बस क़ी बात नहीं. अब तुम ही बताओ मै कैसे रखू हिसाब इस बात का कि इस जिंदगी मे मै अब तक कितनी बार जिया था कितनी बार मरा था? ©Parasram Arora हिसाब और गणीत
हिसाब और गणीत
read moreसूरज
White इस दुनिया को अगर किसी हथियार से जीता जा सकता है तो वह हथियार आपका चरित्र और आपका व्यवहार हो सकता है । ©सूरज #चरित्र और व्यव्हार
#चरित्र और व्यव्हार
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White कई बार कर चुका हूँ कोशिश अपनी उमर को बुखार नापने वाले थर्मामीटर से नापने क़ी लेकिन उस यंत्र का पारा शून्य पर अटका रहा उसे कई बार झटकने के बाद भी ©Parasram Arora उम्र और थर्मामीटर
उम्र और थर्मामीटर
read moreKalpana Korgaonkar
White अपने रास्ते हमे खुद धुंड ने चाहिये, जब तक मंजिल ना मिले, कितनी भी रुकावटे आये.एकन एक दिन मंजिल हमे खुद मिल जायेगी, बस खुद पे और अपने ईश्वर पे भरोसा होना चाहिये. ©Kalpana Korgaonkar मंजिल और रास्ते.
मंजिल और रास्ते.
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White मै जिस घर मे रहता हूं अक्सर यही कहता हैँ मुझे कभी मत कजोड़ना क्योंकि मै तुम्हारा अतित हूँ जो तुमने मुझमे रह कर गुज़ारा हैँ और जिन रास्तो पर मै चलता आया हूँ अक्सर वो हर दिन कहते हैँ मुझे कि मेरा अनुसारन्न करते रहो क्योंकि मै ही तुम्हारा भविष्य हूँ ©Parasram Arora घर और रास्ता vs अतित और भविष्य
घर और रास्ता vs अतित और भविष्य
read moreParasram Arora
White जीवन अंधकारमय हैँ अगर आकांक्षा न हो सारी आकांक्षाएं अंधी हैँ. अगर ज्ञान न हो सारा ज्ञान व्यर्थ हैँ यदि कर्म न हो. सारा कर्म खोखला हैँ. यदि जीवन मे प्रेम न हो और प्रेम को सर्वस्व बना देना ही कर्म हैँ ©Parasram Arora कर्म और प्रेम
कर्म और प्रेम
read morePraveen kumar
White सत्य के मुख पर चमक है, होता झूठ जलील पर झूठ बोलना है आसान सच कहना मुश्किल सच्चाई कड़वी लगे, कहे जो कोई जन यदा-कदा सम्बन्ध बिगड़े होता खट्टा मन असत्य यद्यपि मृदु लगे, आ भी जाता है पसंद सच का सामना होते ही, हो जाये बोलचाल बंद झूठ बोलने वाले लोग , होते हैं धोकेबाज़ सच बोलने वालों से तुम, मत होना नाराज़ सत्य यदि दुःखदायी हो, सलीके से बोलें गलत बोलने से पहले, खुद को सदा टटोलें डॉ. प्रवीण मालवीया © Praveen kumar सच और झूठ
सच और झूठ
read moreParasram Arora
Unsplash धर्म? आखिर ये धर्म हैँ क्या? मै टो सिर्फ जिंदगी को पहचानता हूँ और जीवन से मेरा मतलब हैँ खेत हल धूप अंगूर का बाघ और. रुई क़ातने का हाथ करघा ©Parasram Arora जिंदगी और धर्म
जिंदगी और धर्म
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