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- Arun Aarya
उसके साथ जीने को आमादा थे हम , मग़र उसके लिए महज़ प्यादा थे हम ! उसे पसंद थी जायदाद वाले लड़के ,, पर उन लड़कों के आधे के आधा थे हम..!! - अरुन आर्या ©- Arun Aarya #BuildingSymmetry #आधा थे हम
#BuildingSymmetry #आधा थे हम
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White हवाएँ तेज़ थीं ये तो फ़क़त बहाने थे सफ़ीने यूँ भी किनारे पे कब लगाने थे ख़याल आता है रह रह के लौट जाने का सफ़र से पहले हमें अपने घर जलाने थे गुमान था कि समझ लेंगे मौसमों का मिज़ाज खुली जो आँख तो ज़द पे सभी ठिकाने थे हमें भी आज ही करना था इंतिज़ार उस का उसे भी आज ही सब वादे भूल जाने थे चलन था सब के ग़मों में शरीक रहने का अजीब दिन थे अजब सर-फिरे ज़माने थे ©dilkibaatwithamit हवाएँ तेज़ थीं ये तो फ़क़त बहाने थे सफ़ीने यूँ भी किनारे पे कब लगाने थे ख़याल आता है रह रह के लौट जाने का सफ़र से पहले हमें अपने घर जलाने थ
हवाएँ तेज़ थीं ये तो फ़क़त बहाने थे सफ़ीने यूँ भी किनारे पे कब लगाने थे ख़याल आता है रह रह के लौट जाने का सफ़र से पहले हमें अपने घर जलाने थ
read moreदक्ष आर्यन
शाही स्नान करने तुम भी कुम्भ के मेले गए थे क्या? पुण्य कमाने गए थे या पाप धोने गए थे क्या? मन मेला करके गए थे जो, वो साफ करके आये हो क्या? पाप धोके आये हो या पाप करके आये हो क्या? रूह को भीगाया है या जिस्म से नहाके आये हो! क्या पछतावे वाले आंसू गंगा मे बहाके आये हो! या सिर्फ भीड़ का हिस्सा बनने गए थे तुम या भेड़चाल मे दिखावा करने गए थे तुम जो भगदड़ मे दब के मर गए उसके तुम भी जिम्मेदार हो तुम पुण्य से पहले पाप के हक़दार हो अब बताओ सच बताना क्या इंसाफ करके आये हो कुछ पुण्य कमाया या सिर्फ बदन साफ करके आये हो ऐसा ही नहाना था तो घर मे भी नहा सकते हो पाप ही धोने है तो भूखे को रोटी खिला सकते हो, प्यासे को पानी पिला सकते हो, इस रास्ते से तुम कभी भी पुण्य कमा सकते हो ©दक्ष आर्यन शाही स्नान करने तुम भी कुम्भ के मेले गए थे क्या? पुण्य कमाने गए थे या पाप धोने गए थे क्या? मन मेला करके गए थे जो, वो साफ करके आये हो क्या?
शाही स्नान करने तुम भी कुम्भ के मेले गए थे क्या? पुण्य कमाने गए थे या पाप धोने गए थे क्या? मन मेला करके गए थे जो, वो साफ करके आये हो क्या?
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White आँख से खींच के निकाले हैं ख्वाब वेसे भी मरने वाले थे... ©dilkibaatwithamit आँख से खींच के निकाले हैं ख्वाब वेसे भी मरने वाले थे... #Sad_Status Noor Hindustani
आँख से खींच के निकाले हैं ख्वाब वेसे भी मरने वाले थे... #Sad_Status Noor Hindustani
read moreAbdhesh prajapati
White सर मैं बुरा बना दिया है, वरना एक समय हम भी सबको अच्छे लगते थे ©Abdhesh prajapati अच्छे लगते थे
अच्छे लगते थे
read moreRV Chittrangad Mishra
वो कहते थे सबकुछ खो देंगे तुम्हें पाने के लिए अब मुझे ही खो दिये ना जाने क्या पाने के लिए ©RV Chittrangad Mishra वो कहते थे सबकुछ खो देंगे तुम्हें पाने के लिए अब मुझे ही खो दिये ना जाने क्या पाने के लिए - चित्रांगद
वो कहते थे सबकुछ खो देंगे तुम्हें पाने के लिए अब मुझे ही खो दिये ना जाने क्या पाने के लिए - चित्रांगद
read moreअनिल कसेर "उजाला"
ज़िद में अपनी हम अड़े थे, प्यार की दो राह में खड़े थे। हासिल कुछ भी न हुआ हमें, जाने क्यों अपनों से लड़े थे। सुना था अंधे होते हैं प्यार में, जहाँ से चले वहीं पे खड़े थे। अपनों की हमें सुना ही नहीं, इस लिए छोड़ वो चल पड़े थे। ठोकरों से जो बचाते रहें हैं, उन्हीं के कारण हुए बड़े थे। ©अनिल कसेर "उजाला" अड़े थे
अड़े थे
read moreParasram Arora
White वे भी क्या दिन थे ज़ब मै ठहाके मार कर हँसा करता था बिना शिकायत के जिंदगी बसर करता था छोटे छोटे खबाब देख कर जिंदगी के दिन काट लिया करता था रफ्ता रफरता वक़्त गुजरता गया और बचपन पीछे छुटता गया और मै जवान होता गया ©Parasram Arora भी क्या दिन थे
भी क्या दिन थे
read morePraveen Jain "पल्लव"
पल्लव की डायरी घुटन कियो लिबासों में हो रही है फेशनो के नाम पर नंगेपन की नुबायस हो रही है सादगी अंगों की बनी रहे सभ्यताओं के कपड़े पहनाये थे लगता है बाजारू रुख असभ्यताओ को निमंत्रण दे रहा है फले फूले बाजार,कट लिबास कर अंगप्रदर्शन को तज्जबो दे रहा है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" #chaandsifarish सभ्यताओं के कपड़े पहनाये थे
#chaandsifarish सभ्यताओं के कपड़े पहनाये थे
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