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Hamzavip
green-leaves Happy New year all friend. ©Hamzavip #GreenLeaves aap sabko Happy New year ki खूब-खूब badhaiyan
#GreenLeaves aap sabko Happy New year ki खूब-खूब badhaiyan
read moreWriter Mamta Ambedkar
White मन का जख्म बदन पर जो लगे, वो जख्म भर जाते हैं, वक़्त की मरहम से, दर्द भी मिट जाते हैं। पर जो गहरे घाव, मन के भीतर लगते हैं, वो हर धड़कन के संग, फिर से जी उठते हैं। न कोई मलहम, न कोई दवा कारगर, इन घावों को बस, सहेजना ही है बेहतर। ये घाव सिखाते हैं, जीवन का एक पाठ, हर दर्द के पीछे छुपा, कोई अटल सत्य का साथ। तो मन के जख्मों को, बस प्यार से थाम लो, दर्द की इस धारा में, खुद को पहचान लो। क्योंकि मन का घाव ही, तुम्हें मजबूत बनाएगा, और जीवन के हर मोड़ पर, नया सूरज दिखाएगा। ©Writer Mamta Ambedkar #sad_quotes हिंदी कविता कविता कोश कविताएं कविता प्रेम कविता
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read moreWriter Mamta Ambedkar
White हम सफ़र हज़ार फासले होने के बावजूद बडा सुकून हमें तेरा ख्याल देता है हज़ार फासले होने के बावजूद हज़ार फासले होने के बावजूद, तेरा ख्याल दिल को उजाल देता है। दूर रहकर भी जो पास लगे, ऐसा एहसास तेरा कमाल देता है। तेरी यादें बसी हैं सांसों में, हर धड़कन तुझसे सवाल करता है। क्यों दूरी का शिकवा करें, जब तेरा ख्याल ही जवाब देता है। बिछड़ने का ग़म होता है पर, तेरे ख्याल से हर दर्द टल जाता है। जैसे दूर चाँद को देखकर भी, मन को उसका नूर बहाल देता है। इस दिल का क्या हाल कहें, जो हर घड़ी तुझे पुकार देता है। ©Writer Mamta Ambedkar #love_shayari प्रेम कविता हिंदी कविता कविता कविताएं कविता कोश
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read moreकवि प्रभात
मग देखेंगे नैन द्वय, तव तब तक प्रियतम | जब तक काल के ग्रास न, बन जायेंगे हम || ©कवि प्रभात हिंदी कविता कविता कोश कविता
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read moreKirbadh
इस क़दर मुहब्बत है तुझसे ग़र बयां कर दें तो, तूफ़ान मचा दे तेरे शहर में तभी तो ख़ामोश रहते हैं ©Kirbadh #ramleela कविता हिंदी कविता प्रेम कविता
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read moreWriter Mamta Ambedkar
किताबों पर धूल किताबों पर धूल जम जाने से कहानियां खत्म नहीं होती, वे पन्नों के बीच छुपी हुई अब भी ज़िंदा होती हैं। अधूरी सांसें, बिखरे ख्वाब, और उन लफ्जों का वजूद, हर एक अक्षर में बसे होते हैं सदियों के अनगिनत राग। धूल का ये पर्दा शायद छुपा ले कुछ यादों को, पर जब कोई हाथ बढ़ाता है, हर किरदार फिर मुस्कुराता है। कभी एक बच्चे की आंखों में सपनों की नई चमक सी, तो कभी किसी बूढ़े के मन में बीत चुकी बातें फिर से ताज़ा सी। किताबें यूँ ही नहीं मिटती, उनमें दर्ज होती हैं ज़िंदगियाँ, जो वक्त की गर्द में भी हमेशा अनसुनी, अनछुई रहती हैं। कहानियां खत्म नहीं होतीं, वो बस इंतज़ार करती हैं, एक नए सफर, एक नई आँख, और एक नए मन की। ©Writer Mamta Ambedkar #Parchhai हिंदी कविता मराठी कविता प्रेरणादायी कविता हिंदी देशभक्ति कविता प्यार पर कविता
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