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Shravan Goud
जो आज मजबुर है, वो कल मजबुत बनेंगे। सदा समय एक सा नहीं रहता। घुरे के भी दिन फिरते हैं।
Gulapsa khatoon
ऐ गुजरे हुए वक़्त मुझे यूं न घुर तू माना हुई ख़ता मुझसे अजनबी होकर सब भूल तू ख़ामोशी थी सदाएं भरी रहगुजर में गफलत से रूठता गया तू ऐ गुजरे हुए वक़्त मुझे यूं न घुर तू ज़िंदगी को जीने का सलीका ना आया अभी के अब बेरुखी को कुरबत की ओर मोड़ तू शिवाय अश्कों के कुछ नहीं बयानी के मेरी इस अर्जी को कुबूल तू ऐ गुजरे हुए वक़्त मुझे यूं न घुर तू #गुजरे हुए वक़्त#मुझे यूं न घुर तू
vishal arun jadhav
शिक्षण हे वाघिणिचे दुध आहे. जो घेइल तो घुरघुरल्या शिवाय राहणार नाही.बाबासाहेब...
NavNit
#MessageOfTheDay गिरते हैं घुरसवार ही मैदादाने जंग में तो तिल्म किया गिरेंगे जो घुटनों के बल चले। ©NavNit गिरते हैं घुरसवार ही मैदादाने जंग में तो तिल्म किया गिरेंगे जो घुटनों के बल चले। #Messageoftheday
Ashok kumar namdev {Dev}
Ajay Prakash
पानी से भरी आंखों को लेकर वह मुझे घुरता ही रहा,,,,,, आईने के सामने खड़ा वह शख्स बहुत परेशान लग रहा था। Ajpatir....... पानी से भरी आंखों को लेकर वह मुझे घुरता ही रहा,,,,,, आईने के सामने खड़ा वह शख्स बहुत परेशान लग रहा था।
Prisha Priya
☘️🥀 #prishapriya ☘️🥀 अहंकार में जो चूर हुआ करते थे कभी... 😎😉🤓😎 सरसरी निगाहों से अपनी हमें घुरा करते हैं अभी... 🤣😂🤣😂🤣 ©Prisha Priya अब सरसरी निगाहों से घुरा करते हैं हमें 😅😂🤣🤣🤣🤣😂🤣 #nojoto #nojotoquotes #nojotohindi #hindiwriters #hindiwritings #feelings #sad #prishapriyaq
yogesh atmaram ambawale
असुरक्षित माहौल चारो ओर, डरी डरी,सहमी सहमी उसकी हालत है. बाजार मे आज जब वो सजधज के निकली, घुर रहे थे जो उसको जैसे आज उनकी शामत बन आयी. घुरनेवालो को हंसते हुये उसने पुछा, "क्या इरादा है ? क्या इस कदर संजधज के बाहर निकलना मना है"? सच सच बताओ,माँ मुझमें दिख रही है या बहेन की याद आ रही है. योगेश आ आ हँसते हुए उसने पूछा... #उसनेपूछा #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi #उसनेपूछा #yqdidi #collab #yqhindi असुर
DIGVIJAY BHARAT
Nagvendra Sharma( Raghu)
कहना था बहुत कुछ तुमसे, पर तुम नही आई, खता क्या हुई थी मुझसे, तुमने ना बतलाई, 'रघु' ने ना 'घुरा' तुम्हे, तुमने ये आग लगाई, सच कहूँ.... जिंदगी अच्छी थी तुम्हारे बगैर, ना जाने क्यु मेरी जिंदगी में तुम चली आई । कहना था बहुत कुछ तुमसे, पर तुम नही आई, खता क्या हुई थी मुझसे, तुमने ना बतलाई, 'रघु' ने ना 'घुरा' तुम्हे, तुमने ये आग लगाई, सच कहूँ.... जिंद