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Amrit Kumar
White अक्सर भूल जाते हैं वह लोग हमें जो हमारे साथ रहने का कसम खाते हैं ©Amrit Kumar गुड नाइट
गुड नाइट
read moreLalit Saxena
क़लाम -------- मुन्तज़िर सांसों का रूख़सते- वक़्त मुकर्रर हुआ है लगा है दरिचो पर परदे हया के दीदे- दुभर हुआ है --- बे - सम्त हवाओं ने फिर इस ओर रूख़ किया है खुशी से ये दिल फिर से आसमां के बराबर हुआ है --- न उठा निग़ाहें हम पर कुछ तो दर्मियां राज़ रहने दे दफ़्न है इन्हीं में हसरते-ख़्वाब जो उजागर हुआ है --- इक़ तेरे ही हिज़्र ने इस दिल को मज़रूह किया है वर्ना दुन्यां में ऐसा कुछ नहीं जो न मयस्सर हुआ है --- बड़ी मुक़द्दुस-निग़ाहो से देखा किया है शामो-सहर उन तल्ख़ निग़ाहों का क्या जो दिल पत्थर हुआ है --- जिस्म पे आ पड़ी जो ज़लालतो की बारिशें क्या हो मज़बूर ये खाना-बदौश इस दुन्यां में बे-घर हुआ है --- ' ललित'कौन आता है इस विरान में मेरा हाल पुछने सुना है की कभी इस ओर तेरा रह - गुज़र हुआ है ©Lalit Saxena #good_night 'दर्द भरी शायरी' 'दर्द भरी शायरी'
#good_night 'दर्द भरी शायरी' 'दर्द भरी शायरी'
read morekuldeepbabra
Jyoti
White सूरज को क्या पता चाँद क्या होता है जमीं को क्या पता आसमान क्या होता है जो ज़िन्दगी भर भगवान के नाम पर भीख माँग कर खाये उससे क्या पता भारत का संविधान क्या होता है.......जय भीम साथियो 🙏🙏🙏🙏💙💙💙 ©Jyoti गुड नाईट शायरी हिंदी
गुड नाईट शायरी हिंदी
read moreHARSHIT369
White घर मे बैठे बैठे क्या करें चलो ब्रमांद कि सैर पर चलते है.. काम धाम तो कुछ है नहि हमारा मिलता हि नहि कहि से कुछ भी चलो आज रेत के दाने गिन लेते है ... बैठ जाते है यहि रेत के ढेर पर बिजनेश करने को पैसे कहां से आयेगे यहि सोचकर रोना आता है मुझे, कब तक ताकते रहेगे किसी दुसरे का मुंह चलो रेत को गीला करते है पानी डालकर..!! ©HARSHIT369 #गम भरी सायरी 'दर्द भरी शायरी'
#गम भरी सायरी 'दर्द भरी शायरी'
read moreकवि विजय सर जी
White चुपी आपकी चुपी मुझे बरबाद कर देगी, इतनी खामोशी मुझे बदलाम कर देगी। जो शक्स महफ़िल की जान थे, कभी उसकी चुपी मुझे परेशान कर देगी।। हैरान हूँ, उन्हें चुपचाप देखकर, उनकी चुपी मेरे दिल को चीर देगी। इनकी मुस्कान देखने के लिए, मेरे नजरे तरस गई, क़ीमत बता, खुलकर मुस्कुराने की, ये दीवानी अपनी जिस्म गिरवी रख देगी।। प्यार करती हूँ, तुमसे बता न सकी तो क्या? आपकी हर अदा मुझे दीवाना कर देगी। मुझे वापस वो पुराना वाला शक्स चाहिए, आपकी चुपी मुझे बरबाद कर देगी।। ©कवि विजय सर जी शायरी 'दर्द भरी शायरी'
शायरी 'दर्द भरी शायरी'
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