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theABHAYSINGH_BIPIN
White इश्क़ ए ज़ज़्बात इश्क़ - ए ज़ज़्बात कभी छुपाया नहीं, हाल- ए - दिल उसे कभी बताया नहीं। कैसे बयाँ करता इस इश्क़ की नादानी, ए इश्क़ के गलियारें कभी भाया नहीं। मैंने याद बहुत किया उन हसीं लम्हों को, बीत गया सावन वो वापस आया नहीं। सुख गईं आँखें मेरी अच्छे की आस में, पर ख़्वाब हक़ीकत में कभी आया नहीं। कितना अजीज़ शख़्स था मेरे दिल को, जो इश्क़ ए ज़मीं पर कभी आया नहीं। अभय, इंतेज़ार की ये घड़ियाँ गवाह हैं, ना आने का कारण कभी बताया नहीं। ©theABHAYSINGH_BIPIN #GoodNight इश्क़ ए ज़ज़्बात इश्क़ - ए ज़ज़्बात कभी छुपाया नहीं, हाल- ए - दिल उसे कभी बताया नहीं। कैसे बयाँ करता इस इश्क़ की नादानी, ए इश्
#GoodNight इश्क़ ए ज़ज़्बात इश्क़ - ए ज़ज़्बात कभी छुपाया नहीं, हाल- ए - दिल उसे कभी बताया नहीं। कैसे बयाँ करता इस इश्क़ की नादानी, ए इश्
read moreSushma
Unsplash शाम घर आकर जब मशायद खुद को झड़ाया तो इतनी आँखें गिरी जमीं पर कुछ घूरती, कुछ रेंगती ,कुछ टटोलती मेरा तन मन कुछ आस्तीन में फंसी थी ,कुछ कॉलर में अटकी थी कुछ उलझी थी बालों में गर्दन के पीछे चिपकी मिली कुछ उंगलियों में पोरों में, कुछ नशीली कुछ रसीली कोई बेशर्मी से भरी हुई ये आंखें ऐसी क्यों हैं? उनकी हमारी सी आंखें पर इतना अंतर क्यों है? मैं रोज़ प्रार्थना करती हूँ कुछ न चिपका मिले मुझ पर जैसी मैं सुबह जाती हूँ घर से , वैसे साफ सुथरी आऊं वापस मगर ऐसा हो पाता नहीं बोझ उठाये नजरों का हरदम चलते रहना नियति है मेरी, शायद। ©Sushma #Ladki शाम घर आकर जब मशायद खुद को झड़ाया तो इतनी आँखें गिरी जमीं पर कुछ घूरती, कुछ रेंगती ,कुछ टटोलती मेरा तन मन कुछ आस्तीन में फंसी थी ,कुछ
#Ladki शाम घर आकर जब मशायद खुद को झड़ाया तो इतनी आँखें गिरी जमीं पर कुछ घूरती, कुछ रेंगती ,कुछ टटोलती मेरा तन मन कुछ आस्तीन में फंसी थी ,कुछ
read moreHarshvardhan असरार जौनपुरी
मुनीर नियाज़ी हमेशा देर कर देता हूँ मैं हर काम करने में ज़रूरी बात कहनी हो कोई वा'दा निभाना हो उसे आवाज़ देनी हो उसे वापस बुलाना हो हमेशा द
read moreHimanshu Prajapati
जब बात किया पुराने दोस्तों से वो दिन तो वापस आया नहीं, लेकिन माहौल पहले से भी ज्यादा अपनेपन का था..! ©Himanshu Prajapati #friends जब बात किया पुराने दोस्तों से वो दिन तो वापस आया नहीं, लेकिन माहौल पहले से भी ज्यादा अपनेपन का था..! #36gyan #hpstrange
#friends जब बात किया पुराने दोस्तों से वो दिन तो वापस आया नहीं, लेकिन माहौल पहले से भी ज्यादा अपनेपन का था..! #36gyan #hpstrange
read more+-InNocEnT BeWafa-+
White it's truth गये हुए लोग आपके जीवन मे तब वापस आयेंगे जब वो निराश हो चुके होंगे उन लोगो से जिन लोगो को वो तुमसे बेहतर समझते थे ©+-InNocEnT BeWafa-+ it's truth गये हुए लोग आपके जीवन मे तब वापस आयेंगे जब वो निराश हो चुके होंगे उन लोगो से जिन लोगो को वो तुमसे बेहतर समझते थे
it's truth गये हुए लोग आपके जीवन मे तब वापस आयेंगे जब वो निराश हो चुके होंगे उन लोगो से जिन लोगो को वो तुमसे बेहतर समझते थे
read morePURAN SINGH
White करने दो जो फालतू बातें करते हैं क्योंकि खाली बर्तन ही हमेशा आवाज करते हैं लोग दूसरों को बुरा तो ऐसे कहते हैं जैसे खुद गंगाजल से धुले हो ©PURAN SINGH #saath उधर और प्यार उसी को दो जो वापस कर सके❣️🙏🏻🙏🏻❣️🙏🏻❣️🙏🏻🙏🏻❣️❣️🙏🏻🙏🏻❣️❣️🙏🏻🙏🏻❣️❣️🙏🏻❣️❣️🙏🏻🙏🏻❣️❣️🙏🏻🙏🏻❣️❣️
#saath उधर और प्यार उसी को दो जो वापस कर सके❣️🙏🏻🙏🏻❣️🙏🏻❣️🙏🏻🙏🏻❣️❣️🙏🏻🙏🏻❣️❣️🙏🏻🙏🏻❣️❣️🙏🏻❣️❣️🙏🏻🙏🏻❣️❣️🙏🏻🙏🏻❣️❣️
read moreDurga Gautam
White फूल बार बार खिले पेड़ों ने नहीं रोकी अपनी छांव नदियों ने भी नहीं बनाए बांध अपने ऊपर सूरज सींचता रहा धरती को ऊष्मा से अपनी ना ही बारिशें वापस लौटीं बादलों की ओर प्रकृति में सुंदरता थी प्रेम की पराकाष्ठा की प्रेम अपनी पराकाष्ठा में सबसे सुंदर था । ©Durga Gautam #good_night फूल बार बार खिले पेड़ों ने नहीं रोकी अपनी छांव नदियों ने भी नहीं बनाए बांध अपने ऊपर सूरज सींचता रहा धरती को ऊष्मा से अपनी ना
#good_night फूल बार बार खिले पेड़ों ने नहीं रोकी अपनी छांव नदियों ने भी नहीं बनाए बांध अपने ऊपर सूरज सींचता रहा धरती को ऊष्मा से अपनी ना
read moreBhupesh Pachori
White जख्मो से मेरे नमक रिसता जा रहा है ये मैंने ही भरे थे कभी किसी जिस्म में अब याद आ रहा है गिन गिन के हम भी थे कमीने किस किस्म के ©Bhupesh Pachori हां अब वापस लौट जाते हैं क्यों पड़े हैं बेवजह रिश्त में
हां अब वापस लौट जाते हैं क्यों पड़े हैं बेवजह रिश्त में
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