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Anjali Singhal
वीर
आज इस संसार में हर इंसान किसी ना किसी से प्रेम कर रहा है मगर वह है यह भूल जाते हैं की प्रेम किस करना हैं ईश्वर और प्रकृति यह कुछ लेता नहीं है देता है वहीं दूसरी तरफ इंसानों से प्रेम करने पर दुख के अलावा कुछ नहीं मिलता हैं ©वीर #boatclub प्रेम की परिभाषा का मतलब 🕉️🙏🏻
Anup ji star
jala dalo UN vicharon ko jisse khud ka bhi aur dusron ka Bura hota Ho jila dalo use nirbalta ko jisse jivan mein bhay ka dar Laga rahata hai jala dalo use Krodh ko jisse buddhi ka vinash hota hai ©Anup Dwivedi #holikadahan आज का दिन हमें अनेकों ज्ञान की परिभाषा बताता है
Arora PR
हसरते अगर पूरी हो गई तो ख्वाहिशे फिर किसकी होंगी कोशिश अगर खत्म होंजाए तो प्रतीक्षा फिर किसकी होगी मंजिल अगर मिल भी जाए तो तुम्हारे कर्मो की गति फिर क्या होंगी ©Arora PR कर्मो की गति
MAHENDRA SINGH PRAKHAR
गीत मन की गति को रोक न पाये , जो भी इस धरती पे आये । मन के बहकावें में भैय्या , सब कुछ अपना खो के आये ।। मन की गति को रोक न पाये..... मन ये मंथन करता रहता , तेरा मेरा कहता रहता । सोचो इस पे पुनः आप भी , क्यों ऐसे ये बहता रहता ।। ध्यान धरो बस इतना भैय्या , नहीं किसी का आने पाये । मन की गति को रोक न पाये.... गति पवन कि तब अति शीतल है , हो मापदंड पे जो निश्चित । जरा तेज गति में जो बहती , हो जाते सब ही फिर चिंतित ।। इच्छा बनें नहीं सुन इर्ष्या , इतना मन काबू में लाये । मन की गति को रोक न पाये ..... बिजली रानी करे उँजाला , दुबका बैठा है अँधियारा । मौका पाते पैर पसारे , हर प्राणी इससे है हारा ।। करो उजाला वो जीवन में , संसार नहीं जलने पाये । मन की गति को रोक न पाये.... मन की गति को रोक न पाये , जो भी इस धरती पे आये । मन के बहकावें में भैय्या , सब कुछ अपना खो के आये ।। १९/०२/२०२४ महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR गीत मन की गति को रोक न पाये , जो भी इस धरती पे आये । मन के बहकावें में भैय्या , सब कुछ अपना खो के आये ।। मन की गति को रोक न पाये.....
सुशांत राजभर
लिखूंगा अल्फाज़ मगर मौन मेरी भाषा होगी मौनरुपी भाषा ही मेरे प्रेम की परिभाषा होगी ©सुशांत राजभर #भाषा #परिभाषा लिखूंगा अल्फाज़ मगर मौन मेरी भाषा होगी मौनरुपी भाषा ही मेरे प्रेम की परिभाषा होगी
Rameshkumar Mehra Mehra
प्रेम की परिभाषा........ की कोई भाषा नही होती है....! यह एक रूहानी एहसास है...!! जिसे सिर्फ और सिर्फ............!!! महसुस कर सकते है......💓 ©Rameshkumar Mehra Mehra # प्रमे की परिभाषा, की कोई भाषा नही होती है, यह एक रूहानी एहसास है, जिसे सिर्फ और सिर्फ, महसूस कर सकते है.....💕
oye._.trader