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MAHENDRA SINGH PRAKHAR
White ग़ज़ल :- स्वस्थ हों अब आप सब हर दिन यही फरियाद है । सोचकर बातें बुरी ये दिल बड़ा नाबाद है ।। हर घड़ी मजबूरियाँ हैं खैरियत मिलती नही । आप बिन सुख चैन मेरा हो गया आजाद है ।। कौन है मेरा तुम्हारा आज इस संसार में । आप हम में ईश हैं यह बात किसको याद है ।। एक दिन ये मैं सभी को छोड़ देगा राह में । फिर बिलखकर आप कहना आज हम आबाद है ।। कौन जग मे खुश रहा है दूर अपनों से भला । तोड़कर अपनो से रिश्ता हर कोई बरबाद है ।। झूठ से है सख्त नफ़रत अपने हो या गैर हो । फिर भी देते आज अपने मुझको झूठी दाद है ।। हर किसी के सामने झुकता नही है यह प्रखर । यह झुकाता शीश अपना जो यहाँ उस्ताद है ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR ग़ज़ल :- स्वस्थ हों अब आप सब हर दिन यही फरियाद है । सोचकर बातें बुरी ये दिल बड़ा नाबाद है ।। हर घड़ी मजबूरियाँ हैं खैरियत मिलती नही । आप बिन स
ग़ज़ल :- स्वस्थ हों अब आप सब हर दिन यही फरियाद है । सोचकर बातें बुरी ये दिल बड़ा नाबाद है ।। हर घड़ी मजबूरियाँ हैं खैरियत मिलती नही । आप बिन स #शायरी
read moreARTI DEVI(Modern Mira Bai)
White प्रभु पर कुर्बानी! कुर्बानी अपनी करनी चाहिए। अल्लाह के नाम पर बकरे गाय या मुर्गे की नहीं। वास्तव में कुर्बानी प्रभु चरणों में समर्पण तथा सत्य भक्ति होती है। शीश काट देने तथा शास्त्रविरुद्ध भक्ति करने से मुक्ति नहीं होती। अल्लाह कभी प्रसन्न नहीं होता। #AlKabir_Islamic #SaintRampalJi ©ARTI DEVI(Modern Mira Bai) #olympic_day #भक्ति #शायरी #मोटिवेशनल #कॉमेडी #लव #viral #Love प्रभु पर कुर्बानी! कुर्बानी अपनी करनी चाहिए। अल्लाह के नाम पर बकरे गाय या मु
olympic_day भक्ति शायरी मोटिवेशनल कॉमेडी लव viral Love प्रभु पर कुर्बानी! कुर्बानी अपनी करनी चाहिए। अल्लाह के नाम पर बकरे गाय या मु
read moreJeetal Shah
White *कहाँ पर बोलना है,* *और कहाँ पर बोल जाते हैं,* *जहाँ खामोश रहना है,* *वहाँ मुँह खोल जाते हैं.!!*🌸 *कटा जब शीश सैनिक का,* *तो हम खामोश रहते हैं,* *कटा एक सीन पिक्चर का,* *तो सारे बोल जाते हैं.!!* 🌸 *नयी नस्लों के ये बच्चे,* *जमाने भर की सुनते हैं,* *मगर माँ बाप कुछ बोले,* *तो बच्चे बोल जाते हैं.!!*🌸 *बहुत ऊँची दुकानों में,* *कटाते जेब सब अपनी,* *मगर मज़दूर माँगेगा,* *तो सिक्के बोल जाते हैं.!!*🌸 *अगर मखमल करे गलती,* *तो कोई कुछ नहीँ कहता,* *फटी चादर की गलती हो,* *तो सारे बोल जाते हैं.!!*🌸 *हवाओं की तबाही को,* *सभी चुपचाप सहते हैं,* *चिरागों से हुई गलती,* *तो सारे बोल जाते हैं.!!*🌸 *बनाते फिरते हैं रिश्ते,* *जमाने भर से अक्सर हम,* *मगर घर में जरूरत हो,* *तो रिश्ते भूल जाते हैं.!!*🌸 *कहाँ पर बोलना है,* *और कहाँ पर बोल जाते हैं,* *जहाँ खामोश रहना है,* *उत्तम वहाँ मुँह खोल जाते हैं.!!*🌸 💐🌷 ©Jeetal Shah #life_quotes *कहाँ पर बोलना है,* *और कहाँ पर बोल जाते हैं,* *जहाँ खामोश रहना है,* *वहाँ मुँह खोल जाते हैं.!!
#life_quotes *कहाँ पर बोलना है,* *और कहाँ पर बोल जाते हैं,* *जहाँ खामोश रहना है,* *वहाँ मुँह खोल जाते हैं.!!
read moreSant Rampal Ji Maharaj
#कबीरभगवान_के_राजा_बने_शिष्य 👑एक समय की बात है काशी के राजा बीर देव सिंह बघेल ने जब परमात्मा कबीर जी को पहली बार सत्संग स्थल में निकट से देख #भक्ति
read moreMAHENDRA SINGH PRAKHAR
White ग़ज़ल :- दुनिया देखी है पैदल चलकर मैंने । कुछ-कुछ सीखा है जीवन पढ़कर मैंने ।। असली सुख मिलता है बीबी बच्चों में रहकर देखा है अक्सर घर पर मैंने ।। हँसते गाते बीते जीवन इस खातिर पूजे हैं राहों के भी कंकर मैंने ।। यह सच्ची निष्ठा है एक सनातन की । कण-कण को भी माना है शंकर मैंने ।। पत्थर से अरदास लगाऊँ क्या अब मैं । देख लिये इंसान यहाँ पत्थर मैंने ।। लाशों के अम्बार लगे दोनों जानिब हँसते देखे उन पर कुछ जोकर मैंने ।। शीश झुका कर आता है मेरे आगे । उसको बनाया है अपना नौकर मैंने । अपना वादा काश निभाने आते प्रखर कितना रस्ता देखा है मुड़कर मैने ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR ग़ज़ल :- दुनिया देखी है पैदल चलकर मैंने । कुछ-कुछ सीखा है जीवन पढ़कर मैंने ।। असली सुख मिलता है बीबी बच्चों में रहकर देखा है अक्सर घर पर मैंने
ग़ज़ल :- दुनिया देखी है पैदल चलकर मैंने । कुछ-कुछ सीखा है जीवन पढ़कर मैंने ।। असली सुख मिलता है बीबी बच्चों में रहकर देखा है अक्सर घर पर मैंने #शायरी
read moreK R SHAYER
*जय श्री श्याम* __________________________________________________ हर तरफ से ही हारा हु में, अब मारने का ही इरादा है क्या! मेरी तमन्नाये, मेरा सपना,, तेरे शीश दान से भी ज्यादा है क्या॥ ____________________________________________________ क्यू हार जाता हूं में हर रोज, जिंदगी की लड़ाई में! एक बार तो बताना, क्या कमी थीं मैरी पढ़ाई में! में तो नादान हु भुल जाता हूं, गर बताना बाकी कोई वादा है क्या॥ *मेरी तमन्नाये, मेरा सपना,, तेरे शीशदान से भी ज्यादा है क्या* _____________________________________________________ जो में हार गया, तो कोन कहेगा हारे का सहारा तुझे! क्यू नही दिखता यार, मेरा दिल दुखी बिचारा तुझे! देख लेते हो रोज छोटे भाई के आंसू, यही एक बड़े भाई का नाता है क्या॥ मेरी तमन्नाएं, मेरा सपना,, तेरे शीश दान से भी ज्यादा है क्या॥ _________________________________________________________ बिना गलती ही क्यू अचानक,दिल का सुकून लूट गया मेरा! क्यू अभिमन्यु जैसा फंसा में, व टूट गया बचपन का जुनून मेरा ! जो तू खफा नही मुझसे,तो जाहिर कर नाराज सरसवती माता है क्या॥ मेरी तम्मनाए, मेरा सपना,, तेरे शीश दान से ज्यादा है क्या॥ _______________________________________________________________ मां हताश है, पिता उदास है, व हालत भी गंभीर है मैरी! कर दे मेरे गमों का सर्वनाश, चलाकर पहली व दूसरी बाण तेरी! एक बार तो पूछ यार सपने में आकर,केआर भाई तू खाना खाता है क्या मेरी तमन्नाए, मेरे सपने,, तेरे शीश दान से ज्यादा है क्या॥ ______________________________________________________________ *LBP* WRITER:-KAVI KR SHAYER READER:-KR MEENA FARMER:-KR JAMIdARA ©K R SHAYER मेरे तमन्ना मेरे सपने तेरे शीश दान से ज्यादा है क्या,, जय श्री श्याम reyal life poetry of writer KR Shayer Tonk Rajasthan sana naaz Mittal
मेरे तमन्ना मेरे सपने तेरे शीश दान से ज्यादा है क्या,, जय श्री श्याम reyal life poetry of writer KR Shayer Tonk Rajasthan sana naaz Mittal #भक्ति
read moreबेजुबान शायर shivkumar
White ये पर्वत कहता तुम शीश उठाकर , तुम भी ऊँचे बन जाओ । ये सागर कहता तुम लहराकर , तेरे मन में जो गहराई सा उसको लाओ । तुम समझ रहे हो न वो क्या कहती है , तु उठ-उठ कर और गिर-गिर कर तटल तरंग सा । तु भर ले अपने इस मन में , तेरी मीठी-मीठी बोल और ये मृदुल उमंग सा ॥ पृथ्वी कहती के ये धैर्य को न छोड़ो , इस सर पर भार कितना ही हो । नभ कहता फैलो इतना कि , तुम ढक लो ये सारा संसार को ॥ ©Shivkumar #mountain #Mountains #Nojoto #कविता ये #पर्वत कहता तुम शीश उठाकर , तुम भी #ऊँचे बन जाओ । ये #सागर कहता तुम लहराकर , तेरे मन में जो
mountain Mountains कविता ये पर्वत कहता तुम शीश उठाकर , तुम भी ऊँचे बन जाओ । ये सागर कहता तुम लहराकर , तेरे मन में जो
read moreबेजुबान शायर shivkumar
शीश पर चंद्र विराजे, मां चंद्रघंटा कहलाती । तृतीय रुप में माता, जग में बड़ी सुहाती ।। अलौकिक, अविकारी, मां है कल्याणकारी । जब भी भक्त पुकारे, आ जाती मां हमारी ।। जब-जब संकट आया, देवों ने मां को बुलाया । एक पुकार पर मां ने, हर संकट दूर भगाया ।। दैत्यों के है संहारकारी , भक्तों के लिए है प्यारी l बड़ी ही करुणामयी है, जगजननी मां हमारी ।। ©Shivkumar #navratri #navaratri2024 #navratri2025 #नवरात्रि शीश पर #चंद्र विराजे, मां #चंद्रघंटा कहलाती । तृतीय रुप में #माता , जग में बड़ी सुहा
#navratri #navaratri2024 #navratri2025 #नवरात्रि शीश पर #चंद्र विराजे, मां #चंद्रघंटा कहलाती । तृतीय रुप में #माता , जग में बड़ी सुहा #भक्ति #संकल्प #अलौकिक #अविकारी
read moreबेजुबान शायर shivkumar
बैल पर सवार होकर , माँ शैलपुत्री आ गई l शिव शंकर की प्यारी भवानी , दिल पर देखो वो छा गई ll घी का सुंदर दीप जलाएँ , नारियल का भोग हम सब लगाएँ l श्रद्धा भाव से शीश झुकाकर, माँ के सुंदर भजन को चलो गाएँ ll मनोकामना को पूरी करती , ख़ुशियों से झोली को है भरती l आशाएँ ये पूर्ण करती , ये रिद्धि- सिद्धी कि परवान है करती l भाग्य सबका ये सँवारती , भक्ति की राह पे हमें चलाती l ठिकाना हमको दर पर देती, विनती न किसी की वो ठुकराती ll जय-जय माँ शैलपुत्री , तू नारायणी तू कल्याणी l नवरात्रि का शुभारंभ करती , तू महारानी इस जग की है ll ©Shivkumar #navratri #नवरात्रि #navratri2024 #navratri2025 बैल पर सवार होकर , माँ #शैलपुत्री आ गई l
#navratri #नवरात्रि #navratri2024 #navratri2025 बैल पर सवार होकर , माँ #शैलपुत्री आ गई l #दीप #भक्ति #मनोकामना #आशाएँ #भवानी
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