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Ek villain
जो व्यक्ति अपनी जड़ों को याद रखता है वह जिंदगी में किसी मोड़ पर भी मार नहीं खाता देश के प्रधानमंत्री सेवक के नातिन पर अहमदनगर मोदी ने जबरदस्त को भी 4 दिन पहले की बात है मोदी ने भाजपा संसदीय दल की बैठक में सांसदों को जिस तरह से जल संरक्षण के सामाजिक सरोकारों से जुड़ा था उन्हें दूरगामी सोच और जल की बर्बादी रोकने के जनप्रतिनिधियों ने समाज दायित्व का बोध कराते हैं इन दिनों गांव देहात के पोखर तालाब सूखने लगे नदी नालों में पानी का स्तर कम हो रहा है ऐसे में प्रधानमंत्री ने अपनी पार्टी के सांसदों को मंत्र दिया है वह अपने अपने संसदीय क्षेत्र आम लोगों की भागीदारी भी सुनिश्चित कर दी है गांव देहात के गांव का पानी पीने लायक ©Ek villain #सांसदों को जिंसों कारों से जोड़ने की पहल #drowning
MANJEET SINGH THAKRAL
जब तक देश कोरोना मुक्त नहीं हो जाता, राष्ट्रहित में सांसदों-विद्यायकों का वेतन-भत्ते, सुविधाएं सब बंद कर देनी चाहिए..... जब दवा और ऑक्सीजन नही दे पा रहे तो इस फिजूल खर्ची पर भी रोक लगे । जय हिंद। जय भारत।। #COVIDSecondWave #StopTheSpreadOfCOVID19 #NoOxygenNoSalary ©MANJEET SINGH THAKRAL जब तक देश कोरोना मुक्त नहीं हो जाता, राष्ट्रहित में सांसदों-विद्यायकों का वेतन-भत्ते, सुविधाएं सब बंद कर देनी चाहिए..... जब दवा और ऑक्सीजन न
Babul Inayat
जन सूचना के अधिकार के तहत मांगी गई एक जानकारी से खुलासा हुआ है कि पूर्व सांसदों की पेंशन पर कुल 70,50,00000 रु (70 करोड़ 50 लाख ) वार्षिक खर्च किया जाता है। ज्ञात हो कि सांसदों की न्यूनतम पेंशन 25000 प्रतिमाह होती है। जिसमे 5 वर्ष से ज़्यादा कार्यकाल के लिए अगले हर वर्ष पर 2000 रु प्रति माह अतिरिक्त वृद्धि होती है। यहाँ तक तो सब ठीक है। अब असली खेल की तरफ ध्यान दीजिए। जब लोकसभा सचिवालय से कुल पेंशनर सांसदों की संख्या पूछी गयी तो जबाब 3849 बताया गया। इसी प्रकार राज्यसभा के पेंशनर्स एमपी की संख्या 847 बताई गई। कुल मिलाकर योग 4796 हुआ। ठीक यही संख्या जब पेंशन देने वाले केंद्रीय पेंशन लेखा विभाग से पूछी गयी तो जबाब चौंकाने वाला था। इस विभाग के अनुसार लोकसभा के कुल पेंशनर्स एमपी 1470 और राज्यसभा के कुल पेंशनर्स 708 हैं। जिनका कुल योग 2170 है। गौर कीजिए सचिवालय कुल पेंशनर्स सांसदों की संख्या 4796 बता रहा है और वित्त मंत्रालय के अधीन आने वाला केंद्रीय पेंशन लेख विभाग ये संख्या 2170 बता रहा है। अब सवाल ये है कि दोनों की संख्या के अंतर 2618 वाले पेंशनर्स एमपी कौन हैं ? ये बहुत बड़ा घोटाला प्रतीत होता है। ये वो देश है जिसमे करोड़ों रु का विज्ञापन देकर आम जनता से गैस सब्सिडी छोड़ने की अपील की जाती है। रेलवे में सफर करने वाले लाखों बुजुर्गों से सब्सिडी छीन ली जाती है और राहुल बजाज, संजय डालमिया जैसे उद्योगपति पूर्व सांसद की पेंशन पाते हैं। काश आर्थिक रूप से मजबूत पूर्व सांसदों, विधायकों को भी पेंशन छोड़ने के लिये कहा जाता ! कहावत भी है कि 'पर उपदेश,कुशल बहुतेरे । जन सूचना के अधिकार के तहत मांगी गई एक जानकारी से खुलासा हुआ है कि पूर्व सांसदों की पेंशन पर कुल 70,50,00000 रु (70 करोड़ 50 लाख ) वार्षिक खर्
अनिता कुमावत
काम काज की ना तुम बात करना मुझसे यारों केवल हंगामा खड़ा करना ही मक़सद है मेरा ...!!!! मानसून सत्र हंगामे की भेंट चढ़ गया पूरा का पूरा .... आम जनता की मेहनत की कमाई से चलने वाली संसद में जनता के लिए ही काम नहीं होता .... जब
Harshit Nautiyal / हर्षित नौटियाल
ranjan
देश के महान जनता मालिक अब नेताओ की खैर नही सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर हुई है, इसे आपके आकलन के लिए भेज रहे है .. प्रिय / सम्मानित भारत के नागरिकों... आ
Suyash
पूछना चाहती हूं मैं कितना वक्त लगेगा पीड़ितों को बचाने में, डर लगता है हम बेटियों को अब घरों से कभी बाहर जाने में , जिस्म की आग अब तेजी से पसर रहा है अब इस पूरे देश में ना जाने कहाँ औऱ कितने दरिन्दे घूम रहे हैं हैवानों के भेष में ना जाने कितने निर्भया की हो रही है निर्मम हत्या अब देश में , ना जाने कितने प्रियंका हो गए आग के हवाले अबतक देश में , उनके दोषियों को सजा की मांग उठती है देश के हर कोने में , लेकिन एकजुट होकर मांग करते है सब हैवानियत के बाद में , दोषियों की पहचान कर होती है गिरफ्तारी हर केस के बाद में , फिर सांसदों की एक मीटिंग बुलाई जाती है इस केस के बाद में , पता नहीं क्यों लग जाते है वर्षों तक एक केस को ही सुलझाने में बोलो अभी और कितना वक्त लगेगा पीड़ितों को न्याय दिलाने में ??😭 #rip #ripriyanakareddy #judge STOP RAPE 😭😭😭 Poem : कितना वक्त लगेगा पूछना चाहती हूं मैं कितना वक्त लगेगा पीड़ितों को बचाने में, डर लगता
Sachin Ratnaparkhe
सच को देखने के लिए आंखे खुली होनी चाहिए, बंद आंखों से महज़ अंधेरा ही नज़र आता है। यह बात उनके लिए है जो शाहीन बाग़ का बिना उनके इरादे को समझे खुलकर समर्थन कर रहे है। ऐसा क्या व्यवस्था है कि वहां लोग 2 महीने से ज्यादा बैठ