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Dinesh Kumar Pandey
White ज़िंदगी के कुछ तार उलझे उलझे से , उन्हें उलझे ही रहने दो। अगर सुलझ गए तो कई राज़ खुल जाएंगे। चाहता नहीं मैं, कि कोई बेपर्दा हो, घर की बात घर में ही दफ़न हो जाने दो। ©Dinesh Kumar Pandey hindi poetry on life
hindi poetry on life
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White जो हँसना चाहता है, उसे भी रोना सिखा देती है, यह ज़िंदगी है साहब, ज़िंदों को भी मुर्दा बना देती है। सपने दिखाती है पल-पल, फिर उन्हें तोड़ भी जाती है, यह ज़िंदगी है साहब, पल में अपने रंग बदल जाती है। ©Dinesh Kumar Pandey hindi poetry on life
hindi poetry on life
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Unsplash अजीब किरदार है मेरी ज़िंदगी का, सच बोलूँ तो कोई मानता नहीं, झूठ सदा सब मान लेते हैं। कैसी छवि बना ली है मैंने इस झूठी दुनिया में, अब नकाब पहनकर ही जी लेता हूँ।। ©Dinesh Kumar Pandey hindi poetry on life
hindi poetry on life
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माना जीवन में अँधियारा है ऋषि पर, जुगनू कब रातों से हारा है माना राहों में कांटे हैं बहुत ऋषि पर पावों में भी छाले हैं पर इन्ही अंधेरों के आगे जीवन के उजाले हैं !! तुमको हर पथ पर चलना होगा ऋषि, हर मुश्किल से खुद लड़ना होगा ऋषि ! पल पल हिम्मत जुटानी होगी तब जाकर सफल कहानी होगी ऋषि आंधी हो तूफान हो या कोई सैलाब हो तुम ऋषि , तुमको खुद में विश्वास है रखना चाहे दुनिया खिलाफ हो ऋषि! अपनी नइया के तुम्ही खेवइया, तुमको पार लगाना है ऋषि ! लहरें है विपरीत तुम्हारे, तुमको उन्हें हराना है ऋषि ! सब संभव कर दिखलाना है ! हर मुश्किल से लड़ जाना है ऋषि..!! माना समय बुरा है लेकिन अच्छा समय भी आएगा ऋषि! मेहनत यदि जारी रखे तो सब कुछ तुमको मिल जाएगा ऋषि!! जब राह ही तुमने कठिन चुना है तो फिर आपा क्यों खोते हो ऋषि । जब जीतना तुम्हें हर युध्द ही है फिर आलस में क्यों सोते हो ऋषि!! मंजिल इतनी आसान होगी इस भ्रम को खुद से दूर रखो ऋषि! हर मुश्किल से टकरा लोगे इतना खुद को मजबूत रखो ऋषि !! आज मिल रहे तानों से तुम धैर्य न अपना खोने देना ! तुम मेहनत का हथियार पकड़ना जो होता है होने देना !! लफ्ज़ ए समीर...✍️ ©sameer Kumar # hindi poetry on life
Rishi Ranjan
Unsplash " अलविदा कहना पड़ रहा.... " मेरे सभी BPSC PGT शिक्षक प्रशिक्षु आने वाला पल अब एक दास्ताँ में बदल रहा... एक पल में अर्सा गुजरने का दौर भी अब थम रहा.... आ गया वो मोड़ जिसमें अलविदा कहना पड़ रहा... क्लास और लंच वालीं कहानी होंगी खत्म... अब अलग होंगे विद्यालय एवं लेकिन मकसद होंगे केवल एक वो है अपने बच्चों की गुणवत्तापूर्ण शिक्षा... छह दिनों के प्रशिक्षण सब कितने जल्दी हो गए.... एक पल में अर्सा गुजरने का दौर भी अब थम रहा.... आ गया वो मोड़ जिसमें अलविदा कहना पड़ रहा है.... Bpsc शिक्षक बने हुए आए थे प्रशिक्षण ले कर जा रहे... सेमिनार हॉल के सांस्कृतिक कार्यक्रम सब कितने जल्दी हो गए... हाथ में certificate मिला और हम सभी बुनियादी रूप से भी शिक्षक हो गए.... एक पल में अर्सा गुजरने का दौर भी अब रहा.... आ गया वो मोड़ जिसमें अलविदा कहना पड़ रहा है.... मेरे दोस्तों ध्यान से देख लो कहीं कुछ छुटा ना हो... कहीं आपकी वज़ह से किसी का दिल रूठा न हो... भूलकर सब रंजिशें सब एक दूसरे से मिल लो.... क्युकी जा रहा ये वक़्त अब दुबारा आने से रहा.... दिल थाम कर आंखे पोंछ कर अलविदा कहना पड़ रहा... मेरे BPSC PGT शिक्षक ये साथ का पल अब एक दास्ताँ में बदल रहा... आ गया वो मोड़ जिसमें अलविदा कहना पड़ रहा है..... अलविदा कहना पड़ रहा.... धन्यवाद और आभार आप सबों को.... ©Rishi Ranjan #Book #poems #Life hindi poetry on life love poetry in hindi poetry in hindi poetry quotes