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Prakash writer05

#Thinking कोट्स *Meri akhari post thanks all nojoto friends* मेरी लाश को अब उठाना नहीं है, मैं मर तो गया हूँ जलाना नहीं है। हंसी म

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Prakash writer05

#Thinking कोट्स *Meri akhari post thanks all nojoto friends* मेरी लाश को अब उठाना नहीं है, मैं मर तो गया हूँ जलाना नहीं है। हंसी म

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White *Meri akhari Post thanks all nojoto friends*

मेरी  लाश  को  अब  उठाना नहीं है,
मैं मर  तो  गया  हूँ जलाना नहीं है।

हंसी  मेरी  ऐसे  रहेगी  हमेशा,
फ़क़त  माँ को  ये  सब बताना नहीं है।

पिताजी को भी तुम ख़बर ये ही करना,
मैं रूठा  हूँ अब घर पर आना नहीं है।

©Prakash writer05 #Thinking  कोट्स
*Meri akhari post thanks all nojoto friends*
मेरी  लाश  को  अब  उठाना नहीं है,
मैं मर  तो  गया  हूँ जलाना नहीं है।

हंसी  म

Keshav pratap Kannaujia

#Thinking हीरे को हीरे से और कीचड़ को,,,,,,,,

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White अगर हमें कोई गाली देता है या भला बुरा कहता है तो कहे,लेकिन हम उसे भला बुरा ना कहें।
क्योंकि हीरे को हीरे से तरासा जा सकता है किंतु कीचड़ से कीचड़ को साफ़ नहीं किया जा सकता।।

©Keshav pratap Kannaujia #Thinking हीरे को हीरे से और कीचड़ को,,,,,,,,

PRIYA SINHA

💌"प्रेम पत्र"📝

प्यार के पन्नों पर , 
प्यार की स्याही से -
लिखे थे मैंने कुछेक , 
प्यार भरे अल्फ़ाज़ ;
पर बहुत अफ़सोस - 
किसी को समझ नहीं आया ;
कभी कोई पढ़ हीं ना पाया ;
तो किसी को रास आया नहीं , 
मेरा प्यार-ए-बयां अंदाज़ ! 
कोई चला गया पन्ने पलट कर ;
तो कोई चला गया मुझसे हीं , 
बहुत बड़ा छल - कपट कर ! 
कोई चला गया प्यार के पन्नों , 
को हीं बेरहमी से फाड़ कर ;
तो कोई खुश होता रहा बहुत , 
मुझे हर-पल जीते-जी मारकर  ! 

प्रिया सिन्हा 𝟐𝟏 जनवरी 𝟐𝟎𝟐𝟓.
(मंगलवार)

©PRIYA SINHA #प्रेम #पत्र

Health Is Wealth DK

अगर हम स्वाद को छोड़ दें तो शरीर को फायदा।

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Health is wealth dk

©Health Is Wealth DK अगर हम स्वाद को छोड़ दें तो शरीर को फायदा।

Shashi Bhushan Mishra

#श्रद्दावान एकलव्यों को#

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तुम्हें पता अधिकारों का है 
भुला   दिया  कर्तव्यों  को,
कैसे   कोई   भूल  पाएगा
दिये    हुए   वक्तव्यों   को,

तौर  तरीके  बदले  सबने 
अपने  उच्च  विचारों   से,
बदल  सकेगा  कोई कैसे 
लोगों   के   मंतव्यो   को,

मेले में  प्रवास  करने को 
संगम  हुआ  सितारों का,
कहां से आए  किसे पता 
लौटेंगे  फिर  गंतव्यों को,

कर्म प्रधान  धरा है इसमें
फल पर  कोई  जोर नहीं,
बदल  सकेगा  कौन यहां
जीवन के  भवतव्यों  को,

ज्ञान ध्यान आनन्द प्रेम है 
विषय हृदय का ही 'गुंजन',
द्रोणाचार्य मिले हर युग में 
श्रद्धावान  एकलव्यों  को, 
-शशि भूषण मिश्र 'गुंजन'
    प्रयागराज उ०प्र०

©Shashi Bhushan Mishra #श्रद्दावान एकलव्यों को#

unique writer

उन सब बातों को

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Tripurari Pandey

#Newyear2025 सभी को

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New Year 2025 नूतन वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं 💐💐🙏🙏✍️

©Tripurari Pandey #Newyear2025 सभी को

RAMLALIT NIRALA

जिवन को जिना है तो दूसोरो को रूलाना छोड दो

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F M POETRY

#थामा था एक पल को तेरे हाथ को हमने...

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Unsplash थामा था एक पल को तेरे हाथ को हमने..

आती है मुसलसल तुम्हारे हाथ कि खुश्बू..



यूसुफ़ आर खान....

©F M POETRY #थामा था एक पल को तेरे हाथ को हमने...
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