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Lotus Mali
White तुला आठवते का रे? परतीच्या त्या वाटेवर शपथ दिली घेतलेली तुला आठवते का रे? भेटीत त्या पानावलेली डोळे पुन्हा कधी भेटणार हा प्रश्न तुला आठवते का रे? तू मला बोललास हा क्षण इथेच थांबावा त्यातच सारे आयुष्य सरावे तुझे नी माझे तेही तुला आठवते का रे? थांब जरा वेळ म्हणून हात धरून मारलेली ती मिट्टी खरंच तुला आठवते का रे? का हे सर्व क्षण आता फक्त उन् फक्त माझ्याच आठवणीत राहणार का रे? https://lotusshayari.blogspot.com/ ©Lotus Mali #love_shayari तुला आठवते का रे? परतीच्या त्या वाटेवर शपथ दिली घेतलेली तुला आठवते का रे?
#love_shayari तुला आठवते का रे? परतीच्या त्या वाटेवर शपथ दिली घेतलेली तुला आठवते का रे?
read moreMohan raj
White अंधकार के मार्ग पर चलने से बेहतर है कि प्रकाश के मार्ग पर चलें और अपने जीवन को प्रकाशित करें अन्धकारमार्गे गमनात् प्रकाशमार्गे गमनं जीवनं प्रकाशयितुं च श्रेयस्करम्। It is better to walk on the path of light and illuminate your life than to walk on the path of darkness Dhanyawad Har Har Mahadev ©Mohan raj #Life Lessons Motivational My Voice अन्धकारमार्गे गमनात् प्रकाशमार्गे गमनं जीवनं प्रकाशयितुं च श्रेयस्करम्।
Life Lessons Motivational My Voice अन्धकारमार्गे गमनात् प्रकाशमार्गे गमनं जीवनं प्रकाशयितुं च श्रेयस्करम्।
read moreMohan raj
एक योगी को योग में निपुण होने का अधिकार है और उसे योग में सिद्ध योगी बनने का प्रयास करना चाहिए। A yogi has the right to become perfect in yoga and he should strive to become a perfect yogi in yoga. योगिनः योगे सिद्धः भवितुम् अधिकारः अस्ति तथा च सः योगे सिद्धः योगी भवितुम् प्रयत्नः करणीयः। Dhanyawad Har Har Mahadev ©Mohan raj #Life Lessons Shiv Bhakti योगिनः योगे सिद्धः भवितुम् अधिकारः अस्ति तथा च सः योगे सिद्धः योगी भवितुम् प्रयत्नः करणीयः।
Life Lessons Shiv Bhakti योगिनः योगे सिद्धः भवितुम् अधिकारः अस्ति तथा च सः योगे सिद्धः योगी भवितुम् प्रयत्नः करणीयः।
read moreGanesh joshi
White अप्रियस्य च पथ्यस्य वक्ता श्रोता च दुर्लभः । अर्थ : अप्रिय हितकर वचन बोलनेवाला और सुननेवाला दुर्लभ है ©Ganesh joshi #story #status #motivatation #mtivational #Animals अप्रियस्य च पथ्यस्य वक्ता श्रोता च दुर्लभः । #अर्थ : #अप्रिय #हितकर #वचन बोलनेवाला और
#story #status #motivatation #mtivational #Animals अप्रियस्य च पथ्यस्य वक्ता श्रोता च दुर्लभः । अर्थ : #अप्रिय #हितकर #वचन बोलनेवाला और #Motivational
read moreN S Yadav GoldMine
White यदा यदा हि धर्मस्य ग्लानिर्भवति भारत। अभ्युत्थानमधर्मस्य तदात्मानं सृजाम्यहम्॥ परित्राणाय साधूनां विनाशाय च दुष्कृताम्। धर्म संस्थापनार्थाय सम्भवामि युगे युगे॥ प्रह्लाद ने कहा-पिताजी! मैंने जो पढ़ा है वह सुनिये-l श्रवणं कीर्तनं विष्णो: स्मरणं पादसेवनम्। अर्चनं वन्दनं दास्यं सख्यमात्मनिवेदनम्॥ {Bolo Ji Radhey Radhey} (श्रीमद्भा० ७।५।२३) जय श्री राधे कृष्ण जी...... 'भगवान् विष्णु के नाम और गुणों का श्रवण एवं कीर्तन करना, भगवान् के गुण, प्रभाव, लीला और स्वरूप का स्मरण करना, भगवान् के चरणों की सेवा करना, भगवान् के विग्रह का पूजन करना और उनको नमस्कार करना, दास भाव से आज्ञा का पालन करना, सखा-भाव से प्रेम करना और सर्व स्वसहित अपने-आपको समर्पण करना।' ऐसी बात सुनकर हिरण्यकशिपु चौंक पड़ा और उसने पूछा-यह बात तुझे किसने सिखायी? मेरे राज्य में मेरे परम शत्रु विष्णु की भक्ति का उपदेश देकर मेरे हाथ से कौन मृत्यु मुख में जाना चाहता है? ©N S Yadav GoldMine #good_night यदा यदा हि धर्मस्य ग्लानिर्भवति भारत। अभ्युत्थानमधर्मस्य तदात्मानं सृजाम्यहम्॥ परित्राणाय साधूनां विनाशाय च दुष्कृताम्। धर्म
#good_night यदा यदा हि धर्मस्य ग्लानिर्भवति भारत। अभ्युत्थानमधर्मस्य तदात्मानं सृजाम्यहम्॥ परित्राणाय साधूनां विनाशाय च दुष्कृताम्। धर्म #भक्ति
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White यदा यदा हि धर्मस्य ग्लानिर्भवति भारत। अभ्युत्थानमधर्मस्य तदात्मानं सृजाम्यहम्॥ परित्राणाय साधूनां विनाशाय च दुष्कृताम्। धर्म संस्थापनार्थाय सम्भवामि युगे युगे॥ प्रह्लाद ने कहा-पिताजी! मैंने जो पढ़ा है वह सुनिये-l श्रवणं कीर्तनं विष्णो: स्मरणं पादसेवनम्। अर्चनं वन्दनं दास्यं सख्यमात्मनिवेदनम्॥ {Bolo Ji Radhey Radhey} (श्रीमद्भा० ७।५।२३) जय श्री राधे कृष्ण जी...... 'भगवान् विष्णु के नाम और गुणों का श्रवण एवं कीर्तन करना, भगवान् के गुण, प्रभाव, लीला और स्वरूप का स्मरण करना, भगवान् के चरणों की सेवा करना, भगवान् के विग्रह का पूजन करना और उनको नमस्कार करना, दास भाव से आज्ञा का पालन करना, सखा-भाव से प्रेम करना और सर्व स्वसहित अपने-आपको समर्पण करना।' ऐसी बात सुनकर हिरण्यकशिपु चौंक पड़ा और उसने पूछा-यह बात तुझे किसने सिखायी? मेरे राज्य में मेरे परम शत्रु विष्णु की भक्ति का उपदेश देकर मेरे हाथ से कौन मृत्यु मुख में जाना चाहता है? ©N S Yadav GoldMine #good_night यदा यदा हि धर्मस्य ग्लानिर्भवति भारत। अभ्युत्थानमधर्मस्य तदात्मानं सृजाम्यहम्॥ परित्राणाय साधूनां विनाशाय च दुष्कृताम्। धर्म
#good_night यदा यदा हि धर्मस्य ग्लानिर्भवति भारत। अभ्युत्थानमधर्मस्य तदात्मानं सृजाम्यहम्॥ परित्राणाय साधूनां विनाशाय च दुष्कृताम्। धर्म #भक्ति
read moreMohan raj
समर्पण से भक्ति में प्रेम बढ़ता है और विश्वास जागता है समर्पणं प्रेमवर्धनं भक्तिश्रद्धां च जागरयति। With dedication, love increases in devotion and faith awakens Dhnyvaad Har Har Mahadev ©Mohan raj #Life Lessons Shiv Bhakti समर्पणं प्रेमवर्धनं भक्तिश्रद्धां च जागरयति।
#Life Lessons Shiv Bhakti समर्पणं प्रेमवर्धनं भक्तिश्रद्धां च जागरयति।
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