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Shyarana Andaaz (अज्ञात)
तेरे जाने के बाद महसूस हुआ है तू नहीं गया तेरे साथ एक पूरी दुनिया थी।। ©Shyarana Andaaz (अज्ञात) #दुनिया
TAPAN MANDAL
White मैं, तुम,हम बन गयी एक नयी दुनिया। ©TAPAN MANDAL # मेरी दुनिया
# मेरी दुनिया
read moreनवनीत ठाकुर
ख्वाहिशों का कारवां थमता नहीं कभी, एक नए ख्वाब का इंतज़ार बाकी है। हर ख्वाहिश की मंज़िल न मिले हमें, फिर भी आँखों में सपनों का सफर बाकी है।। दोस्ती की राहों में कई मोड़ आते हैं, हर मुश्किल में एक साथी का साथ बाकी है। दूरियाँ कुछ पल की ही सही, मगर दिल में दोस्ती का एहसास बाकी है।। सच की राह में काँटों की कमी नहीं, झूठ की चमक से मगर दूर रहना बाकी है। हर छलावे से बच निकले जो हौंसले से, उस सच की जीत का यकीन बाकी है।। जुनून की आग में सपनों की तपिश है, हर कोशिश में वो लहू का रंग बाकी है। थकान की हर दीवार को लांघने का इरादा, इस जुनून में हर ख्वाब को पाना बाकी है।। तारों की रात में खामोशी कुछ कह रही है, हर तारे में उसकी झलक बाकी है। आसमान की गोद में वो सपने संजोए, इस रात को एक नया सवेरा लाना बाकी है।। ©नवनीत ठाकुर #इंतेज़ार बाकी है
#इंतेज़ार बाकी है
read moreनवनीत ठाकुर
मुसाफिर हूँ मैं, सफर की कोई मंजिल नहीं, हर मोड़ पे कोई नई दास्तान बाकी है। कदम कदम पर मिलते हैं कुछ हमसफर, मगर इस राह में अकेले चलने का इरादा बाकी है।। वक्त की चाल ने कितने राज़ छुपा रखे हैं, हर लम्हे में एक तजुर्बा बाकी है। बीते वक्त को कभी रोक न सके हम, मगर हर आने वाले लम्हे से मिलना बाकी है।। बरसात में हर बूंद में उसका एहसास बहता है, यादों की बारिश में उसका नाम बाकी है। भीगी ज़मीं पर वो पाँव के निशाँ छोड़ जाए, ऐसे मौसम में उसका आना बाकी है।। खामोशी में भी एक गूंज सी बसी रहती है, हर सन्नाटे में कोई बात बाकी है। ये खामोश लब्ज़ कुछ कहने को हैं आतुर, बस सुनने वाला कोई अजनबी बाकी है।। ©नवनीत ठाकुर #उसका आना बाकी है
#उसका आना बाकी है
read moreनवनीत ठाकुर
मंजिल मंजिलों की तलाश में भटकते हैं दर-ब-दर, रास्तों की हर ठोकर का हमें हिसाब बाकी है। काँटों की चुभन से हम यूँ न डरें कभी, हर ज़ख्म पे मरहम का एक ख्वाब बाकी है। ख़्वाब ख़्वाबों का जाल है, पर हकीकत में धागे कमजोर, हर ख़्वाब पूरा करने की अब भी चाहत बाकी है। टूटते हैं रोज़, मगर चूर नहीं होते, हर रात में सवेरा लाने की आदत बाकी है। इश्क़ इश्क़ का ये सफर है, रास्ते भी अनजाने हैं, उसके मिलने की उम्मीद अब भी बाकी है। रूह की गहराईयों में जो उसकी याद बसी है, उसे साँसों में समाने की मोहब्बत बाकी है। जिंदगी जिंदगी की गलियों में हर मोड़ एक इम्तिहान है, हिम्मत से चलने की हममें ताकत बाकी है। आँधियाँ आएँगी, चलेंगी, थम जाएँगी, कदम बढ़ाने की हसरत बाकी है। तन्हाई तन्हाई की राहों में चुप्पी का कारवां संग है, इस खामोशी में एक साज सुनना बाकी है। किसी अजनबी की आवाज़ मिले कभी, इस तन्हा सफर का हमसफर बाकी है। ©नवनीत ठाकुर मंज़िल की तलाश अभी बाकी है
मंज़िल की तलाश अभी बाकी है
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