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Mohan Sardarshahari
ये चहकती चिड़ियां ये खिलखिलाते फूल यह मासूम सी बच्ची चुन रही प्यारे-प्यारे फूल आड़ में इनकी तेरा हाल-ए- दिल कबूल मिल ना पाये तो क्या हुआ सब देख रहा रसूल ।। ©Mohan Sardarshahari हाल-ए-दिल
हाल-ए-दिल
read moreTripurari Pandey
Unsplash अपने लोग भी क्या खूब होते हैं वो नमक भी वहीं डालते हैं जहां जख्म भी खूब होते हैं । ©Tripurari Pandey हकीकत ए ज़िंदगी
हकीकत ए ज़िंदगी
read moreVaseem Qureshi
--- ये #दर्द ऐसे मेरे दिल में आ कर बैठते हैं... जैसे लोग #मजारों पर जा कर बैठते हैं..! --- 💔 ©Vaseem Qureshi #दर्द ए मज़ार
#दर्द ए मज़ार
read moreNeeraj
मेरी अपनी है मंज़िल मेरी अपनी दौड़ ऐ राह भटके मुसाफिर सब दुनियादारी छोड़ जा पाले अपनी मंज़िल लगा दे पूरा ज़ोर मेरी अपनी है मंज़िल मेरी अपनी दौड़ ©Neeraj #kavita #motivate 'अपनी मंज़िल अपनी दौड़'
Adv. Rakesh Kumar Soni (अज्ञात)
White उनकी चाहतें थीं मुझसे मैं उनकी चाहत न था.. ©Adv. Rakesh Kumar Soni (अज्ञात) #दर्द-ए-दिल
#दर्द-ए-दिल
read moreAdv. Rakesh Kumar Soni (अज्ञात)
White निकलकर उनके दिल से घूमने का मन है कितना तो गिरे अब सम्भलने का मन है कह सकते हैं अब वो भी हमें मतलबी वो बदले तो अपना भी बदलने का मन है ©Adv. Rakesh Kumar Soni (अज्ञात) #हाल-ए-दिल
#हाल-ए-दिल
read moreKulwant singh
हाथ में मेंहदी पांव महावार मांग सजाना कुमकुम को। उसके साथ तो पड़ेगा जाना जो घोड़ीचढ़ लेने आयेगा तुमको। रुखसत होकर तुम मुझसे साजन के घर जाओगी। पर मुझको तुम भूल ना जाना पाकर अपने प्रीतम को। ©Kulwant singh #रुखसत ए गम
#रुखसत ए गम
read moreहिमांशु Kulshreshtha
White ए जिन्दगी कुछ कदम तो और चल मुझे सुकून के चंद पलों का इंतजार है ©हिमांशु Kulshreshtha ए जिंदगी...
ए जिंदगी...
read moreनवनीत ठाकुर
मंजिल मंजिलों की तलाश में भटकते हैं दर-ब-दर, रास्तों की हर ठोकर का हमें हिसाब बाकी है। काँटों की चुभन से हम यूँ न डरें कभी, हर ज़ख्म पे मरहम का एक ख्वाब बाकी है। ख़्वाब ख़्वाबों का जाल है, पर हकीकत में धागे कमजोर, हर ख़्वाब पूरा करने की अब भी चाहत बाकी है। टूटते हैं रोज़, मगर चूर नहीं होते, हर रात में सवेरा लाने की आदत बाकी है। इश्क़ इश्क़ का ये सफर है, रास्ते भी अनजाने हैं, उसके मिलने की उम्मीद अब भी बाकी है। रूह की गहराईयों में जो उसकी याद बसी है, उसे साँसों में समाने की मोहब्बत बाकी है। जिंदगी जिंदगी की गलियों में हर मोड़ एक इम्तिहान है, हिम्मत से चलने की हममें ताकत बाकी है। आँधियाँ आएँगी, चलेंगी, थम जाएँगी, कदम बढ़ाने की हसरत बाकी है। तन्हाई तन्हाई की राहों में चुप्पी का कारवां संग है, इस खामोशी में एक साज सुनना बाकी है। किसी अजनबी की आवाज़ मिले कभी, इस तन्हा सफर का हमसफर बाकी है। ©नवनीत ठाकुर मंज़िल की तलाश अभी बाकी है
मंज़िल की तलाश अभी बाकी है
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