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Shilpa Yadav
White दो वर्ष के प्रेम में पड़ ,जो यूं जीवन करती अपना सर्वनाश हैं कुकर्म करें जो दुहिता जब , ये घटना सदैव बड़ी ही शर्मनाक है वो लड़कियां जो अपने माता पिता के प्रेम को तोड़े पल भर में नव नवीन चेहरे अधर की सस्मित के खातिर खेले कीचडतल में लज्जित कर कुनुबा को क्यूं करते विनय औ चरित्रहीन काम हैं जीवन में अंधियारा होगा जिनकी आंखों में सलिल नहीं शाम हैं ©Shilpa Yadav विद्यालय से लौटते समय बस में मिली एक महिला के संग बैठने पर उसकी व्यथा सुन मेरी लेखनी से एक आवाज उभरी है ।। #milan_night #daughtershame#mytho
विद्यालय से लौटते समय बस में मिली एक महिला के संग बैठने पर उसकी व्यथा सुन मेरी लेखनी से एक आवाज उभरी है ।। #milan_night #daughtershamemytho #MyThought #dayari #MyReview
read moreNeelam Modanwal ..
White ओ लेखनी विश्राम कर अब और यात्रायें नहीं मंगल कलश पर काव्य के अब शब्द के स्वस्तिक न रच अक्षम समीक्षायें परख सकतीं न कवि का झूठ सच लिख मत गुलाबी पंक्तियाँ गिन छ्न्द, मात्रायें नहीं बन्दी अधेंरे कक्ष में अनुभूति की शिल्पा छुअन वादों विवादों में घिरा साहित्य का शिक्षा सदन अनगिन प्रवक्ता हैं यहाँ बस छात्र छात्रायें नहीं............................ ✍️🙏🙏 ©Neelam Modanwal ओ लेखनी विश्राम कर अब और यात्रायें नहीं मंगल कलश पर काव्य के अब शब्द के स्वस्तिक न रच अक्षम समीक्षायें परख सकतीं न
ओ लेखनी विश्राम कर अब और यात्रायें नहीं मंगल कलश पर काव्य के अब शब्द के स्वस्तिक न रच अक्षम समीक्षायें परख सकतीं न #कोट्स
read moreIrfan Saeed
White अंधेरे चीखते है खिड़कियां आवाज़ देती है बहरी हुकूमत अंधों को ही काज देती है जुल्मों सितम से अक्सर लड़ते है कलमकार गूंगों को भी लेखनी, अल्फ़ाज़ देती है मीडिया भी झूठ का स्कूल हो गया झूठों को बोलने का अंदाज़ देती है वक्त कभी एक सा रहता नही "इरफान" मुफलिस को ज़िंदगी भी कभी ताज देती है ©Irfan Saeed अंधेरे चीखते है खिड़कियां आवाज़ देती है बहरी हुकूमत अंधों को ही काज देती है जुल्मों सितम से अक्सर लड़ते है कलमकार गूंगों को भी लेखनी, अल्
अंधेरे चीखते है खिड़कियां आवाज़ देती है बहरी हुकूमत अंधों को ही काज देती है जुल्मों सितम से अक्सर लड़ते है कलमकार गूंगों को भी लेखनी, अल् #Shayari #gazal #Sad_shayri
read moreAlpha_Infinity
White बेशक तेरे इश्क का बुखार उतर गया। जालिम तेरे जीवन में कोई और ही आ गया। मेरी समझ ना समझ जैसी थी, पर अब लिखने का कोई फायदा ना था। खत्म हो गया है जब ये सब। रोने का कोई फायदा ना था। ©Alpha_Infinity पता नहीं क्या ही दिक्कत थी, उनको कभी हमारी लेखनी भी अच्छी ना लगी। तारीफ भी किसी और की, प्यार भी किसी और से। चलो कोई नहीं वो अपने जीवन में खु
पता नहीं क्या ही दिक्कत थी, उनको कभी हमारी लेखनी भी अच्छी ना लगी। तारीफ भी किसी और की, प्यार भी किसी और से। चलो कोई नहीं वो अपने जीवन में खु #flowers #SAD #लाइफ #piano #Alpha_Infinity
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