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Parasram Arora
White हमारी इस खूबसूरत मुहब्बत का अंत भी झूबसूरत होना चाहिए लेकिम इस प्यार के अंत होने से पहले हमें इसे मुंहबत क़ी कसोटी पर परख लेना चाहिए ©Parasram Arora खूबसूरत अंत
खूबसूरत अंत
read morePraveen Jain "पल्लव"
पल्लव की डायरी सियासतों के साथ हुआ खूब दंगल वायदे खूब परवान चढ़े दिल दिल्ली का उसने जीता डबल इंजन की सरकार का आगाज हुआ है खूब उछली इज्जत दिल्ली की चुनावो में मतों का विभाजन खूब हुआ जीरो सीट लाकर कांगेस इतराती केजू का बंटाहार हुआ है झाड़ू की सफाई के बाद कमल खिला मगर सदमा फ्री बिजली पानी और बसों का लगा है मेहमानबाजी में दिल्ली वन है पूरे भारत का दर्शन यहाँ होता है दिल्ली का दिल जीतने के लिये पूरा दामोदार नई सरकार की नीतियों पर टिका है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" #delhiearthquake डबल इंजन की सरकार का आगाज हुआ है
#delhiearthquake डबल इंजन की सरकार का आगाज हुआ है
read moreParasram Arora
White जिस फुल को सुबह मैंने उगते देखा था उसी सांझ उसे मैंने मुरझा कर धरती पर बिखरते देखा. और ये भी सच है उसी फूल को मैंने सुबह हँसते और महकरे हुए देखा था लेकिन उसी साँझ उसे मैने धरती पर उसे दहाड़े मार कर रोते हुए भी देखा था ©Parasram Arora फुल का उदय और अंत
फुल का उदय और अंत
read moreBhupendra Rawat
मैं प्यार का इकरार कैसे करता मैं खुशी का इज़हार कैसे करता तूने छोड़ दिया था मुझे मंझधार मे तो, मैं तेरा इंतज़ार कैसे करता ©Bhupendra Rawat मैं प्यार का इकरार कैसे करता मैं खुशी का इज़हार कैसे करता तूने छोड़ दिया था मुझे मंझधार मे तो, मैं तेरा इंतज़ार कैसे करता शायरी वीडियो खूबसू
मैं प्यार का इकरार कैसे करता मैं खुशी का इज़हार कैसे करता तूने छोड़ दिया था मुझे मंझधार मे तो, मैं तेरा इंतज़ार कैसे करता शायरी वीडियो खूबसू
read morepuja udeshi
रास्ता एक है जाने का चाहे उम्र का पड़ाव हो ये मृत्यु का आगमन होना तो है एक दिन घबराना नहीं हस्ते हुऐ स्वागत करना बुढ़ापे का और अंत का..... ©puja udeshi #बुढ़ापा #अंत #pujaudeshi
Shyarana Andaaz (अज्ञात)
New Year 2024-25 ये वर्ष का अंत नहीं एक अध्याय का अंत है, अंत है कुछ मेरा अंत कुछ मेरे शब्दों का है।। थे कुछ जज्बात जो पिघल गए, टूट गए ये मेरी तासीर की गई कहानी का अंत हैं।। उठाएंगे जनाजा ए दिल हम फिर भी आज ये मेरे जीवन का नहीं, मेरी जीने की आरजू का अंत है।। खिलेंगे कुछ फूल मजार ए मोहब्बत पे ये मेरी खुद से की गई अज्म का अंत है।। किरदार न आंका मेरा, न समझी मेरी सीरत चलो छोड़ो, हुआ सबकी उलझनों का अंत है।। कोई शिकवा नहीं गर एक शिकस्त जरूर है ये मेरे बार बार हारने की प्रक्रिया का अंत है।। ©Shyarana Andaaz (अज्ञात) #NewYear2024-25 Title:- ये अंत है।। #31December2024 #newyear #अंत #शायरी #कुछ_टूटे_अरमान #राहतइंदौरी #मेरा_अंत_है
NewYear2024-25 Title:- ये अंत है।। 31December2024 newyear अंत शायरी कुछ_टूटे_अरमान राहतइंदौरी मेरा_अंत_है
read moreShyarana Andaaz (अज्ञात)
ये वर्ष का अंत नहीं एक अध्याय का अंत है, अंत है कुछ मेरा अंत कुछ मेरे शब्दों का है।। थे कुछ जज्बात जो पिघल गए, टूट गए ये मेरी तासीर की गई कहानी का अंत हैं।। उठाएंगे जनाजा ए दिल हम फिर भी आज ये मेरे जीवन का नहीं, मेरी जीने की आरजू का अंत है।। खिलेंगे कुछ फूल मजार ए मोहब्बत पे ये मेरी खुद से की गई अज्म का अंत है।। किरदार न आंका मेरा, न समझी मेरी सीरत चलो छोड़ो, हुआ सबकी उलझनों का अंत है।। कोई शिकवा नहीं, गर एक शिकस्त जरूर है ये मेरे बार बार हारने की प्रक्रिया का अंत है।। ©Shyarana Andaaz (अज्ञात) Title:- ये अंत है।। #31December2024 #newyear #अंत #शायरी #कुछ_टूटे_अरमान #राहतइंदौरी #मेरा_अंत_है
Title:- ये अंत है।। 31December2024 newyear अंत शायरी कुछ_टूटे_अरमान राहतइंदौरी मेरा_अंत_है
read moreAnamika Raj
White शुरुआत में तो सब अपने लगते हैं मसला तो अंत तक का है!❣️ ©Anamika Raj शुरुआत में तो सब अपने लगते हैं मसला तो अंत तक का है!❣️
शुरुआत में तो सब अपने लगते हैं मसला तो अंत तक का है!❣️
read moreDeath_Lover
Unsplash ज़िन्दगी की तलाश में निकला था, मौत का हर मन्ज़र देखा घर में उजाले के लिए, लाशों से गुज़रता सिर्फ़ एक ही खंज़र देखा थक-हारकर किसी किनारे बैठा, बैठते ही शांत सिर्फ़ समन्दर देखा जो चलते हैं, चल रहे हैं और आगे चलेंगे भी, शान में उनकी सिर्फ़ सिकन्दर देखा ज़िन्दगी की तलाश में निकला था "मक़सूद", मैंने अन्त में सिर्फ़ मौत का ही हर मन्ज़र देखा.... ©Death_Lover #lovelife #प्रेम #मौत #जीवन #अंत #अनन्त
Gondwana Sherni 750
Unsplash मै खुद से कुछ कहना चाहती हु पर कह नहीं पा रही की मुझे कुछ नहीं चाहिए न परिवार न प्यार ना दोस्त ना सुकून क्यों कि मुझे और दर्द सहने की क्षमता नहीं है वो दर्द जो छोटे छोटे बाते सुनाने से वो दर्द जो मेरा मजाक बनाने से होती है वो दर्द जब खुद कुछ करना चाहो तब कुछ कर न पाओ सुकुन से ना किसी को याद कर सकू ना किसी को भूल सकू ना अच्छे से सो सकू हा मै यही चाहती हु की मैं जब आज सोउ तब कल मैं ना उठूं क्यों कि सहन करने की क्षमता मुझमें नहीं है हा मै नहीं चाहती इस दुनिया में रहना क्यों कि मैं खुद को संभालने में असमर्थ हूं उम्मीद दूसरों से कर नहीं सकती जो मन में है उसे मै किसी को बात नहीं सकती क्यों कि मुझे उम्मीद किसी से लगाना ही नहीं है इस लिए मैं अपने पुरखो के पास प्रकृति में विलीन चाहती हु मै दूर जाना चाहती हूं सब से preeti Uikye 18/12/24 ©Gondwana Sherni 750 #traveling अंत
#traveling अंत
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