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Er.sonusitaram Dhanuk
चेहरे की सिलवटे,, बता रही है कि.. शख्स मौन होकर दहाड़ा बहुत है..। ©Er.sonusitaram Dhanuk चेहरे की सिलवटे,, बता रही है कि.. शख्स मौन होकर दहाड़ा बहुत है..। CR suman kadvasra
Poet Kuldeep Singh Ruhela
White #एक दिन चला जाऊंगा तुम सबसे जुदा होकर फिर बुलाने पर भी किसी के न आऊंगा में कभी जीते जी पढ़ लिया करो मेरी शायरी को मेरे यारो नही तो भूत बनकर सबको सताने आ जाया करूंगा ! ©Poet Kuldeep Singh Ruhela #Dosti #एक दिन चला जाऊंगा तुम सबसे जुदा होकर फिर बुलाने पर भी किसी के न आऊंगा में कभी जीते जी पढ़ लिया करो मेरी शायरी को मेरे यारो
Shivkumar
White भूलना चाहो तो भी याद हमारी आएगी , दिल की गहराई मे हमारी तस्वीर बस जाएगी । ढूढ़ने चले हो हमसे बेहतर दोस्त, तलाश हमसे शुरू होकर हम पे ही ख़त्म हो जाएगी ।। ©Shivkumar #Dosti #दोस्त #Dostiforever #दोस्ती #Nojoto #शायरी #भूलना चाहो तो भी याद हमारी आएगी , दिल की #गहराई मे हमारी #तस्वीर बस जाएगी । ढूढ
Praveen Jain "पल्लव"
White पल्लव की डायरी गुमराह हुआ युवा राह में कई रोडे है लतो में पड़कर भविष्य डूबता क्षणिक आनन्द में डूबे है नीतियों के दल दल में फँसकर डिप्रेशन में डूबे है किया शोध किया स्टडी करे सत्ता के गलियारे मद मस्त हो कर अनपढ़ों की फौज जोड़े है भविष्य भारत का आज सिसकता अनैतिकता का बोझ,पार्टियो और दलों की बे रूखी से शर्मिंदगी देश ओढे है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" #Dosti सत्ता के गलियारे मद मस्त होकर अनपढ़ों की फौज जोड़े है #nojotohindi
MAHENDRA SINGH PRAKHAR
hanuman jayanti 2024 जन्मोत्सव हनुमान का , आया मंगलवार । चलो मनाएं हर्ष से , पावन ये त्यौहार ।। कलयुग के भगवान दो ,शानिदेव हनुमान । दोनों का पूजन करें , सभी लगाकर ध्यान ।। खुश होकर वर दे यही , जीवन हो उजियार । मंगल ही मंगल रहे , सुखी रहे परिवार ।। राम-नाम प्यारा लगे , भजते हैं दिन रैन । बोले प्रभु का दास हूँ , भजकर मिलता चैन ।। राम-नाम मिश्री यहां , चख ले जो इक बार । व्यंजन सब फीके लगे , चाहे चखो हजार ।। हृदय चीर दिखला दिए , सियाराम का वास । ऐसे उनके भक्त थे, कहते प्रभु का दास ।। जन्म उसी का है सफल , ले जो प्रभु का नाम । राम-राम जप कर यहाँ , मिले सदा आराम ।। मिट्टी का मानव यहाँ , मिट्टी से ही दूर । मिट्टी में मिलना उसे , फिर भी मद में चूर ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR जन्मोत्सव हनुमान का , आया मंगलवार । चलो मनाएं हर्ष से , पावन ये त्यौहार ।। कलयुग के भगवान दो ,शानिदेव हनुमान । दोनों का पूजन करें , सभी
MAHENDRA SINGH PRAKHAR
लिए त्रिशूल हाथों में गले में सर्प डाले हैं । सुना है यार हमने भी यही वो डमरु वाले हैं ।।१ नज़र अब कुछ इधर डालें लगा दो अर्ज़ मेरी भी। सुना हमने उसी दर से सभी पाते निवाले हैं ।।२ यही हमको निकालेंगे कभी बेटे बडे़ होकर । अभी जिनके लिए हमने यहाँ छोडे़ निवाले हैं ।।३ नहीं रोने दिया उनको पिया खुद आँख का पानी । दिखाते आँख अब वो हैं कि हम उनके हवाले हैं ।।४ किसी को क्या ख़बर पाला है मैंने कैसे बच्चों को वहीं बच्चे मेरी पगड़ी पे अब कीचड़ उछाले हैं।।५ यहाँ तुमसे भला सुंदर बताओ और क्या जग में । तुम्हारे नाम पर सजते यहाँ सारे शिवाले हैं ।।६ डगर अपनी चला चल तू न कर परवाह मंजिल की । तेरे नज़दीक आते दिख रहे मुझको उजाले हैं । ७ प्रखर भाता नहीं बर्गर उन्हें भाता नहीं पिज्जा । घरों में रोटियों के जिनके पड़ते रोज़ लाले हैं ।।९ महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR लिए त्रिशूल हाथों में गले में सर्प डाले हैं । सुना है यार हमने भी यही वो डमरु वाले हैं ।।१ नज़र अब कुछ इधर डालें लगा द
N S Yadav GoldMine
hanuman jayanti 2024 {Bolo Ji Radhey Radhey} आत्मा प्रकति से पृथक सत्ता है, ये सब किसी के भी वस में नही है, यह केवल एक उस परमसत्ता भगवान श्री कृष्ण के नियंत्रण में है, नया, पुरानापन, उतपत्ति-लय, होकर भी न होना आदि, जगत का कार्य, यह हम सबको आस्तिक भाव दर्षाता हैं।। ©N S Yadav GoldMine #hanumanjayanti24 {Bolo Ji Radhey Radhey} आत्मा प्रकति से पृथक सत्ता है, ये सब किसी के भी वस में नही है, यह केवल एक उस परमसत्ता भगवान श्र
Sudha Tripathi
White आल्हा छंद मुक्तक रामायण प्रसंग -जामवंत का हनुमान जी को आत्मबोध करना जामवंत कहते बजरंगी, चुप बन बैठे क्यों पाषाण। भूले हो क्यों अपनी क्षमता, किसमें है तेरा कल्याण।। न हो सके जो तुमसे बोलो, कठिन कौन सा ऐसा काम। नहीं जगत में तुमसा कोई,दूजा स्वीकारो हनुमान।। दीर्घकाय पर्वत से होकर,लिए शक्ति अपनी पहचान। चुका सके ऋण अनुदानों का, जीवन कर अपना बलिदान।। जो कुछ भी कर पाए उसका , नहीं कभी मन में हो दम्भ । सिंहनाद करके फौलादी,ले संकल्प किये प्रस्थान।। *सुधा त्रिपाठी* ©Sudha Tripathi #ramnavmi आल्हा छंद मुक्तक रामायण प्रसंग -जामवंत का हनुमान जी को आत्मबोध करना जामवंत कहते बजरंगी, चुप बन बैठे क्यों पाषाण। भूले हो क्य
INDIA CORE NEWS
Poonam Pathak Badaun