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Vivek
हे तारों की चित्रावली,मैंने हर तारे में,तुम्हारा जो चित्र बनाया है,उस आसमां में बैठा हुआ चांद,अपनी शर्माती पलकों से मुझे जो कहता है, वो सिर्फ़ तुम ही जानती हो...!!! ©Vivek #तारे
Anjali Singhal
"तुम्हारी याद को और कुछ नहीं है क्या काम, आकर बैठ जाती है जाती है जब देखो मेरे दिल के पास। तारे गिन-गिनकर जैसे-तैसे कटती है रात, सुबह होते
read moreनवनीत ठाकुर
White हर रात की तन्हाई में चांदनी खो जाती है, सहर की रोशनी भी धुंधली हो जाती है। जिन लम्हों ने दिल पर दस्तक दी थी कभी, उन्हें दरकिनार किया जाए तो मुश्किल होगी। दर्द ने संवार दी हैं ये तहरीरें दिल की, ग़म ने निखार दी हैं तस्वीरें दिल की। हर कहानी का एक हिस्सा बन चुका हूँ मैं, खुद को मिटाया जाए तो मुश्किल होगी। आसमान से तारे भी पूछते हैं सवाल, क्यों उजाले में भी दिखता है ये मलाल? ज़िंदगी के हर ग़म को हमने गले लगाया, अब उन्हें छोड़ दिया जाए तो मुश्किल होगी। ©नवनीत ठाकुर #हर रात की तन्हाई में चांदनी खो जाती है, सहर की रोशनी भी धुंधली हो जाती है। जिन लम्हों ने दिल पर दस्तक दी थी कभी, उन्हें दरकिनार किया जाए तो
#हर रात की तन्हाई में चांदनी खो जाती है, सहर की रोशनी भी धुंधली हो जाती है। जिन लम्हों ने दिल पर दस्तक दी थी कभी, उन्हें दरकिनार किया जाए तो
read moreबादल सिंह 'कलमगार'
तोड़ लाऊँ मैं तारे सितारे हजार.. #badalsinghkalamgar Poetry Love Life #Hindi Neel #शून्य राणा Shiv Narayan Saxena Arshad Sidd
read moreArjun Singh Rathoud #Gwalior City
शाम की छोटी कविताएँ यहाँ कुछ छोटी-छोटी कविताएँ हैं जो शाम के माहौल को बयां करती हैं: * शाम का नजारा: धूप छिपी, छाया फैली, चिड़ियों की चहचहाट थमी। आकाश रंग बदलता, शाम आई, मन को भाती। * संध्या का समय: आज का दिन हुआ समाप्त, तारे निकले, चाँद आया। हवा चलती, शीतल लगती, मन शांत, आनंद भरा। * शाम की यादें: बचपन की शामें याद आतीं, दोस्तों संग खेलते थे। खेतों में दौड़ते फिरते, खुशी से मन भर जाता।✍️✍️🙏💯😍 ©Arjun Singh Rathoud #Gwalior City शाम की छोटी कविताएँ यहाँ कुछ छोटी-छोटी कविताएँ हैं जो शाम के माहौल को बयां करती हैं: * शाम का नजारा: धूप छिपी, छाया फैली, चिड़ियों की
शाम की छोटी कविताएँ यहाँ कुछ छोटी-छोटी कविताएँ हैं जो शाम के माहौल को बयां करती हैं: * शाम का नजारा: धूप छिपी, छाया फैली, चिड़ियों की
read moreShivkumar barman
मैं तुम्हारे लिए उस चांद तारे को इस जमीन् पर ला तो नहीं सकता लेकिन तुम्हें तुम्हारे हिस्से कि वो मै हर खुशी दे सकता जिसके तुम हकदार हों... हा शायद मैं उसमे शामिल न हो पाऊं तुम्हारे घर के हर उत्सव में आऊं लेकिन अगर कभी जो आई मुसीबत मे मुझे तुम हमेसा ही मेरा साथ जरूर पाओगे... हा शायद मैं ना दे पाऊं कभी वो, तुम्हें हर वक्त ब्रांडेड गिफ्ट्स या वो खुशियाँ लेकिन तुम मेरे साथ रहे अगर तो हमेशा वो मन, सम्मान और भरोसा भी पाओगे... हा शायद तुम्हें डर है प्यार, मोहब्बत और इश्क से, लेकिन क्या मेरे कहने से तुम एक बार , मुझ पर वो भरोसा कर पाओगे... ©Shivkumar barman मैं तुम्हारे लिए उस #चांद तारे को इस #जमीन पर ला तो नहीं सकता लेकिन तुम्हें तुम्हारे #हिस्से कि वो मै हर खुशी दे सकता जिसके तुम #हकदार