Nojoto: Largest Storytelling Platform

New वैकुण्ठ प्रियदर्शनम् Quotes, Status, Photo, Video

Find the Latest Status about वैकुण्ठ प्रियदर्शनम् from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, वैकुण्ठ प्रियदर्शनम्.

    PopularLatestVideo

anil kumar y625163

एक बच्चे को साइकिल चाहिए थी . उसके मा बाप ने मना कर दिया तो वो उदास हो गया . फिर उसके दीमाग में एक ख्याल आया की क्यू नहीं वो भगवान् से साइकि

read more
एक बच्चे को साइकिल चाहिए थी . उसके मा बाप ने मना कर दिया तो वो उदास हो गया . फिर उसके दीमाग में एक ख्याल आया की क्यू नहीं वो भगवान् से साइकि

Rakesh frnds4ever

।। अच्छा हुआ...।। अच्छा हुआ ! जो तुम्हारे #कानून सिर्फ #मनुष्यों पर लागू हैं--- वरना #वोट #समाज #लोकतंत्र #Constitution #system #सत्ता #स्वर्ग #nationallawday #governmentofindia

read more
mute video

Shweta Sinha

नटखट सुंदर बाल गोपाल , आयो रे नंद के द्वार, मंगल गीत बजाओ रे, आयो रे हमसब के पालनहार। सावली सूरत, मासूमियत की मूरत , नटखट चंचल है वो प्यार

read more
नटखट सुंदर बाल गोपाल ,
आयो रे नंद के द्वार,
मंगल गीत बजाओ रे,
आयो रे हमसब के पालनहार। 
सावली सूरत,
मासूमियत की मूरत ,
नटखट चंचल है वो प्यार

Poetry with Avdhesh Kanojia

#Ram #dharm love #RESPECT #wait #waiting #राम #कविता शबरी की प्रतीक्षा --------------------- आओ हे मेरे रघुराई। आओ हे मेरे रघुराई।। हृदय

read more
शबरी की प्रतीक्षा
---------------------
आओ हे मेरे रघुराई।
आओ हे मेरे रघुराई।।

हृदय कुटी है तुम बिन सूनी
बस जाओ तुम आई
आओ हे मेरे रघुराई।।

नाम तुम्हारा रटा है अब तक
बस यही पूँजी कमाई।
आओ हे मेरे रघुराई।।

तजि वैकुण्ठ मनुज तन धारे
त्याग के तव प्रभुताई।
आओ हे मेरे रघुराई।।

आओ मेरे स्वामी खरारी
स्वीकारो सेवकाई।
आओ हे मेरे रघुराई।।

चुन चुन रखे फल शबरी ये
आओ भोग लगाई।
आओ हे मेरे रघुराई।।

गुरु मतङ्ग तब गए थे कह कर
तव आगमन बताई।
आओ हे मेरे रघुराई।।

शबरी तब से राह है तकती
आएंगे सुरराई।
आओ हे मेरे रघुराई।।

आओ हे मेरे रघुराई।
आओ हे मेरे रघुराई।।



 #ram  #dharm #love #respect #wait #waiting #राम #कविता
 शबरी की प्रतीक्षा
---------------------
आओ हे मेरे रघुराई।
आओ हे मेरे रघुराई।।

हृदय

MAHENDRA SINGH PRAKHAR

आज राम दरबार में , आते दिखे जटायु । राम कृपा से ही हुई , सुन लो इतनी आयु ।।१ राम काज में लग्न अब , दिखता है संसार । राम-राम में रम गया , #कविता

read more
आज राम दरबार में , आते दिखे जटायु ।
राम कृपा से ही हुई , सुन लो इतनी आयु ।।१

राम काज में लग्न अब , दिखता है संसार ।
राम-राम में रम गया , शिव का भी परिवार ।।२

जीवन में संघर्ष ही , आयेगा सुन काम ।
इसीलिए कहते सभी , करो नही आराम ।।३

देव लोक है देखता , आज अयोध्या धाम ।
जहाँ विराजेंगे पुनः ,  सुनो सिया वर राम ।।४

जग के माया मोह में , भूल गये श्री राम ।
छोड दिए वैकुण्ठ वह , जो तेरे ही नाम  ।।५

वह तो पालन हार है , करे नहीं विश्राम ।
तू क्यों प्राणी भूलता , फिर अब उनका नाम ।।६

तन-मन सब अर्पण किया , जाते क्यों हो भूल ।
पग-पग मेरी राह में , विछा रहे हो शूल ।।७

०४/१/२०२४     -    महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR आज राम दरबार में , आते दिखे जटायु ।

राम कृपा से ही हुई , सुन लो इतनी आयु ।।१


राम काज में लग्न अब , दिखता है संसार ।

राम-राम में रम गया ,

Yashu Parmar

विभत्स हूँ... विभोर हूँ... मैं समाधी में ही चूर हूँ... *मैं शिव हूँ।* *मैं शिव हूँ।* *मैं शिव हूँ।* घनघोर अँधेरा ओढ़ के... मैं जन जीवन से

read more
विभत्स हूँ... विभोर हूँ...
मैं समाधी में ही चूर हूँ...

*मैं शिव हूँ।* *मैं शिव हूँ।* *मैं शिव हूँ।* 

घनघोर अँधेरा ओढ़ के...
मैं जन जीवन से

अज्ञात

#रत्नाकर कालोनी पेज-4 उनको सलाम कर कथाकार आगे चला तो संदीप जी के निवास पर ध्यान जा पहुंचा.. जहाँ संदीप जी सूर्यनमस्कार की प्रतीक्षा में आसम #प्रेरक

read more
पेज-4
उनको सलाम कर कथाकार आगे चला तो संदीप जी के निवास पर
 ध्यान जा पहुंचा.. जहाँ संदीप जी सूर्यनमस्कार की प्रतीक्षा में 
आसमान की ओर निहार रहे थे हाथ में कागज़ कलम शोभायमान थी, 
मानो कोई रचना की प्रेरणा हो रही हो... आगे बढ़ते हुये कथाकार ने
 देखा जे पी साहब जो अपनी प्रकृतिवादी कविताओं के लिये नोजोटो
 में ख़ासी पहचान रखते हैं वो प्रकृतिप्रेम में निमग्न अपने आँगन की 
फुलवारी में लगे पुष्पगुच्छों को संवार रहे हैं, कथाकार आगे चला तो
 चंद्रवती जी सुबह सुबह देव आराधना में निमग्न "राम रक्षा स्त्रोत" का 
पाठ कर रहे थे जो बरबस ही कथाकार के पैरों को बढ़ने नहीं दे रहा था,
 किन्तु समयाभाव के कारण कथाकार ने दूर से ही प्रभु वंदना कर आगे 
बढ़ चला.. वहीं साधना जी अपने टेबल पर शैक्षणिक गतिविधियों में रत
 दीख पड़ीं.. अब कथाकार अपने राजदुलारे मानक के घर तक आ पहुंचा..
 मानक जो गऊ सेवा में तत्लीन रहता है, जिसे अपने घर में ही वैकुण्ठ
 नज़र आता है सुबह उठते ही अपने घर को चमकाते हुये बार बार अपना 
चन्द्रमुख शीशे में देख रहा है.. कहीं कोई पिम्पल तो नहीं आ गया, शायद
 वैवाहिक स्वप्न अब मानक को सताने लगे हों...! कथाकार जोर से 
हंस पड़ा और आगे बढ़ता चला..एक के बाद एक अपने सभी अपनों हिमांशु
,आनंद,संदीप जी शब्बीर,शाम्भवी,अर्श जी,  रूह जी, प्रिया गौर,
प्रिया दुबेके साथ नवागंतुक रचनाकार जिन्होंने भी इस कॉलोनी में
 अपना निवास चयन किया उन तमाम रचनाकारों के फ्लेट से विचरण/
निरीक्षण कर अंततः कथाकार अपनी कालोनी का दिव्य आनंद लेते हुये 
अपने निवास तक आ पहुंचा।
अब आगे-5

©R. Kumar #रत्नाकर कालोनी 
पेज-4
उनको सलाम कर कथाकार आगे चला तो संदीप जी के निवास पर ध्यान जा पहुंचा.. जहाँ संदीप जी सूर्यनमस्कार की प्रतीक्षा में आसम

CM Chaitanyaa

तुलसी... तुलसी मात्र एक पौधा नहीं है, एक आस्था है, विश्वास है, वो भक्ति है, आँगन की शोभा है। जिस प्रकार तुलसी रक्षा करती है उस घर की जहाँ #yqbaba #yqdidi #yqhindi #yqquotes #bestyqhindiquotes #तुलसी_और_स्त्री

read more
कहो, 

क्या देखा है कभी;
एक तुलसी को नित्य ही
दूसरी तुलसी को, 
जल अर्पित करते हुए ?   तुलसी... तुलसी मात्र एक पौधा नहीं है, 
एक आस्था है, विश्वास है, 
वो भक्ति है, आँगन की शोभा है।

जिस प्रकार तुलसी रक्षा करती है उस घर की
जहाँ
loader
Home
Explore
Events
Notification
Profile