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Sandip Kumar
White दीपक इसलिए वंदनीय हैं क्योंकि वह दूसरो के लिए जलता हैं, दूसरों से कभी नहीं जलता... ©Sandip Kumar दिमाग को ❤️सुकून पहुचाने वाला shayari in hindi❤️❤️🙏🙏
दिमाग को ❤️सुकून पहुचाने वाला shayari in hindi❤️❤️🙏🙏
read moreAnjali Singhal
"सब्र का इम्तिहान न लीजिए। तरस रहीं हैं अँखियाँ दीदार को... दीदार दीजिए।।" ©Anjali Singhal "सब्र का इम्तिहान न लीजिए। तरस रहीं हैं अँखियाँ दीदार को... दीदार दीजिए।।" #AnjaliSinghal #love #nojoto
"सब्र का इम्तिहान न लीजिए। तरस रहीं हैं अँखियाँ दीदार को... दीदार दीजिए।।" #AnjaliSinghal love nojoto
read moreSrinivas
White जो मौन की भाषा को समझता है, वही सच्चा सुनने वाला है। ©Srinivas #love_shayari जो मौन की भाषा को समझता है, वही सच्चा सुनने वाला है।
#love_shayari जो मौन की भाषा को समझता है, वही सच्चा सुनने वाला है।
read moreअनिल कसेर "उजाला"
बात अपनी हमें भी बता दीजिए, आज सच से पर्दा तुम उठा दीजिए। कौन अपना पराया यहाँ है सनम, आप दिल की जरा अब सुना दीजिए। ©अनिल कसेर "उजाला" सुना दीजिए
सुना दीजिए
read moreनवनीत ठाकुर
जो हमेशा साथ चलने की दुआ करता था, वो है आज राहों में अकेला होने वाला। जो हमेशा साथ चलने की दुआ करता था, वो है आज राहों में अकेला होने वाला। जो था कभी हमारी हर खुशी का हिस्सा, वो अब तन्हाई में खुद को ढूंढ़ने वाला था। जिसे कभी समझा था अपने साथ का साथी, वो अब बिन बताए, दूर जाने वाला था। हमारी आँखों में जो था हर ख्वाब पूरा, वो अब अपनी राहों में अकेला होने वाला था। मोहब्बत का जो वादा था उसने किया, वो आज उस वादे को तोड़ने वाला था। ©नवनीत ठाकुर #नवनीतठाकुर जो हमेशा साथ चलने की दुआ करता था, वो है आज राहों में अकेला होने वाला। जो हमेशा साथ चलने की दुआ करता था, वो है आज राहों में अकेल
#नवनीतठाकुर जो हमेशा साथ चलने की दुआ करता था, वो है आज राहों में अकेला होने वाला। जो हमेशा साथ चलने की दुआ करता था, वो है आज राहों में अकेल
read moreनवनीत ठाकुर
मंज़िल न दे सके जो सुकूँ सफ़र को 'नवनीत', तो राह की गर्द से एक नई दास्ताँ लिख दीजिए। जहाँ तक भी चली हो मंज़िल की तलाश, उस रास्ते की हर धूल से अपनी आवाज़ कह दीजिए। ग़म और दर्द अगर न मिले राहत का निशाँ, तो हर एक क़दम से अपनी दुआ बना दीजिए। मंज़िल नहीं मिली तो क्या, सफ़र तो है, राहों की धूल से ही खुद को पहचान दीजिए। रोशनी मिलेगी अंधेरे के हर कोने से, वक़्त की चुप्प को अपनी हसरतों से सजा दीजिए। हमसफ़र नहीं तो क्या, इरादे हैं आसमान जैसे, हर घड़ी की राह को अपने ख्वाबों से बना दीजिए। कभी अगर ठोकरें लगे, तो उन्हें दिल से लगा लीजिए, वहीं छुपा है वो राज़, जो आपको मजबूत बना दीजिए। ©नवनीत ठाकुर #नवनीतठाकुर मंज़िल न दे सके जो सुकूँ सफ़र को 'नवनीत', तो राह की गर्द से एक नई दास्ताँ लिख दीजिए। जहाँ तक भी चली हो मंज़िल की तलाश, उस रास्
#नवनीतठाकुर मंज़िल न दे सके जो सुकूँ सफ़र को 'नवनीत', तो राह की गर्द से एक नई दास्ताँ लिख दीजिए। जहाँ तक भी चली हो मंज़िल की तलाश, उस रास्
read moreनवनीत ठाकुर
जो खो चुकी हो राहें, वो फिर से पा ली जाएं, अपने हर दर्द से एक नयी राह बना दीजिए। ग़म की घटाओं को अपनी मुस्कान से चुराएं, रातों को अपनी रोशनी से सजा दीजिए। लगे जब भी जीने की राह कठिन, इरादों से रास्ते अपने बना दीजिए। हर ख्वाहिश को हासिल करने का रखो हौसला, खुद में हर मुश्किल को हल दीजिए। हो गर आसमान की ऊँचाई छूने का इरादा, तो जमीन से अपनी उड़ान दीजिए। हो दर्द जो दिल में छुपा गहरा, अपनी ताकत का हिस्सा उसे बना दीजिए। ©नवनीत ठाकुर #नवनीतठाकुर जो खो चुकी हो राहें, वो फिर से पा ली जाएं, अपने हर दर्द से एक नयी राह बना दीजिए। ग़म की घटाओं को अपनी मुस्कान से चुराएं, रातों
#नवनीतठाकुर जो खो चुकी हो राहें, वो फिर से पा ली जाएं, अपने हर दर्द से एक नयी राह बना दीजिए। ग़म की घटाओं को अपनी मुस्कान से चुराएं, रातों
read moreनवनीत ठाकुर
Unsplash हर एक कांटे को फूल में बदल दीजिए, जो टूट जाएं सपने, उन्हें फिर से जोड़ दीजिए। कभी जब भी हो मुश्किल, तो खुद से कहिए, आपके भीतर छुपी है एक नई दुनिया, बना दीजिए। जो खो चुकी हो राहें, वो फिर से पा ली जाएं, अपने हर दर्द से एक नयी राह बना दीजिए। ग़म की घटाओं को अपनी मुस्कान से चुराएं, रातों को अपनी रोशनी से सजा दीजिए। ©नवनीत ठाकुर #नवनीतठाकुर हर एक कांटे को फूल में बदल दीजिए, जो टूट जाएं सपने, उन्हें फिर से जोड़ दीजिए। कभी जब भी हो मुश्किल, तो खुद से कहिए, आपके भीतर छ
#नवनीतठाकुर हर एक कांटे को फूल में बदल दीजिए, जो टूट जाएं सपने, उन्हें फिर से जोड़ दीजिए। कभी जब भी हो मुश्किल, तो खुद से कहिए, आपके भीतर छ
read moreनवनीत ठाकुर
Unsplash जब भी हो वक़्त कठिन, तो हौंसले से काम लीजिए, अपने इरादों को एक नई उड़ान दीजिए। मुसीबतें हों या उलझनें हो कोई, उन्हें अपनी मेहनत से हल कर दीजिए। अंधेरों में जो खो जाएं रास्ते कभी, उन्हें उम्मीद की रौशनी से फिर से बना दीजिए। जो कदम रुक जाएं थककर इस सफ़र में, उन्हें अपनी चाहत से आगे बढ़ा दीजिए। ©नवनीत ठाकुर #नवनीतठाकुर जब भी हो वक़्त कठिन, तो हौंसले से काम लीजिए, अपने इरादों को एक नई उड़ान दीजिए। मुसीबतें हों या उलझनें हो कोई, उन्हें अपनी मेहनत
#नवनीतठाकुर जब भी हो वक़्त कठिन, तो हौंसले से काम लीजिए, अपने इरादों को एक नई उड़ान दीजिए। मुसीबतें हों या उलझनें हो कोई, उन्हें अपनी मेहनत
read moreShashi Bhushan Mishra
चलो अच्छा है कोई रोकने वाला नहीं है, सफ़र तन्हा है कोई टोकने वाला नहीं है, जुवाँ खामोश भी रखूँ तो कागज़ बोलता है, डरें क्यों अब यहाँ कोई भौंकने वाला नहीं है, उन्हें गुमान उनकी हर रज़ा मक़बूल होगी, फ़लक पर कोई कीचड़ फेंकने वाला नहीं है, मैं तन्हा हूँ मुकम्मल साथ मेरी शायरी है, बुझा चूल्हा है रोटी सेंकने वाला नहीं है, वो बन ठनकर निकलते हैं बड़ी मसरूफियत से, है दर्द-ए-दिल बहुत कोई देखने वाला नहीं है, जो मन में आता है बेखौफ़ बोलता हूँ अब, शुक्र है अब मेरे मुँह पर कोई ताला नहीं है, वही लिखता हूँ जो महसूस मैं करता हूँ 'गुंजन', हमारे दिल में नफ़रत का कोई जाला नहीं है, ---शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' प्रयागराज उ०प्र० ©Shashi Bhushan Mishra #चलो अच्छा है कोई रोकने वाला नहीं है#
#चलो अच्छा है कोई रोकने वाला नहीं है#
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