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- Arun Aarya
02-01-2025 तुम्हारी ख़ुशी के वास्ते , अब नहीं जाता मयख़ाने के रास्ते ! बस तुम्हें मानकर दुनियाँ अपनी ,, मैंने छोड़ दिये ज़माने के रास्ते..!! - अरुन आर्या ©- Arun Aarya #alone #छोड़े दिये
हिमांशु Kulshreshtha
ये सोच कर ही आपको हर घड़ी हम याद करते रहते हैं, भुला पायें आपको शायद कोई ऐसा रास्ता मिल जाए ©हिमांशु Kulshreshtha याद करते हैं..
याद करते हैं..
read moreनवनीत ठाकुर
वो जो लम्हे तेरे साथ गुज़ारे कभी, आज भी साये से लिपटे रहे हैं सभी। तेरे इश्क़ का जादू जो दिल पे छा गया, हर धड़कन में बस तेरा ही नाम आ गया। तेरी यादों के दिए आज भी जलते हैं, ख़ामोशियों में तेरे कदमों को सुनते हैं। वो लम्हे, वो बातें, वो खुशबू का सफर, हर पल, हर घड़ी बन गए दिल का असर। ©नवनीत ठाकुर #नवनीतठाकुर वो जो लम्हे तेरे साथ गुज़ारे कभी, आज भी साये से लिपटे रहे हैं सभी। तेरे इश्क़ का जादू जो दिल पे छा गया, हर धड़कन में बस तेरा ही
#नवनीतठाकुर वो जो लम्हे तेरे साथ गुज़ारे कभी, आज भी साये से लिपटे रहे हैं सभी। तेरे इश्क़ का जादू जो दिल पे छा गया, हर धड़कन में बस तेरा ही
read moreनवनीत ठाकुर
White हर लफ़्ज़ थमा है दर्द के नीचे, जुबां को फलक भर नहीं आती। सन्नाटे चीखते हैं दिल के अंदर, पर दुनिया को सहर नहीं आती। दिल की गुंजाईश है बेहिसाब, पर फिज़ा तक असर नहीं जाती। ख्वाब जलते हैं रात की आग में, सुबह उनकी खबर नहीं आती। खुद से भी गुमशुदा हैं ऐसे, जैसे राह कोई नजर नहीं आती। आईने भी सवाल करते हैं अब, पर उनकी सूरत उभर नहीं आती। ©नवनीत ठाकुर #हर लफ़्ज़ थमा है दर्द के नीचे, जुबां को फलक भर नहीं आती। सन्नाटे चीखते हैं दिल के अंदर, पर दुनिया को सहर नहीं आती। दिल की गुंजाईश है बेहिस
#हर लफ़्ज़ थमा है दर्द के नीचे, जुबां को फलक भर नहीं आती। सन्नाटे चीखते हैं दिल के अंदर, पर दुनिया को सहर नहीं आती। दिल की गुंजाईश है बेहिस
read moreF M POETRY
White कितना मायूस हुँ इस दुनियाँ में.. सबके साथी हैं सिर्फ मैं तन्हा हुँ.. यूसुफ़ आर खान... ©F M POETRY #सबके साथी हैं....
#सबके साथी हैं....
read moreneelu
White सबको अपने अपने नाम याद रखने चाहिए मां बाप ने बहुत प्यार से रखे हैं ©neelu #love_shayari #हैं
Rakesh frnds4ever
White बर्फ बनकर जी रहे हैं हम इस मोम से जलते पिघलते कखोल में जूझ रहें हैं अकेले ही इस अंधकार, धुएं से धुंधलेपन में धूप होना लग रहा है मुश्किल झुलस सिकुड़ रहें हैं आत्मा से नरकीय माहौल में ©Rakesh frnds4ever #बर्फ बनकर जी रहे हैं #हम इस #मोम से जलते #पिघलते कखोल में जूझ रहें हैं अकेले ही इस #अंधकार , धुएं से धुंधलेपन में