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देवेंद्र धर
ख़ुशी त्योहार में छुट्टी मांगों और तुरंत मिल जाए तो इस ख़ुशी को बयाँ नही किया जा सकता है । छुट्टी की खुशी
sachin mishra
गर्मी की छुट्टी काश वो बचपन फिर लोट आये जिनमे गर्मी की छुट्टी, फिर से मिल जाये थोड़ा सा सुकून दिल को, उन्हें देख कर आ जाये जो गॉव में छुट्टियां है मनाने आये उनकी हर झलक दिल को खूब भाती वो देख हस दे तो क़यामत सी छा जाती मानो भरी दोपहरी में शीतल पवन तन को छू जाती थी उनका मिलना भी एक बरदान सा लगता था. उनके जाने पर बुरा भी खूब लगता था. मानो पपीहा बारिश के पानी को तरसता था. ना इज़हार, ना इतवार, ना इन्कार था. बस एक दूसरे से प्यार था वो रिश्ता क्या था ये दिल आज भी समझ नहीं पाता है गांव का घर, वो दोस्त बहुत याद आता है ✒️सचिन मिश्रा गर्मी की छुट्टी...
DR. LAVKESH GANDHI
दशक बीत गये फिर भी फोन नहीं आया न मेरा हालचाल जाना न अपना हालचाल बताया फिर भी सतोष है कि किसी का घर नहीं उजाड़ा वादे और वचन अधूरे रह गये अपने ख्वाबों की दुनियाँ अनसुनी -सी कहानी रह गई # ख्वाबों की दुनियाँ # ख्वाबों की शहजादी # #yourquotebaba #yuorquotes
Sipahi yadav
ये दिल कोई तहखाना है, यहां ख्वाबों की नगरी है। कई दुनिया यहां उजड़ी, कई तकदीर संवरी है।। #सिपाही_यादव✍️✍️ ख्वाबों की दुनिया
Ashok Bairwa
इक ख्वाबों की झील है, जिसमें डूबकर अक्सर मैं तुझे ढूंढता हूँ,,, लेकिन लौटता हूँ वही तन्हाई लेकर।। ~अशोक बैरवा ख्वाबों की झील,,,,,,
Naqib96
हर शाम ख़ुशगवार ,हर दिन रंगीन नहीं होती कुछ ख़्वाब अधुरे रह जाते हैं ہر شام خوشگوار،ہر دن رنگین نہیں ہوتی کچھ خواب ادھورے رہ جاتے ہیں ख्वाबों की दुनिया
S Ram Verma (इश्क)
#OpenPoetry ख़्वाबों की तासीर ! तेरे दीदार को तरसती मेरी ये खुमार से भरी दोनों निश्छल आँखें रोज रात एक नया ख्वाब बुन लेती है जिनकी तासीर मेरे होंठों पर चासनी सी धीरे-धीरे उतरती है फिर पूरी रात इश्क़ कतरा-कतरा कर मेरी रूह में धीरे-धीरे उतरता रहता है ! #ख्वाबों #की #तासीर
Rajesh rajak
ख्यालों में खोकर उनके,हम सो गए, सुबह जब आंख खुली तो गजब देखा, वो देखो किसी और के ख्वाब हो गए, कितनी मोहब्बत थी उनसे हमे दरिया बनी आंखें गवाह हैं, अब गैरों से कैसा गिला,शिकवा हम तो अपनों से तबाह हैं, हमने सुनाई गजल गैरों की महफ़िल में, जिनसे कभी अदावत थी, वहां वाह वाह हो गए,, ©Rajesh rajak ख्वाबों की दुनिया