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Ram Prakash
Unsplash मौज मस्ती से जो ऊबे हैं लालच के युद्ध में डूबे हैं ©Ram Prakash #traveling युद्ध
#traveling युद्ध
read moreParasram Arora
Unsplash मेरी बिगड़ेल चाहतो से मुझे राहत मिलेगी कब? मेरे शरारती स्वार्थी तत्व आखिर कब समझ पायगे जीवन का यथार्थ? मेरा मौन चिल्लाना चाहता है युगो से आखिर उनकी आवाज़ मै सुन पाऊंगा कब? ©Parasram Arora कब?
कब?
read moreShiv Narayan Saxena
White अंतर का गृह-युद्ध हमेशा मन से ही तो होता है। मन के ऐसे हालातों का मन खुद आप विजेता है।। मन में ठान लिया सरिता को सागर से मिलवाता है। निरुद्देश्य नालों में बहता जल बस सड़ता जाता है।। ©Shiv Narayan Saxena #GoodMorning अंतर का गृह-युद्ध..... poetry in hindi
#GoodMorning अंतर का गृह-युद्ध..... poetry in hindi
read moreShiv Narayan Saxena
White सबसे बड़ी विडंबना , अंतर का गृह-युद्ध। मुश्किल खुद को जीतना, जीते सोई बुद्ध।। अंतर का गृह-युद्ध यह, किया करे संकेत। खुद को जीते चेत वह, बाकी सभी अचेत।। अंतर के गृह - युद्ध से, बल-मद टूटा जाय। हरि ने करुण पुकार पे, गज को लिया बचाय।। ©Shiv Narayan Saxena #sad_qoute अंतर मन का युद्ध hindi poetry
#sad_qoute अंतर मन का युद्ध hindi poetry
read morePraveen Jain "पल्लव"
White पल्लव की डायरी कब छटेगे दुविधाओं के बादल साफ कभी अरमानो का आसमान होगा खता हमने कुछ की नही फिर कहर कियो हम सत्ता का झेल रहे है कण कण में भगवान रहते फिर सर्वे कर गुमराह कियो है सियासी दाँव मजहब बन गया इंसानियत का आसमान कब तक साफ होगा प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" #sad_quotes इंसानियत का आसमान कब तक साफ होगा
#sad_quotes इंसानियत का आसमान कब तक साफ होगा
read moreF M POETRY
White ग़मगीन है ये क़ल्ब बेशुमार क्या हुआ.. है क़ल्ब बहुत ज्यादा बेकरार क्या हुआ.. घर बार है हयात है दुनियाँ में सब तो है.. पाया न मैंने सिर्फ तेरा प्यार क्या हुआ.. यूसुफ़ आर खान.... ©F M POETRY #क्या हुआ...
#क्या हुआ...
read moreneelu
White युद्ध से पहले क्या करना चाहिए? ©neelu #good_night #युद्ध से #पहले क्या #करना #चाहिए_था
#good_night #युद्ध से #पहले क्या #करना #चाहिए_था
read moreaditi the writer
White बज उठी रणभेरी,जाग गया रक्त वीरों का आज, हुआ समर का आरंभ,गूंज उठी वीरों की तलवार आज। ज्वाला धधक रही नैनों में, और हाथों में है शस्त्र आज। भालों और तलवारों से दुश्मनों की चीत्कारों से गूंज रहा रणक्षेत्र आज। जन्मभूमि की खातिर समर है, प्रशस्त वीरों की गाथा से आज। वीरों का बलिदान व्यर्थ न जाएगा , स्वर्णाक्षरों में नाम वीरों का इतिहास में लिखा जाएगा। समर रहेगा याद यह,बस याद करने वाला बदल जाएगा। जब जब इतिहास खुद को दोहराएगा, वीरों को याद अभिमान से किया जाएगा।। ©aditi the writer #युद्ध Kumar Shaurya आगाज़ m raj. g vineetapanchal
#युद्ध Kumar Shaurya आगाज़ m raj. g vineetapanchal
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