Nojoto: Largest Storytelling Platform

New दर्पण छाया Quotes, Status, Photo, Video

Find the Latest Status about दर्पण छाया from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, दर्पण छाया.

नवनीत ठाकुर

#षड्यंत्रों की छाया हर दिल पर भारी, भ्रष्टाचार की चादर ने लूट ली जिम्मेदारी। शोषण के जख्म चीखते हैं बेआवाज़, जुर्म के मंजर बन गए रोज़ का आगा

read more
White षड्यंत्रों की छाया हर दिल पर भारी,
भ्रष्टाचार की चादर ने लूट ली जिम्मेदारी।
शोषण के जख्म चीखते हैं बेआवाज़,
जुर्म के मंजर बन गए रोज़ का आगाज़।

अपहरण के धंधे अब आम हो गए,
अपराधी खुलेआम इनाम हो गए।
छेड़छाड़ के ज़ख्म लहू-लुहान हैं,
इंसाफ के मंदिर खुद बदगुमान हैं।

यह कैसी सभ्यता, यह कैसी रवायत?
जहां जुर्म को मिलती है हर इक सहायत।

©नवनीत ठाकुर #षड्यंत्रों की छाया हर दिल पर भारी,
भ्रष्टाचार की चादर ने लूट ली जिम्मेदारी।
शोषण के जख्म चीखते हैं बेआवाज़,
जुर्म के मंजर बन गए रोज़ का आगा

नवनीत ठाकुर

#नवनीतठाकुर संयोग की साजिश नहीं, ये है मेरे कर्म की चाल, हर दास्तां में बयां हुआ मेरा ही हाल। जो गलत हुआ, उसमें किस्मत का नहीं कोई हाथ न कोई

read more
White संयोग की साजिश नहीं, 
ये है मेरे कर्म की चाल,
हर दास्तां में बयां हुआ, मेरा ही हाल।
जो गलत हुआ, 
उसमें किस्मत का नहीं कोई हाथ न कोई कसूर,
सारी ज़िम्मेदारी लेता हूं मैं अपने सर, 
चाहे हो आकाश या धरती का दूर।
जो गलती हुईं, 
वो अक्स थी मेरी ही रचना की,
पर जो कुछ मिला अच्छा, 
वो है सिर्फ छाया किस्मत की।।

©नवनीत ठाकुर #नवनीतठाकुर
संयोग की साजिश नहीं, ये है मेरे कर्म की चाल,
हर दास्तां में बयां हुआ मेरा ही हाल।
जो गलत हुआ, उसमें किस्मत का नहीं कोई हाथ न कोई

IG @kavi_neetesh

#love_shayari फ्रेंड्स कोट्स प्रेरणादायक मोटिवेशनल कोट्स पॉजिटिव गुड मॉर्निंग कोट्स मोटिवेशनल कोट्स समस्याओं पर कोट्स इन हिंदी 🙏🙏🙏🙏सुविचार

read more

Arjun Singh Rathoud #Gwalior City

शाम की छोटी कविताएँ यहाँ कुछ छोटी-छोटी कविताएँ हैं जो शाम के माहौल को बयां करती हैं: * शाम का नजारा: धूप छिपी, छाया फैली, चिड़ियों की

read more
शाम की छोटी कविताएँ
यहाँ कुछ छोटी-छोटी कविताएँ हैं जो शाम के माहौल को बयां करती हैं:
 * शाम का नजारा:
   धूप छिपी, छाया फैली,
   चिड़ियों की चहचहाट थमी।
   आकाश रंग बदलता,
   शाम आई, मन को भाती।
 * संध्या का समय:
   आज का दिन हुआ समाप्त,
   तारे निकले, चाँद आया।
   हवा चलती, शीतल लगती,
   मन शांत, आनंद भरा।
 * शाम की यादें:
   बचपन की शामें याद आतीं,
   दोस्तों संग खेलते थे।
   खेतों में दौड़ते फिरते,
   खुशी से मन भर जाता।✍️✍️🙏💯😍

©Arjun Singh Rathoud #Gwalior City शाम की छोटी कविताएँ
यहाँ कुछ छोटी-छोटी कविताएँ हैं जो शाम के माहौल को बयां करती हैं:
 * शाम का नजारा:
   धूप छिपी, छाया फैली,
   चिड़ियों की
loader
Home
Explore
Events
Notification
Profile