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Manju kushwaha
White वो बच्चे जो निकले थे कभी कमाने के लिए फिर लौटे ही नहीं वापिस घर आने के लिए ll मन में इक ख़लिश दबाये लौटे जो कभी उस गली.. वो आए तो बस अपनी शानो-शौकत दिखाने के लिए ll वो जाले से लिपटा मकान जो सुन्दर घर हुआ करता अब वो ही करते हैं बातें उसे बेच जाने के लिए ll विरान पड़े हैं बाग बगीचे और गुलिस्तान सारे.... कि कोई आता ही नहीं उन्हें फिर से बसाने के लिए ll अब शौकीन हुए हैं सभी ऊँची ऊँची अट्टालिकाओं के जर्जर है गाँव का वो घर कौन आए उसे सजाने के लिए ll मंजू कुशवाहा ✍️🌹💞 ©Manju kushwaha #शहर
Vikas sharma
White रंग सब बेशूमार थे..पर कोई होली तो ना थी लम्हा था विदाई का पर सजी ,कोई डोली तो ना थी शोर मचा रहीं है खामोशियाँ चीख चीख कर उस एक नाम की मिश्री हवा में शायद ,घुली तो ना थी अक़्सर अब ठिक जाती होगी नज़र तस्वीरों में उन अनजाने रास्तों में कभी बेवजह चली तो ना थी जो गुजरोंगे तुम कभी यादों के शहर से एहसास होगा..इससे पहले ख़ुद से यूँ मिली तो ना थी कोरे कागज़ पे महफ़ूज़ रहे अल्फाज़ अब तलक क़लम से जो वो दास्तान कभी लिखी तो ना थी कुछ तो खास होगा.इस मौसम की ख़ुमारी में इस पतझड़ में यूँ बहार कभी ..खिली तो ना थी @विकास ©Vikas sharma #nightthoughts इश्क़ का शहर
Krishna Rai
Shashank Singh Kushwaha
शब्दों से बने ख्वाबों के मकान टूट जाते हैं। जाने कितने अपने इनसे ही रूठ जाते हैं। कुछ शब्द सँवार लेते हैं रिश्ते। कुछ रिश्ते.. शब्दों से ही कुपोषित हो जातें हैं। ©Shashank Singh Kushwaha #शब्द से #रिश्ते का #मकान #शshank #motivatation #notojohindi #poatry
मनीष की डायरी
कोई नहीं जानता। मां से बढ़ कर उस शहर की आवो हवा, जहां रहकर उसका बेटा आया हो। ©मनीष की डायरी #शहर
Amit Singhal "Aseemit"
झीलों का शहर हमें शांति एवं ठहराव सिखाए, शांति एवं ठहराव में सुंदरता का भाव दिखाए। गति एवं चंचलता में जीवन का अस्तित्व सही है, शांति एवं ठहराव से जो आगे बढ़े, गुणी वही है। ©Amit Singhal "Aseemit" #झीलों #का #शहर
Amit Singhal "Aseemit"
Red sands and spectacular sandstone rock formations जब यहाँ आया था, अंजाना शहर था यह मेरे लिए, लेकिन इस शहर ने मुझे ढेर सारे नए अनुभव दिए। अंजाने शहर में रहते हुए मुझे कुछ अरसा हुआ है, लेकिन यहीं रहते हुए ही मैंने बुलंदियों को छुआ है। ©Amit Singhal "Aseemit" #अंजाना #शहर