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Rashmi singh raghuvanshi "रश्मिमते"
VATSA
कभी कभी बेवजह मुस्कुराओ भी चलो पर उंगलिया पकड़कर चलाओ भी सफरनामे की वजह बेअंजाम हो वही है जिंदगी जो दूसरों के नाम हो बहुत अमीर है दिल कुछ लुटाओ भी खुदा नही हो इंसानियत दिखाओ भी हम रहें ना रहें बस यही कलाम हो वही है ज़िन्दगी जो दूसरों के नाम हो जलती चिंगारियों को बुझाओ भी बहुत हैं लोग आप बाहें फैलाओ भी जी बस यही जीने का पैगाम हो वही है ज़िन्दगी जो दूसरों के नाम हो आओ जी असलियत में कमाओ भी किसी को देके थपकियां सुलाओ भी इंसान तेरी बस यही पहचान हो वही है ज़िन्दगी जो दूसरे के नाम हो जीतते हो बहुत खुद को हराओ भी किसीको सीने से अपने लगाओ भी यही कहे सब गीता हो कुरान हो वही है ज़िन्दगी जो दूसरों के नाम हो #जिन्दगी जो दूसरों के नाम हो कभी कभी बेवजह मुस्कुराओ भी चलो पर उंगलिया पकड़कर चलाओ भी सफरनामे की वजह बेअंजाम हो वही है जिंदगी जो दूसरों के
Alok Jain
जिंदगी तो सब को मिलती है पर जीना सिर्फ कुछ लोग ही सीख पाते हैं। और महान तो वो बन जाते हैं जो अपनी जिंदगी को दूसरों के नाम कर जाते हैं। 🙌🙏❣️ जिंदगी तो सब को मिलती है पर जीना सिर्फ कुछ लोग ही सीख पाते हैं। और महान तो वो बन जाते हैं जो अपनी जिंदगी को दूसरों के नाम कर जाते हैं #co
Shree
कहते रहते हैं वो बेचैनियां बेमानी है... और, बिना बात के सोचने की बीमारी है! पर, जब-जब इलाज़ के हकीम ढ़ूंढे समय की कमी थी, या दर्द लाइलाज चुने, महफिल में चाशनी डुबो नगमें गाते रहे... कि गुलों के रंग के रुबरु कहकहे लगाते रहे... /Caption/ पशोपेश ( जो दूसरों के नाम बस उतनी ही जिन्दगी चाहें! ) _________ कहते रहते हैं वो बेचैनियां बेमानी है... और, बिना बात के सोचने की बीमारी है
Juhi Grover
पीपल का वो पेड़ हूँ मैं, हमेशा से साया बनकर जो खड़ा रहा, धूप,आँधी,बारिश में भी अडिग रहकर राहगीरों को बचाता रहा, अपनी साँसों तक को दूसरों के नाम कर बस खुश होता रहा, अपने ही गाँव के लिए सुरक्षा का साजो समान जुटाता रहा। गर्मी, सर्दी, पतझड़, सावन, हर मौसम को अपनेे सामने देखा, बच्चों के खेल में मस्त हो कर पंछियों का चहचहाना भी देखा, निस्वार्थ भाव से बस दूसरों की खुशी में अपनी खुशी को देखा, सबकों बड़ा होते मैंने देखा, मुझे बड़ा होते किसी ने नहीं देखा। अब मैं बूढ़ा हो गया हूँ,किसी को भी फूटी अाँख नहीं सुहाता हूँ, अपना हुआ करता था कभी, आज पराया हो गया लगता हूँ, खुद को अकेला पाता हूँ,किसी के सामने अश्क न बहा पाता हूँ, आँगन का बूढ़ा पीपल हूँ, बस व्यर्थ ठूँठ लायक ही रह जाता हूँ। मैं बूढ़ा हूँ, कोई बात नहीं, इक दिन सब ने तो हो ही जाना है, नियति का ही फेर है ये, सब पे ही आना है और सब पे जाना है, अपनी साँसाें का मोल ही न दे पाओगे तुम,क्या नहीं पछताओगे, साँसों की कीमत जो समझ गया,उसने न रोना है न पछताना है। पीपल का वो पेड़ हूँ मैं, हमेशा से साया बनकर जो खड़ा रहा, धूप,आँधी,बारिश में भी अडिग रहकर राहगीरों को बचाता रहा, अपनी साँसों तक को दूसरों के
Babli Gurjar
शैल सुवाए आपनो र को पुष्प नाही जैसी जाकी मति भरमाए भरम नाही ©Babli Gurjar दर्द दूसरों के
Hasanand Chhatwani
अपनी ज़बान से दूसरों के ऐब मत बयाँ करना, क्यूंकि,,,,,,, ऐब तुम में भी है और ज़बानें औरों की भी। #दूसरों के ऐब #
Arvind Pratap
दुसरो के अंदर कमी देखने से बेहतर हैं आप अपने गिरेबान में झांककर देख ले ©Arvind Pratap दूसरों के अंदर
SADDAM MEHRA
जो लोग अपनी दुआओं में दूसरों को शामिल करते हैं सबसे पहले खुशियां उनके घर आते हैं ©SADDAM MEHRA दूसरों के लिए दुआ