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Deep Bawara
मुझे भी तुम्हारा कहेगा जमाना आरिफ़ अल्वी के अम्मी को चोदेगा जमाना जमाने में मैं भी मिलूंगा कहीं पर आरिफ़ अल्वी के अम्मी का रेट चुकाएगा जमाना चला आऊंगा मिलने किसी रोज तुमसे दीवाना बड़ा आरिफ़ अल्वी के अम्मी का जमाना मोहब्बत से हम तुम जो मिलते रहेंगे दाम क्या चुकाएगा आरिफ़ अल्वी के अम्मी का जमाना गजल कुछ भी ज़माने पर लिखेगा आरिफ़ अल्वी उसकी अम्मी पर चढ़ेगा बावरा देखेगा जमाना ©Deep Bawara #yqdidi #yqbaba #yqaestheticthoughts #nojotihindi #Nojoto #ग़ज़ल #शेर #शायरी
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read moreDev Rishi
मुझे से मत पूछो कि कहां थी जहां भी थी, शाखो की तरह पेड़ पर नहीं थे....💔💯💯 ©Dev Rishi कहां थे....
कहां थे.... #Quotes
read moreArun kumar
White पहुँच से बाहर हो गये वो रिश्ते जो कभी साथ थे .. चुप से हो गये आज जो कभी मेरे खुले अल्फाज़ थे ... ©Arun kumar #safar अल्फाज़ थे
Dr.Javed khan
White ग़ज़ल(तस्कीन ए दिल) तस्कीन ए दिल का इंतजाम करे कोई, आज फिर बदनाम सर ए आम करे कोई। गम ए दिल में अब नहीं कोई पैगाम, वो आ गए सर ए बाम क्लाम करे कोई। दिल से जाती रही हर ख्वाहीस ए नाम, बीती हर शाम अपने नाम करे कोई। आखिर लब पे आ ही गया वो नाम, किस्सा हुआ तमाम दुआ सलाम करे कोई अब इस दिल को नही ज़रा भी आराम, ढल चुकी शाम इंतजाम ए जाम करे कोई। ©Dr.Javed khan #शायरी #Shayari #हिंदी #hindi #ग़ज़ल #ghazal
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read moreDev Rishi
ताज की महक तुम हो ये लिबास पहनी क्या तुम हो वो कौन थे समाज के चंद लोगों में शामिल मज़ाक हर जात का उड़ा रहे थे क्या तुम थे..? ©Dev Rishi #तुम थे
#तुम थे
read moreM R Mehata(रानिसीगं )
जय माता दी ©M R Mehata(रानिसीगं ) अरमान बहुत थे....
अरमान बहुत थे.... #भक्ति
read moreJashvant
White दाग़ दुनिया ने दिए ज़ख़्म ज़माने से मिले हम को तोहफ़े ये तुम्हें दोस्त बनाने से मिले हम तरसते ही तरसते ही तरसते ही रहे वो फ़लाने से फ़लाने से फ़लाने से मिले ख़ुद से मिल जाते तो चाहत का भरम रह जाता क्या मिले आप जो लोगों के मिलाने से मिले माँ की आग़ोश में कल मौत की आग़ोश में आज हम को दुनिया में ये दो वक़्त सुहाने से मिले कभी लिखवाने गए ख़त कभी पढ़वाने गए हम हसीनों से इसी हीले बहाने से मिले इक नया ज़ख़्म मिला एक नई उम्र मिली जब किसी शहर में कुछ यार पुराने से मिले एक हम ही नहीं फिरते हैं लिए क़िस्सा-ए-ग़म उन के ख़ामोश लबों पर भी फ़साने से मिले कैसे मानें कि उन्हें भूल गया तू ऐ 'कैफ़' उन के ख़त आज हमें तेरे सिरहाने से मिले ©Jashvant ग़ज़ल ( माँ )
ग़ज़ल ( माँ ) #Life
read moreK L MAHOBIA
White लगी आग घर में उसे तो बुझा दो। बुझा दीप घर का उसे तो जला दो। कहां से चले थे कहां आ गए हम जगे तम कहर की खबर को छुपा दो। जहां में भले की करो बात हर-दिन इसी से जहां से , बुरे को मिटा दो। खुशी है जहां में न शिकवा शिकायत भली ज़िन्दगी है जहां फिर निभा दो। सज़ा क्या लिखा है उसे तुम मुझे भी लिखी तो नहीं है किसी को वफ़ा दो। मिटा जिंदगी इश्क में आदमी है। उसी आदमी का मुझे तुम पता दो। दवा से बड़ी चीज हमको मिली है। मिटे रोग उसका कि ऐसी दवा दो। ✍️ के एल महोबिया ©K L MAHOBIA #ग़ज़ल - के एल महोबिया