Nojoto: Largest Storytelling Platform

New पौत्र Quotes, Status, Photo, Video

Find the Latest Status about पौत्र from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, पौत्र.

Related Stories

    PopularLatestVideo

Rajendra Kumar Ratnesh

#पौत्र की व्यथा #Papa #ज़िन्दगी

read more
पौत्र की व्यथा.....

याद हैं वे दिन जब दादाजी ,
कंधे पर बिठा घुमाते थे।
रात में कभी भूतों की, कभी राजा -रानी के,
किस्से सुनाते थे।

याद हैं वे दिन, जब दादाजी कंधे पर बिठा,
नदियां पार कर मेला ले जाते थे।
याद हैं  वे दिन जब मेले में,
खरीद देते थे खिलौने और पकौड़े खिलाते थे।

कभी- कभी दादाजी पैसे की लालच देकर,
खूब मालिश करवाते थे।
कभी -कभी हट्टी से खाने की सौदा लाकर,
खूब खिलाते थे।

भाग्यशाली हैं हम दादाजी संग खेले थे,
सरल जीवन, सादा व्यक्तित्व के वे धनी थे।
उनकी यादें दिल में बैठ गए हैं,
उनके पालन पोषण के हम ऋणी हैं।

-राजेन्द्र कुमार मंडल
सुपौल, बिहार

©Rajendra Kumar Ratnesh #पौत्र की व्यथा

#Papa

dhananjay shukla

आपके आशीर्वाद का आकांक्षी हमारा पौत्र ""अभ्युदय शुक्ला""

read more
mute video

Anita Prajapati10

#म्यूजिक मेरा पौत्र रीयान्श पियानो प्रेमी❤️ जन्माष्टमी मोहतसव🌹🌹🌹🌹 may home 🏠 #म्यूज़िक

read more
mute video

Shravan Goud

भीम - हिडिम्बा पौत्र, मोर्वी घटोत्कच पुत्र खाटूश्यामजी की जय 🙏 आप हारे का सहारा हो प्रभु, हमेशा मुझ पर आपका आशीर्वाद रहे।

read more
भीम - हिडिम्बा पौत्र, मोर्वी घटोत्कच पुत्र खाटूश्यामजी की जय 🙏 भीम - हिडिम्बा पौत्र, मोर्वी घटोत्कच पुत्र खाटूश्यामजी की जय 🙏
आप हारे का सहारा हो प्रभु, हमेशा मुझ पर आपका आशीर्वाद रहे।

Pandey Sunil 🇮🇳

हम भरत वंश के पुत्र पौत्र भारती हमारी माता है l ईतीहास साछी है शौर्य साहस से हमारा नाता है ll मेरी त्योरी चढ़ जाये तो फिर आसमान थर्राता है l

read more
हम भरत वंश के पुत्र पौत्र भारती हमारी माता है l
ईतिहास साछी है शौर्य साहस से हमारा नाता है ll
मेरी त्योरी चढ़ जाये तो फिर आसमान थर्राता है l
ये चीन पाक क्या कालनेमि भी टक्कर से घबराता है।। ......  

हम सुबाष चन्द्र के वंसज है जब हुंकारे हम भरते है l
तब ज़र्मन शासक हीटलर केभी, सर मेरे आगे झुकते है ll
है धरा धाम पाताल लोक तीनो ये ड़गमग डुलते है l
जब राष्ट्र हेतु गुस्सा होते हम मेरे खून खौलते है ll............ 

हम जन्मे ऐसे वंसज में ज़िसमे दशरथ महान हुये l
जो सकल अवनि मंडल में चक्र वर्ती और बलवान हुये ll
फिर पुर्षो में उत्तम जो थे रूपो में जो भगवान हुये l
ऐसे महान करुना वाले भगवान श्री श्री राम हुये ll........... 

जो प्यार करेगा हम से उससे प्यार निभाना आता है l
जो शरणो मे आया हो उसपर आभार निभाना आता है ll
शुग्रीव बिभीषन जैसो को हमे राज दिलाना आता है l
हमे रावन जैसो को भी इस दुनिया से मिटाना आता है ll

हम भरत वंश के पुत्र पौत्र भारती हमारी माता है l
इतिहास साक्षी है शौर्य सहास से हमारा नाता है l ..
skp@basti
a part of my poem हम भरत वंश के पुत्र पौत्र भारती हमारी माता है l
ईतीहास साछी है शौर्य साहस से हमारा नाता है ll
मेरी त्योरी चढ़ जाये तो फिर आसमान थर्राता है l

Anuradha T Gautam 6280

🙏गणेश भगवान की 🙏दोनों पत्नियां #ऋद्धि और #सिद्धि 🙏दोनों पुत्र #शुभ और #लाभ 🙏पुत्री #संतोषीमाता 🙏दोनों बहुएं #तुष्टि और #पुष्टि 🙏दोनों पौत् #आनंद #समाज #प्रमोद

read more
mute video

N S Yadav GoldMine

{Bolo Ji Radhey Radhey} पितृपक्ष पितरों के लिए खास समय है। इस पक्ष में विधि-विधान से श्राद्ध करके पितरों को संतुष्ट किया जाता है। हालांकि भव #समाज

read more
{Bolo Ji Radhey Radhey}
पितृपक्ष पितरों के लिए खास समय है। इस पक्ष में विधि-विधान से श्राद्ध करके पितरों को संतुष्ट किया जाता है। हालांकि भविष्य पुराण श्राद्ध के 96 अवसर बताता है। श्राद्ध में विधान कम श्रद्धा अधिक महत्वपूर्ण है। श्रद्धा से यदि सूर्योदय के समय नहा-धोकर काले तिल के साथ सूर्य को जल दें, अथवा गीता के सातवें अध्याय का संकल्प सहित पाठ कर उसके पुण्य को पितरों को अर्पित कर दें तो भी पितर संतुष्ट हो जाते हैं और धन-धान्य, यश-कीर्त, पुत्र-पौत्रादि में वृद्धि करते हैं।

©N S Yadav GoldMine {Bolo Ji Radhey Radhey}
पितृपक्ष पितरों के लिए खास समय है। इस पक्ष में विधि-विधान से श्राद्ध करके पितरों को संतुष्ट किया जाता है। हालांकि भव

Anita Saini

नवरात्रि वो त्यौहार है जिसमें कन्याओं को देवी रूप में पूजेंगे किन्तु कभी अपने घर कन्या धन की मनोकामना नहीं करेंगें! सैदव धन धान्य और पुत्

read more
जिसमें कन्याओं को देवी रूप में पूजेंगे
किन्तु कभी अपने घर कन्या धन की
मनोकामना नहीं करेंगें!
सैदव धन धान्य और पुत्र या पौत्र प्राप्ति की 
मनोकामना करेंगें। 

नवरात्रि वो त्यौहार है जिसमें 
कन्याओं को देवी रूप में पूजेंगे
किन्तु कभी अपने घर कन्या धन की
मनोकामना नहीं करेंगें!
सैदव धन धान्य और पुत्

A J

उसने अपनी tie की गाँठ का फिर से अवलोकन किया अपने सूट के कन्धे पर जमी काल्पनिक धूल को झाडा और एक गहरा श्वास भरा क्या

read more
सच  की  कीमत  


मेरी  जिंदगी  की  सच्ची  कहानी  से  प्रेरित  
अगर  सम्भव  हो  तो  कृप्या  
हौंसला  बड़ाने  की  कृपा  कीजिएगा   उसने अपनी  tie की  गाँठ  का   फिर  से  अवलोकन  किया  
अपने  सूट  के  कन्धे  पर  जमी  काल्पनिक धूल  को  झाडा 
और  एक  गहरा  श्वास  भरा  
क्या

N S Yadav GoldMine

#Dark जैसे अभिमन्‍यु से शत्रुवीरों का संहार करने वाले परीक्षित का जन्‍म हुआ है, उसी प्रकार सुरथ से यह मेरा महाबाहु पौत्र उत्‍पन्‍न हुआ है !! #पौराणिककथा

read more
जैसे अभिमन्‍यु से शत्रुवीरों का संहार करने वाले परीक्षित का जन्‍म हुआ है, उसी प्रकार सुरथ से यह मेरा महाबाहु पौत्र उत्‍पन्‍न हुआ है !!                      🌹{Bolo Ji Radhey Radhey}🌹
महाभारत: -आश्‍वमेधिक पर्व (अनुगीता पर्व) अष्‍टसप्‍ततितम अध्याय: श्लोक 18-35 

🎑 साथ ही विजय की अभिलाषा लेकर आक्रमण करने वाले उन सैन्‍धव योद्धाओं के मस्‍तकों को वे झुकी हुई गांठ वाले भल्‍लों द्वारा काट काट कर गिराने लगे। उनमें से कुछ लोग भागने लगे, कुछ लोग फिर से धावा करने लगे और कुछ लोग युद्ध से निवृत्‍त होने लगे। 

🎑 उन सबका कोलाहल जल से भरे हुए महासागर की गम्‍भीर गर्जना के समान हो रहा था। अमित तेजस्‍वी अर्जुन के द्वारा मारे जाने पर भी सैन्‍धव योद्धा बल और उत्‍साहपूर्वक उनके साथ जूझते ही रहे। थोड़ी ही देर में अर्जुन ने युद्ध स्‍थल में झुकी हुई गांठ वाले बाणों द्वारा अधिकांश सैन्‍धव वीरों को संज्ञा शून्‍य कर दिया। उनके वाहन और सैनिक भी थकावट से खिन्‍नहो रहे थे। 

🎑 समस्‍त सैन्‍धव वीरों को कष्‍ट पाते जान धृतराष्‍ट्र की पुत्री दु:शला अपने बेटे सुरथ के वीर बालक को जो उसका पौत्र था, साथ ले रथ पर सवार हो रणभूमि में पाण्‍डुकुमार अर्जुन के पास आयी। उसके आने का उद्देश्‍य यह था कि सब योद्धा युद्ध छोड़कर शान्‍त हो जाय। 

🎑 वह अर्जुन के पास आकर आर्त स्‍वर से फूट फूटकर रोने लगी। शक्‍तिशाली अर्जुन ने भी उसे सामने देख अपना धनुष नीचे डाल दिया। धनुष त्‍यागकर कुन्‍तीकुमार ने विधिपूर्वक बहिन का सत्‍कार किया और पूछा बहिन! बताओ, मैं तुम्‍हारा कौनसा कार्य करूं ? तब दु:शला ने उत्‍तर दिया- भैया! भरतश्रेष्‍ठ! यह तुम्‍हारे भानजे सुरथ का औरस पुत्र है। 

🎑 पुरुष प्रवर पार्थ! इसकी ओर देखो, यह तुम्‍हें प्रणाम करता है। राजन! दु:शला के ऐसा कहने पर अर्जुन ने उस बालक के पिता के विषय में जिज्ञासा प्रकट करते हुए पूछा 

🎑 बहिन! सुरथ कहां है ? तब दु:शला बोली- भैया! इस बालक का पिता वीर सुरथ पितृशोक से संतप्‍त और विषा से पीड़ित हो जिस प्रकार मृत्‍यु को प्राप्‍त हुआ है.

🎑 निष्‍पाप अर्जुन! मेरे पुत्र सुरथ ने पहले से सुन रखा था कि अर्जुन के हाथ से ही मेरे पिता की मृत्‍यु हुई है। इसके बाद जब उसके कानों में यह समाचार पड़ा कि तुम घोड़े के पीछे पीछे युद्ध के लिये यहां तक आ पहुंचे हो तो वह पिता की मृत्‍यु के दु:ख से आतुर हो अपने प्राणोंका परित्‍याग कर बैठा है।

🎑 अनघ! अर्जुन आये इन शब्‍दों के साथ तुम्‍हारा नाममात्र सुनकर ही मेरा बेटा विषाद से पीड़ित हो पृथ्‍वी पर गिरा और मर गया। प्रभो! उसको ऐसी अवस्‍था में पड़ा हुआ देख उसके पुत्र को साथ ले मैं शरण खोजती हुई आज तुम्‍हारे पास आयी हूं। ऐसा कहकर धृतराष्‍ट्र पुत्री दु:शला दीन होकर आर्त स्‍वर से विलाप करने लगी। उसकी दीन दशा देखकर अर्जुन भी दीन भाव से अपना मुंह नीचे किये खड़े रहे। 

🎑 उस समय दु:शला उनसे फिर बोली- भैया! तुम कुरुकुल में श्रेष्‍ठ और धर्म को जानने वाले हो, अत: दया करो। अपनी इस दुखिया बहिन की ओर देखो और भानजे के बेटे पर भी कृपादृष्‍टि करो। मन्‍दबुद्धि दुर्योधन और जयद्रथ को भूलकर हमें अपनाओं। जैसे अभिमन्‍यु से शत्रुवीरों का संहार करने वाले परीक्षित का जन्‍म हुआ है, उसी प्रकार सुरथ से यह मेरा महाबाहु पौत्र उत्‍पन्‍न हुआ है।

©N S Yadav GoldMine #Dark जैसे अभिमन्‍यु से शत्रुवीरों का संहार करने वाले परीक्षित का जन्‍म हुआ है, उसी प्रकार सुरथ से यह मेरा महाबाहु पौत्र उत्‍पन्‍न हुआ है !!
loader
Home
Explore
Events
Notification
Profile