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Sarvesh Kumar Maurya

विश्व शासक अखंड भारत के संस्थापक चक्रवर्ती सम्राट चन्द्रगुप्त मौर्य जी के पौत्र भारत के महानतम सम्राट अशोक मौर्य महान के जन्मोत्सव राष्ट्रीय #Motivational #विश्व_मौर्य_परिषद #Vishwa_Maurya_Parishad

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N S Yadav GoldMine

#Aurora अत्यन्त दु:ख से रोती हुई कुरूकुल की स्त्रियों ने भी अपने पिता आदि के साथ-साथ पतियों के लिये जल अपर्ण किये पढ़िए महाभारत !! 📄📄 {Bolo #पौराणिककथा

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Mili Saha

राणा अमर सिंह जिनकी वीरता और साहस ने, अकबर तक को विचलित किया, उस वीर दयालु और राष्ट्र प्रेमी, राणा अमर सिंह की है यह कथा, बचपन से ही सुन #Trending #poem #kavita #nojotopoetry #nojotohindi #पौराणिककथा #sahamili

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N S Yadav GoldMine

#humanrights धृतराष्‍ट्र का शोकातुर हो जाना और विदुरजी का उन्‍हें पुन शोक निवारण के लिये उपदेश पढ़िए महाभारत !! 🌷🌷 महाभारत: नवम पर्व चतुर्थ #पौराणिककथा

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Dr. Naveen Prajapati

#badalte_rishte #changing_relationship वैसे तो सृष्‍ट‍ि का प्रथम सम्बन्ध अपने रचयिता से ही माना जाना चाहिए, मगर इन्सान अपनी ज़िन्दगी की स्लेट

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बदलते रिश्ते

Read in caption:)-

Note- will enjoy but need patience 😊













     #badalte_rishte #changing_relationship
वैसे तो सृष्‍ट‍ि का प्रथम सम्बन्ध अपने रचयिता से ही माना जाना चाहिए, मगर इन्सान अपनी ज़िन्दगी की स्लेट

A J

उसने अपनी tie की गाँठ का फिर से अवलोकन किया अपने सूट के कन्धे पर जमी काल्पनिक धूल को झाडा और एक गहरा श्वास भरा क्या

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सच  की  कीमत  


मेरी  जिंदगी  की  सच्ची  कहानी  से  प्रेरित  
अगर  सम्भव  हो  तो  कृप्या  
हौंसला  बड़ाने  की  कृपा  कीजिएगा   उसने अपनी  tie की  गाँठ  का   फिर  से  अवलोकन  किया  
अपने  सूट  के  कन्धे  पर  जमी  काल्पनिक धूल  को  झाडा 
और  एक  गहरा  श्वास  भरा  
क्या

Anita Saini

नवरात्रि वो त्यौहार है जिसमें कन्याओं को देवी रूप में पूजेंगे किन्तु कभी अपने घर कन्या धन की मनोकामना नहीं करेंगें! सैदव धन धान्य और पुत्

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जिसमें कन्याओं को देवी रूप में पूजेंगे
किन्तु कभी अपने घर कन्या धन की
मनोकामना नहीं करेंगें!
सैदव धन धान्य और पुत्र या पौत्र प्राप्ति की 
मनोकामना करेंगें। 

नवरात्रि वो त्यौहार है जिसमें 
कन्याओं को देवी रूप में पूजेंगे
किन्तु कभी अपने घर कन्या धन की
मनोकामना नहीं करेंगें!
सैदव धन धान्य और पुत्

Shravan Goud

भीम - हिडिम्बा पौत्र, मोर्वी घटोत्कच पुत्र खाटूश्यामजी की जय 🙏 आप हारे का सहारा हो प्रभु, हमेशा मुझ पर आपका आशीर्वाद रहे।

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भीम - हिडिम्बा पौत्र, मोर्वी घटोत्कच पुत्र खाटूश्यामजी की जय 🙏 भीम - हिडिम्बा पौत्र, मोर्वी घटोत्कच पुत्र खाटूश्यामजी की जय 🙏
आप हारे का सहारा हो प्रभु, हमेशा मुझ पर आपका आशीर्वाद रहे।

N S Yadav GoldMine

{Bolo Ji Radhey Radhey} पितृपक्ष पितरों के लिए खास समय है। इस पक्ष में विधि-विधान से श्राद्ध करके पितरों को संतुष्ट किया जाता है। हालांकि भव #समाज

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{Bolo Ji Radhey Radhey}
पितृपक्ष पितरों के लिए खास समय है। इस पक्ष में विधि-विधान से श्राद्ध करके पितरों को संतुष्ट किया जाता है। हालांकि भविष्य पुराण श्राद्ध के 96 अवसर बताता है। श्राद्ध में विधान कम श्रद्धा अधिक महत्वपूर्ण है। श्रद्धा से यदि सूर्योदय के समय नहा-धोकर काले तिल के साथ सूर्य को जल दें, अथवा गीता के सातवें अध्याय का संकल्प सहित पाठ कर उसके पुण्य को पितरों को अर्पित कर दें तो भी पितर संतुष्ट हो जाते हैं और धन-धान्य, यश-कीर्त, पुत्र-पौत्रादि में वृद्धि करते हैं।

©N S Yadav GoldMine {Bolo Ji Radhey Radhey}
पितृपक्ष पितरों के लिए खास समय है। इस पक्ष में विधि-विधान से श्राद्ध करके पितरों को संतुष्ट किया जाता है। हालांकि भव

N S Yadav GoldMine

#Dark जैसे अभिमन्‍यु से शत्रुवीरों का संहार करने वाले परीक्षित का जन्‍म हुआ है, उसी प्रकार सुरथ से यह मेरा महाबाहु पौत्र उत्‍पन्‍न हुआ है !! #पौराणिककथा

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जैसे अभिमन्‍यु से शत्रुवीरों का संहार करने वाले परीक्षित का जन्‍म हुआ है, उसी प्रकार सुरथ से यह मेरा महाबाहु पौत्र उत्‍पन्‍न हुआ है !!                      🌹{Bolo Ji Radhey Radhey}🌹
महाभारत: -आश्‍वमेधिक पर्व (अनुगीता पर्व) अष्‍टसप्‍ततितम अध्याय: श्लोक 18-35 

🎑 साथ ही विजय की अभिलाषा लेकर आक्रमण करने वाले उन सैन्‍धव योद्धाओं के मस्‍तकों को वे झुकी हुई गांठ वाले भल्‍लों द्वारा काट काट कर गिराने लगे। उनमें से कुछ लोग भागने लगे, कुछ लोग फिर से धावा करने लगे और कुछ लोग युद्ध से निवृत्‍त होने लगे। 

🎑 उन सबका कोलाहल जल से भरे हुए महासागर की गम्‍भीर गर्जना के समान हो रहा था। अमित तेजस्‍वी अर्जुन के द्वारा मारे जाने पर भी सैन्‍धव योद्धा बल और उत्‍साहपूर्वक उनके साथ जूझते ही रहे। थोड़ी ही देर में अर्जुन ने युद्ध स्‍थल में झुकी हुई गांठ वाले बाणों द्वारा अधिकांश सैन्‍धव वीरों को संज्ञा शून्‍य कर दिया। उनके वाहन और सैनिक भी थकावट से खिन्‍नहो रहे थे। 

🎑 समस्‍त सैन्‍धव वीरों को कष्‍ट पाते जान धृतराष्‍ट्र की पुत्री दु:शला अपने बेटे सुरथ के वीर बालक को जो उसका पौत्र था, साथ ले रथ पर सवार हो रणभूमि में पाण्‍डुकुमार अर्जुन के पास आयी। उसके आने का उद्देश्‍य यह था कि सब योद्धा युद्ध छोड़कर शान्‍त हो जाय। 

🎑 वह अर्जुन के पास आकर आर्त स्‍वर से फूट फूटकर रोने लगी। शक्‍तिशाली अर्जुन ने भी उसे सामने देख अपना धनुष नीचे डाल दिया। धनुष त्‍यागकर कुन्‍तीकुमार ने विधिपूर्वक बहिन का सत्‍कार किया और पूछा बहिन! बताओ, मैं तुम्‍हारा कौनसा कार्य करूं ? तब दु:शला ने उत्‍तर दिया- भैया! भरतश्रेष्‍ठ! यह तुम्‍हारे भानजे सुरथ का औरस पुत्र है। 

🎑 पुरुष प्रवर पार्थ! इसकी ओर देखो, यह तुम्‍हें प्रणाम करता है। राजन! दु:शला के ऐसा कहने पर अर्जुन ने उस बालक के पिता के विषय में जिज्ञासा प्रकट करते हुए पूछा 

🎑 बहिन! सुरथ कहां है ? तब दु:शला बोली- भैया! इस बालक का पिता वीर सुरथ पितृशोक से संतप्‍त और विषा से पीड़ित हो जिस प्रकार मृत्‍यु को प्राप्‍त हुआ है.

🎑 निष्‍पाप अर्जुन! मेरे पुत्र सुरथ ने पहले से सुन रखा था कि अर्जुन के हाथ से ही मेरे पिता की मृत्‍यु हुई है। इसके बाद जब उसके कानों में यह समाचार पड़ा कि तुम घोड़े के पीछे पीछे युद्ध के लिये यहां तक आ पहुंचे हो तो वह पिता की मृत्‍यु के दु:ख से आतुर हो अपने प्राणोंका परित्‍याग कर बैठा है।

🎑 अनघ! अर्जुन आये इन शब्‍दों के साथ तुम्‍हारा नाममात्र सुनकर ही मेरा बेटा विषाद से पीड़ित हो पृथ्‍वी पर गिरा और मर गया। प्रभो! उसको ऐसी अवस्‍था में पड़ा हुआ देख उसके पुत्र को साथ ले मैं शरण खोजती हुई आज तुम्‍हारे पास आयी हूं। ऐसा कहकर धृतराष्‍ट्र पुत्री दु:शला दीन होकर आर्त स्‍वर से विलाप करने लगी। उसकी दीन दशा देखकर अर्जुन भी दीन भाव से अपना मुंह नीचे किये खड़े रहे। 

🎑 उस समय दु:शला उनसे फिर बोली- भैया! तुम कुरुकुल में श्रेष्‍ठ और धर्म को जानने वाले हो, अत: दया करो। अपनी इस दुखिया बहिन की ओर देखो और भानजे के बेटे पर भी कृपादृष्‍टि करो। मन्‍दबुद्धि दुर्योधन और जयद्रथ को भूलकर हमें अपनाओं। जैसे अभिमन्‍यु से शत्रुवीरों का संहार करने वाले परीक्षित का जन्‍म हुआ है, उसी प्रकार सुरथ से यह मेरा महाबाहु पौत्र उत्‍पन्‍न हुआ है।

©N S Yadav GoldMine #Dark जैसे अभिमन्‍यु से शत्रुवीरों का संहार करने वाले परीक्षित का जन्‍म हुआ है, उसी प्रकार सुरथ से यह मेरा महाबाहु पौत्र उत्‍पन्‍न हुआ है !!
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