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Manish Kumar
जितने कंधे हुए मजबूत उतना ही वज़न भारी है, कुछ यूँ भी ज़िंदगी की रफ़्तार बदस्तूर जारी है। बदस्तूर - यथावत, पूर्ववत, As usual. #yqkandhe #yqvazan #yqraftar #yqbadastoor #yqsaumitr #cinemagraph
Anant Nag Chandan
फिर चली आओ मेरे पास बिछड़ने के लिए मन की पीड़ा को मेरी जान यथावत कर दो.. अजहर इकबाल ©Anant Nag Chandan फिर चली आओ मेरे पास बिछड़ने के लिए मन की पीड़ा को मेरी जान यथावत कर दो..
Motivational indar jeet group
जीवन दर्शन 🌹 चरित्र अकेला ही ऐसा है , यशगाथा शरीर न रहने के उपरांत भी यथावत बना रहता है !.i. j ©motivationl indar jeet guru #जीवन दर्शन 🌹 चरित्र अकेला ही ऐसा है , यशगाथा शरीर न रहने के उपरांत भी यथावत बना रहता है !.i. j
Jyoti Prakash Kerwar
🥀वो दिन याद है तुम्हें, राह चलते, उस जमघट का ध्यान.. मेरी हील्स की टक-टक पे ठहरा था ! 🥀और मुझे पिपासा थी, माथे की बिंदी.. तुम्हारी आँखों से यथावत कर लूँ ! 🥀आहा..! वो पल, रसवती चुंबन का .. इन सीठे अधरों को जखड़ता गया ! 🥀ये अंतर्मन, आज भी आकंठ है.. तुम्हारे उस मधु सत्व की "आहा.. से" ! * जमघट - crowd * पिपासा - thirst * यथावत - exact * रसवती चुंबन - wet kiss * जखड़ता - holding * सीठे - flavourless * अंतर्मन - subconscio
POET PRATAP CHAUHAN
हाल क्या है मेरा, क्या बताऊं तुम्हें? 'वक्त मेरा ही' मुझसे खफा हर घड़ी I जब भी कदमों पै अक्सर संभलता हूँ मैं, लड़खड़ाती है किस्मत यथावत छड़ी I अब तो आदत वही एक अपनी बनी मुस्कुराते हैं मिलती है जब भी नजर I नहीं यारों को बिंब हिरासाँ पसंद बस उनके लिए ये तलब है अजर I ©PRATAP CHAUHAN हाल क्या है मेरा, क्या बताऊं तुम्हें? 'वक्त मेरा ही' मुझसे खफा हर घड़ी I जब भी कदमों पै अक्सर संभलता हूँ मैं, लड़खड़ाती है किस्मत यथावत छड़
Anil Prasad Sinha 'Madhukar'
हिंदी हमारी मातृभाषा, हिंदी हमारी शान है, हिंदी हिन्दुस्तानियों की, एक मात्र पहचान है। हिंदी शब्दों से रिश्ता, कुछ इस कदर हो गया, मैं हिंदी शब्दों में और हिंदी मुझमें खो गया। हिंदी मेरे दिल में बसी, मेरा आत्मज्ञान है, हिंदी एकमात्र, मर्यादित भाषा की पहचान है। हिंदी से मन में उत्पन्न, विकार पता चलता है, हिंदी से ही हमारा, संस्कार पता चलता है। हिन्दुस्तानियों को अगर हिंदी का ज्ञान है, सुनकर हर हिन्दुस्तानी को, होता अभिमान है। BKJ-01 रचना दिए गए विषय पर 8-10 पंक्तियों में लिखनी है, सिर्फ वालपेपर पर लिखें। font थोड़ा छोटा रखें। विषय का रचना में कम से कम एक बार आना अ
Ashiq Momin
हिंदी मेरी पहचान है, मुझे इसका अभिमान है हिंदी है पसंद मुझे, बोलता पूरा हिन्दुस्तान है भारत में है और बहुत सी भाषाएँ लेकिन सब भाषाओं में हिंदी बहुत आसान है कविताओं के आंगन में, हिंदी मंच महान है हिंदी भाषा से ही बना कवियों का गुलिस्तान है हिंदी साहित्य के साहित्यकार है कहते मेरे भारत में देखो हिंदी शब्दों की खदान है आज है हिंदी का दिवस, आओ मनाते हैं मिलकर शैली हिंदी है अपनी, ये भाषाओं में प्रधान है BKJ-01 रचना दिए गए विषय पर 8-10 पंक्तियों में लिखनी है, सिर्फ वालपेपर पर लिखें। font थोड़ा छोटा रखें। विषय का रचना में कम से कम एक बार आना अ
DR. SANJU TRIPATHI
हिंदी मातृभाषा है हमारी, हिंदी से ही देश की शान है। हिंदुस्तानियों की राष्ट्रभाषा, हिंदी ही हमारी पहचान है। हिंदी में पढ़- लिख कर ही होता, हमको आत्मज्ञान है। हमको अपनी हिंदी सबसे प्यारी, हिंदी हमारी जान है। हिंदी से ही नाम हमारा, हिंदी से ही मान और सम्मान है। गर्व है हिंदुस्तानियों को हिंदी पर, हिंदी पर अभिमान है। एकता के सूत्र में बांध के रखती, हृदय में प्रथम स्थान है। कवियों की वाणी है हिंदी, हिंदी जग में सबसे महान है। BKJ-01 रचना दिए गए विषय पर 8-10 पंक्तियों में लिखनी है, सिर्फ वालपेपर पर लिखें। font थोड़ा छोटा रखें। विषय का रचना में कम से कम एक बार आना अ
Insprational Qoute
तेरी प्रथम किलकारी हृदय में जब त्वरित हुई,जीवन की समस्त खुशियों से सरोबार हो गई, प्यारी बिटिया तेरे सुनहले गुलाबी नरम हाथों के स्पर्श से मानो मुझे एक नई जिंदगी मिल गई, तेरे धरावतरन से मेरे सपनों को नया रूप मिल गया,अधूरे थे इस संसार मे पूरे हुये जब से तू आ गई, जीवन मे निर्झरिणी सी बहती तू,एक शौर्य का रूप दे नई आशा व उम्मीद की नवकीरण तू जगा गई , वर्षों का था मेरा इंतजार आज खत्म हो गया प्यारी बिटिया इस धरा पर तेरा जन्म जो हो गया, वादा मैं तुमसे करता हूँ,कभी न कोई कमी होगी तेरी खुशियों में तेरे आने से आज मैं धनाढ्य हो गया, तुम ही मेरी सुरों की सार हो,दीपक की ज्योति हो,तुम ही शक्तिरूपा शाश्वत माँ महा लक्ष्मी का रूप हो, तेरे होने से ही संसार अपनी कल्पना कर पाया है,तू ही विश्वजगजन्नी तुम ही महा काली का स्वरूप हो, तुम ही शांति, क्रान्ति, सुख-समृद्धि,रिद्धि-सिद्धि हो,तुम ही अभिमान तुम ही देश राष्ट्र का गौरवमान हो, तुम ही सृष्टि की उत्पति दाता हो,तुम कई रिश्तों की भाग्यविधाता हो,तुम ही घर समाज की लाज मान हो, आज वो धन्य यशगान की घड़ी आई है, मेरे घर मे पुत्री के आने से सारी रौनके अब चहुँओर छाई है, बेटी का सम्मान करो सब दिल से,जग की कल्पना भी हैं इन्हीं के होने से,बेटी तुम्हें जन्मदिन की बधाई है। BKJ-2 साप्ताहिक प्रतियोगिता बेटी जन्म की बधाई पर गीत/कविता/गजल पंक्ति सीमा : 10 से 12 पंक्तियां लेखम समय 9:30AM-10:30PM (19.09.2020) परिणा
DR. SANJU TRIPATHI
बेटी ने घर में जन्म लिया देखो! कितनी शुभ घड़ी आई है। घर में गूंजी है किलकारी, सबके दिलों में खुशियां छाई हैं। ममता की गागर छलकने लगी, मन बोला मेरी परछाई है आनंदित हो रहे देखकर सभी, दिल में बज रही शहनाई है। मांगी थी जो मन्नत हमने, बनके हकीकत वो मुसकाई है। प्यारी सी नन्ही सी कली मेरी, मेरा घर आंगन महकाई है। देते हैं आशीर्वाद सभी, घर में खुशियों की बहारें छाई रहें। सदा फूले फले, ये स्वस्थ रहे और जीवन में ये आगे बढ़े। जुग-जुग जिए यह मेरी बिटिया, जो मेरे जीवन में आई है। दादी बाबा ने नजर उतारी है और मैया लेती बलैइयां है। मां सरस्वती का सर पर हाथ रहे, गौरा जी का भी साथ रहे। घर आंगन सदा मेरा फूले फले लक्ष्मी बन मेरे घर आई है। -"Ek Soch" BKJ-2 साप्ताहिक प्रतियोगिता बेटी जन्म की बधाई पर गीत/कविता/गजल पंक्ति सीमा : 10 से 12 पंक्तियां लेखम समय 9:30AM-10:30PM (19.09.2020) परिणा