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Rameshwar Shingade
New Year 2025 aap sab ko meri taraf se Happy New year badhai ho 2025 ©Rameshwar Shingade #Newyear2025 आ
Anjali Singhal
"मोहब्बत करके जीने का अंदाज़ आ गया। दर्द छुपाना आ गया और छुपाकर दर्द मुस्कुराना आ गया।।" ©Anjali Singhal "मोहब्बत करके जीने का अंदाज़ आ गया। दर्द छुपाना आ गया और छुपाकर दर्द मुस्कुराना आ गया।।" #AnjaliSinghal #love #loveshayari #shayari #shayar
"मोहब्बत करके जीने का अंदाज़ आ गया। दर्द छुपाना आ गया और छुपाकर दर्द मुस्कुराना आ गया।।" #AnjaliSinghal love #loveshayari #Shayari shayar
read morePriya
Google आप हमसे जुड़े हमारी बातों की ध्यान दें जब आप मिल पे गेहूं या चावल पिसवाने के लिए जाते हो तो ध्यान देना 1 किलो वाला वजन 800 ग्राम रहता है 2 किलो वाला वजन 1800 ग्राम रहता है यहां तक की हर एक इंसान बेईमानी करता है मैं गया था एक किराना स्टोर पर वह मैंने काजू खारडा 100 ग्राम फिर दूसरे टारजू से नापा तो वह 90 का नाम निकला और नहीं मैंने एक जगह 2 किलो प्याज खारडा और दूसरे तर्जुमा से नापा तो 1700 ग्राम निकल यहां तक की हर एक जगह बीमारी किया जाता है क्या गरीबों को लूटा जाता है हमारी बातों से सहमत है तो हमें फॉलो करें ©Priya #हमसे ज्ञान ले जाओ जब भी जाओ कोई दुकान तो ध्यान दो उसके वजन पर
#हमसे ज्ञान ले जाओ जब भी जाओ कोई दुकान तो ध्यान दो उसके वजन पर
read moreमनोज कुमार झा "मनु"
दिसंबर का महीना तुम्हीं आकर के अब बचा लो मुझे, बहुत कम बचा हूं दिसम्बर की तरह।। ©मनोज कुमार झा "मनु" #december तुम्हीं आ जाओ
#december तुम्हीं आ जाओ
read moreAnuradha T Gautam 6280
मां की बातों ने रुला दिया कहती है तुम तीनों फिर से आ जाओ मैं तुमको कोख में ले लूं..🖊️ Ⓜ️🅰️🅰️
read moreAvinash Jha
कुरुक्षेत्र की धरा पर, रण का उन्माद था, दोनों ओर खड़े, अपनों का संवाद था। धनुष उठाए वीर अर्जुन, किंतु व्याकुल मन, सामने खड़ा कुल-परिवार, और प्रियजन। व्यूह में थे गुरु द्रोण, आशीष जिनसे पाया, भीष्म पितामह खड़े, जिन्होंने धर्म सिखाया। मातुल शकुनि, सखा दुर्योधन का दंभ, किंतु कौरवों के संग, सत्य का कहाँ था पंथ? पांडवों के साथ थे, धर्म का साथ निभाना, पर अपनों को हानि पहुँचा, क्या धर्म कहलाना? जिनसे बचपन के सुखद क्षण बिताए, आज उन्हीं पर बाण चलाने को उठाए। "हे कृष्ण! यह कैसी विकट घड़ी आई, जब अपनों को मारने की आज्ञा मुझे दिलाई। क्या सत्य-असत्य का भेद इतना गहरा, जो मुझे अपनों का ही रक्त बहाए कह रहा?" अर्जुन के मन में यह विषाद का सवाल, धर्म और कर्तव्य का बना था जंजाल। कृष्ण मुस्काए, बोले प्रेम और करुणा से, "जो सत्य का संग दे, वही विजय का आस है। हे पार्थ, कर्म करो, न फल की सोच रखो, धर्म की रेखा पर, अपना मनोबल सखो। यह युद्ध नहीं, यह धर्म का निर्णय है, तुम्हारा उद्देश्य बस सत्य का उद्गम है। ©Avinash Jha #संशय #Mythology #aeastheticthoughtes #Mahabharat #gita #Krishna #arjun
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read moreSneh Prem Chand
White आकर वही जलाए रावण जिसमें मर्यादा और प्रतिबद्धता हो श्री राम सी आकर वही जलाए कुंभकर्ण जिसमें शक्ति,सामर्थ्य संग विवेक चिंतन और संयम हो श्री राम सा आकर वहीं जलाए मेघनाथ जिसमें वचनबद्धता,न्यायप्रियता राजनीतिक समझ हो श्री राम जी पहले अपने चित को टटोलो एक भी गुण हो गर श्री राम सा फिर इनके पुतले जलाने के लिए बोलो ©Sneh Prem Chand #happy_diwali आ कर वही जलाए रावण
#happy_diwali आ कर वही जलाए रावण
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