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Rishi Ranjan
New Year 2025 आईने में मैं जब खुद को देखता हूं तो मैं खुद से बात करता हूँ... खुद से ही मुलाकात करता हूँ... छोड़कर दुनिया की दुनियादारी को.. केवल खुद की ही बात सुनता हूं... यह माना कि औरों के लिए भी जीना पड़ता है, पर खुद के लिए ही कोई ख़्वाब बुनता हूं... ज़िन्दगी का क्या है आज है कल नहीं... इसलिए खुद के लिए जीता हूं ताकि मेरे न रहने पर किसी को मलाल न हो.... हाँ बन जाता हूँ थोड़ा सा स्वार्थी कभी-कभी... इंसान हूँ इंसान की ज़द में रह कर बात करता हूँ.... ©Rishi Ranjan #Newyear2025 hindi poetry love poetry for her love poetry in hindi hindi poetry on life
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read moreabhay singhaniya
New Year 2024-25 Social science file ©abhay singhaniya Class 10th
Class 10th
read moreMurali
Nature is Not A Place To Visit.It is Home ©Murali #vacation love poetry for her poetry quotes poetry poetry on love
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read moreKk_upadhyay
Unsplash तुम जो मिले मेरे लब नहीं थकते शुक्रगुजार में कैसा था देख कैसा हुआ हूं तेरे प्यार में सर्दी बारिश साल महीने कैसे काटे कितने दिन और कितनी रातें गुजारी तेरे इंतेज़ार में। ©Kk_upadhyay shayari in hindi hindi shayari shayari on love most romantic love shayari in hindi for boyfriend
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read moreSparrjan powroju
Extraterrestrial life wpoetry" class="text-blue-400" target="_blank">wpoetry in hindi wpoetry" class="text-blue-400" target="_blank">wpoetry-on-life" class="text-blue-400" target="_blank">whindi wpoetry" class="text-blue-400" target="_blank">wpoetry on life wpoetry" class="text-blue-400" target="_blank">wpoetry for kids wpoetry" class="text-blue-400" target="_blank">wpoetry
read moreᴋʜᴀɴ ꜱᴀʜᴀʙ
आँख से आँख मिला बात बनाता क्यूँ है तू अगर मुझसे ख़फ़ा है तो छुपाता क्यूँ है। गैर लगता है न अपनों की तरह मिलता है तू ज़माने की तरह मुझको सताता क्यूँ है। वक़्त के साथ ख़यालात बदल जाते हैं ये हक़ीक़त है मगर मुझको सुनाता क्यूँ है। एक मुद्दत से जहां काफ़िले गुज़रे ही नहीं ऐसी राहों पे चरागों को जलाता क्यूँ है।। ©ᴋʜᴀɴ ꜱᴀʜᴀʙ #तू_जमाने_की_तरह_मुझको_सताता_क्यों_है... love poetry in hindi hindi poetry on life love poetry for her
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read moreVIKASH UPADHYAY
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read morePappsa Solanki
wpoetry" class="text-blue-400" target="_blank">wpoetry-on-life" class="text-blue-400" target="_blank">whindi wpoetry" class="text-blue-400" target="_blank">wpoetry on life wpoetry" class="text-blue-400" target="_blank">wpoetry in wpoetry" class="text-blue-400" target="_blank">wpoetry" class="text-blue-400" target="_blank">whindi wpoetry" class="text-blue-400" target="_blank">wpoetry for kids wpoetry" class="text-blue-400" target="_blank">wpoetry wpoetry" class="text-blue-400" target="_blank">wpoetry" class="text-blue-400" target="_blank">whindi wpoetry" class="text-blue-400" target="_blank">wpoetry
read moreBharat Bhushan pathak
बाल दिवस ये जब-जब आए। बच्चों के मन झूमे-गाए।। नहीं आज होगा जी पढ़ना। प्रश्न कठिन हल करने बढ़ना। दम किसमें है जो आज पढ़ाए ©Bharat Bhushan pathak #ChildrensDay hindi poetry on life poetry lovers poetry in hindi poetry for kids
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read moreIshita Verma
पूरी दुनियां मेरी बदलने वाली है कुछ दिनों में सब नया सा होने वाला है। अपना घर होते हुए भी मेहमान बनकर आना पड़ेगा दूसरे के घर उसकी सजनी बनकर वो घर भी संभालना पड़ेगा। अपने मम्मी पापा भाई बहन को दूर छोड़ कर मुझे अब कुछ दिनों में जाना पड़ेगा चंद दिनों में मुझे सब कुछ अपना पुराना छोड़ कर कुछ लम्हे एक सूटकेस में संजोकर साथ लेजाना पड़ेगा। अभी तो बड़ी हुई थी मैं जो शादी के बंधन में बांध दिया कुछ पल अपने पापा मम्मी के संग बिताना है मुझे यह सोच सोच कर शादी का दिन आगया। बड़े होते ही हम बेटियों को छोड़ कर अपना घर परिवार सब जाना पड़ता है, कुछ दिन परिवार के साथ बैठने का बहाना फिर ढूंढना पड़ता है। कैसे इतनी जल्दी मैं बड़ी हो गई पता ही नहीं चला। कल तक जो पढ़ रही थी मैं आज लाल जोड़ें में मुझे दुल्हन बना दिया बेटी से बहु बनने जा रही हूं सौ घबराहट के सवालों को मन्न में ला रही हूं। काश कुछ दिन और मिल जाते इतनी जल्दी हम काश नहीं बड़े हो जाते कल तक पापा के साथ खिलौने लाया करती थी जो, मम्मी से अपनी चोटी बनवाया करती थी जो, बहन के कपड़े पहन कर अपने आप को बड़ा बोलती थी, भाई के साथ लड़ाई कर पापा से उसकी दात लगवाया करती थी। ना जाने कब आगया वो दिन जो डोली उठने का समय आगया है यह नन्हीं सी गुड़िया इस आंगन की अब लाल जोड़ें में दुल्हनियां बनकर अब उसका दुल्हा लेने उसे आ रहा है।। अब उसका दुल्हा लेने उसे आ रहा हैं।। -ईशिता वर्मा @poetrysoul_999 ©Ishita Verma hindi poetry on life love poetry for her
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