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Imran Shekhani (Yours Buddy)

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अनिता कुमावत

ये हमने क्या किया ...!!! 🙈🙈 बस यूँ ही ... थोड़ी सी शरारत 😛😍

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मिली जो नज़रें पहली दफ़ा उनसे 
अनिमेष देखते रहें उन्हें ...

शर्म - ओ - हया सारी भूल ....!!! ये हमने क्या किया ...!!! 🙈🙈
बस यूँ ही ... थोड़ी सी शरारत 😛😍

नीति.......

#ना #जाने #हमने #क्या #किया Megha #शुन्य राणा ख्वाहिश _writes Prince_" अल्फाज़" सुनहरे पल Niaa_choubey saini गरूड़ा दुर्लभ "दर्शन" Satyam #Life

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Mohan Bishnoi

नींद उड़ गया यह सोच कर, हमने क्या किया देश के लिए, आज फिर सरहद पर बहा हैं खून मेरी नींद के लिए.

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नींद उड़ गयी यह सोच कर, हमने क्या किया देश के लिए,
आज फिर सरहद पर बहा हैं खून मेरी नींद के लिए. #NojotoQuote नींद उड़ गया यह सोच कर, हमने क्या किया देश के लिए,
आज फिर सरहद पर बहा हैं खून मेरी नींद के लिए.

Sudeep Singh

नींद उड़ गयी यह सोच कर की हमने क्या किया है देश के लिए आज फिर सरहद पर बहा हैं खून मेरी नींद के लिए #patriotism #India #Society

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Savyasachi 'savya '

(सच ना💯??) बादलों का कत्ल कर .. ये मौत का धुआं लिया हाय!! हमने क्या किया कि गांव ही गवां दिया... 😢💔😢 #Panditsavya #Shayari #Best #Trending # #Poetry #SAD #Like #share #शायरी #Comment #seashore

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(गांव ही गवां दिया)
(सच ना💯??)

बादलों का कत्ल कर 
ये मौत का धुआं लिया
हाय!! हमने क्या किया
कि गांव ही गवां दिया...
😢💔😢

©Pt Savya kabir (सच ना💯??)
बादलों का कत्ल कर ..
ये मौत का धुआं लिया
हाय!! हमने क्या किया
कि गांव ही गवां दिया...
😢💔😢
#Panditsavya #Shayari #Best #Trending #

@A_nobita_50-50💔

#Happy Independence day #Nojoto indiya ... #आजादी की कीमत ।।.. हम क्या जाने कि क्या है आजादी .... हमने कौन सा अंग्रेजों से हन्टर खाया है आ

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#Happy Independence day #nojoto indiya ... #आजादी की कीमत ।।..
हम क्या जाने कि क्या है आजादी .... 
हमने कौन सा अंग्रेजों से हन्टर खाया है 
आ

Kumar.vikash18

रावण जिन्दा है मर गया रावण जो जीता था त्रेता में सताता था मजलूमों को वह रहता था लंका में , हाहाकार मचा दिया धरती पर मजलूमों का खून पिया तब र

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रावण जिन्दा है
मर गया रावण जो जीता था त्रेता में
सताता था मजलूमों को वह रहता था
लंका में ,
हाहाकार मचा दिया धरती पर मजलूमों
का खून पिया तब र

Divyanshu Pathak

मैं भी इस उन्माद में शरीक हुआ लेकिन मुझे ये रास नहीं आया तो बेकार की पार्टी और हो हल्ला से निकल कर अपना जन्मदिन अकेले मनाने लगा। 2015 में अक #पाठकपुराण

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जन्मदिन-

मेरा जन्मदिन कभी धूम धाम से नहीं मनाया गया घर में ऐसा कुछ प्रचलन भी नहीं है। जबसे सोशल मीडिया का इस्तेमाल शुरू हुआ शुभकामनाएं आने लग गईं और हम "बर्थडे" मनाने लगे। इससे पहले आधे सावन नागपंचमी के बाद जो छठ आती है इसबार ( 26 जुलाई ) उस दिन अपनी दुकानों पर दाल बाटी चूरमा बना कर सबको खिलाते थे। जबसे दोस्तों ने मनाना शुरू किया तो ग़ज़ब ही हो गया। डीजे, दारू, बीयर, केक, और पार्टी के नाम पर नंगा नाच। ऐसा सिर्फ मेरे साथ ही नहीं हुआ हर उस व्यक्ति के साथ हुआ जो दोस्तों या सोशल मीडिया पर यह जताने के लिए बर्थडे मनाते हैं कि हमने पार्टी दी। मैं भी इस उन्माद में शरीक हुआ लेकिन मुझे ये रास नहीं आया तो बेकार की पार्टी और हो हल्ला से निकल कर अपना जन्मदिन अकेले मनाने लगा। 2015 में अक

मुखौटा A HIDDEN FEELINGS * अंकूर *

नाम..... बड़ी ही अजीब सी कशमकश में हूँ किस पर भरोसा करूँ और किस पर ना करूँ मैं खुद पे यकीन करूँ या फिर अपने साये से भी डरूँ...... बड़ी ही #alonesoul

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नाम.....

बड़ी ही अजीब सी कशमकश में हूँ
किस पर भरोसा करूँ और किस पर ना करूँ
मैं खुद पे यकीन करूँ या फिर अपने साये से भी डरूँ......

बड़ी ही आसानी से आज का शक्स
रिश्तों की मजबूत बुनियाद तक हिला जाता है
और हैरत की बात है कि ये काम उसे बखूबी आता है.....

ऐसा करते वक्त न कोई डर होता है
ना ही उस के चेहरे पर कोई शिकन दिखती है
अक्सर गैरतमंद लोगों की गैरत दो कौडी में बिकती है.....

किसी के दिल को समझ पाना और
रिश्ते निभाना हर किसी के बस की बात नही
और सच यह है कि बेनाम रिश्ते की कोई औकात नही....

मेरे नाम के साथ मैनें कई रिश्ते जोड़े
अफसोस कि सभी ने एक साथ मिलके तोड़े
और उसपे भी हिम्मत तो देखो कि खड़े है नकाब ओढ़े....

खेला कभी किसी ने मेरे जज़्बातों से
तो कभी कोई रूह से खेल के यूँ चला गया
मैं सिमटा खड़ा रहा मेरा वजूद कई कई बार छला गया....

कोई नाम के साथ खेला तो किसी ने
रूह-ए-आबरू को दागदार कर रख दिया
गलती तो हमारी ही थी जो हमने उनको यह हक दिया....

हर एक पे खुदसे ज्यादा एतबार कर
हम ने ना बक्शे जाने वाला गुनाह किया है
अब बैठ के हिसाब कर रहे है किसने क्या क्या दिया है....

कायल थे कभी किसी की एतबारी पे
आज उसी की बेएतबारी ने ये घाव दिया है
हम यह पूछते फिरते है हरेक से कि हमने क्या किया है....

अपने नाम के साथ आज भी ज़िंदा है
शायद अब यही मेरी इक पहचान बाकी है
जिस्म पर छलनी रूह का ये आखिरी अहसान बाकी है....

©️ अंकुर
❤ से ❤ तक नाम.....

बड़ी ही अजीब सी कशमकश में हूँ
किस पर भरोसा करूँ और किस पर ना करूँ
मैं खुद पे यकीन करूँ या फिर अपने साये से भी डरूँ......

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