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brar saab
New Year 2024-25 मनोवैज्ञानिकों ने अनुसन्धान के आधार पर यह माना कि अधिगम की प्रक्रिया में व्यक्तिगत एवं पर्यावरणीय दोनों कारकों का असाधारण योगदान होता है, इनके बिना अधिगम की प्रक्रिया पूर्ण नहीं हो सकती। इन दोनों कारकों का वर्णन इस प्रकार किया जा रहा है ©brar saab #NewYear2024-25 #मनोवैज्ञानिकों ने अनुसन्धान के आधार पर यह माना कि #अधिगम की प्रक्रिया में व्यक्तिगत एवं #पर्यावरणीय दोनों कारकों का असाधारण
#Newyear2024-25 #मनोवैज्ञानिकों ने अनुसन्धान के आधार पर यह माना कि #अधिगम की प्रक्रिया में व्यक्तिगत एवं #पर्यावरणीय दोनों कारकों का असाधारण
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White ट्राइब्यूनल की प्रक्रिया :- * दावा ट्राइब्यूनल को मोटर दुर्घटना से संबंधित केसों पर एकमात्र क्षेत्राधिकार प्राप्त है। * ट्राइब्यूनल निर्णय सुनाते समय यह स्पष्ट करती है कि मुआवजे की राशि कितनी होगी तथा किन लोगों के द्वारा उसका भुगतान किया जायेगा। * ट्राइब्यूनल का क्षेत्राधिकार- जहां दुर्घटना हुई हो। जहां दावेदार रहते हों। जहां बचाव पक्ष रहते हों। * ट्राइब्यूनल को दीवानी अदालत की शक्तियां प्राप्त होती हैं। * ट्राइब्यूनल मुआवजे की राशि पर ब्याज भी लगा सकती है। यह ब्याज दावे की तिथि से लेकर राशि के भुगतान तक के लिए लगाया जा सकता है । * यदि कोई व्यक्ति ट्राइब्यूनल द्वारा निर्धारित मुआवजे की राशि से संतुष्ट नहीं है तो वह ट्रायब्यूनल के निर्णय की तिथि से 90 दिन के भीतर उच्च न्यायालय में अपील कर सकता है, * यदि अपील 90 दिन के बाद की जाती है , उसे बिलंब के संतोषजनक कारण ट्रायब्यूनल को बताने होंगे। * यदि राशि 2,000 रुपए से कम की है तो उच्च न्यायालय अपील को दाखिल नहीं करेगा। * मुआवजे की राशि के लिए ट्राइब्यूनल से एक प्रमाणपत्र लेना होता है जो जिला कलेक्टर को संबोधित करता है । इस प्रमाणपत्र में मुआवजे की राशि अंकित होती है। कलेक्टर मुआवजे की राशि को ठीक उसी तरह इकट्ठा करने का अधिकार रखता है जिस तरह वह जमीन का राजस्व वसूलता है तथा दावेदार को उसके मुआवजे का भुगतान करता है। ©Indian Kanoon In Hindi ट्राइब्यूनल की प्रक्रिया :-
ट्राइब्यूनल की प्रक्रिया :-
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White जन्म के द्वारा नागरिकता का क़ानून :- * 26 जनवरी 1950 के बाद परन्तु 1 जुलाई 1987 से पहले भारत में जन्मा कोई भी व्यक्ति जन्म के द्वारा भारत का नागरिक है। * 1 जुलाई 1987 को या इसके बाद भारत में जन्मा कोई भी व्यक्ति भारत का नागरिक है यदि उसके जन्म के समय उसका कोई एक अभिभावक भारत का नागरिक था। * 3 दिसम्बर 2004 के बाद भारत में पैदा हुआ वह कोई भी व्यक्ति भारत का नागरिक माना जाता है, यदि उसके दोनों अभिभावक भारत के नागरिक हों अथवा यदि एक अभिभावक भारतीय हो और दूसरा अभिभावक उसके जन्म के समय पर गैर कानूनी अप्रवासी न हो, तो वह नागरिक भारतीय या विदेशी हो सकता है। ©Indian Kanoon In Hindi जन्म के द्वारा नागरिकता का क़ानून :-
जन्म के द्वारा नागरिकता का क़ानून :-
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White ट्राइब्यूनल की प्रक्रिया :- * दावा ट्राइब्यूनल को मोटर दुर्घटना से संबंधित केसों पर एकमात्र क्षेत्राधिकार प्राप्त है। * ट्राइब्यूनल निर्णय सुनाते समय यह स्पष्ट करती है कि मुआवजे की राशि कितनी होगी तथा किन लोगों के द्वारा उसका भुगतान किया जायेगा। * ट्राइब्यूनल का क्षेत्राधिकार- जहां दुर्घटना हुई हो। जहां दावेदार रहते हों। जहां बचाव पक्ष रहते हों। * ट्राइब्यूनल को दीवानी अदालत की शक्तियां प्राप्त होती हैं। * ट्राइब्यूनल मुआवजे की राशि पर ब्याज भी लगा सकती है। यह ब्याज दावे की तिथि से लेकर राशि के भुगतान तक के लिए लगाया जा सकता है । * यदि कोई व्यक्ति ट्राइब्यूनल द्वारा निर्धारित मुआवजे की राशि से संतुष्ट नहीं है तो वह ट्रायब्यूनल के निर्णय की तिथि से 90 दिन के भीतर उच्च न्यायालय में अपील कर सकता है, * यदि अपील 90 दिन के बाद की जाती है , उसे बिलंब के संतोषजनक कारण ट्रायब्यूनल को बताने होंगे। * यदि राशि 2,000 रुपए से कम की है तो उच्च न्यायालय अपील को दाखिल नहीं करेगा। * मुआवजे की राशि के लिए ट्राइब्यूनल से एक प्रमाणपत्र लेना होता है जो जिला कलेक्टर को संबोधित करता है । इस प्रमाणपत्र में मुआवजे की राशि अंकित होती है। कलेक्टर मुआवजे की राशि को ठीक उसी तरह इकट्ठा करने का अधिकार रखता है जिस तरह वह जमीन का राजस्व वसूलता है तथा दावेदार को उसके मुआवजे का भुगतान करता है। ©Indian Kanoon In Hindi ट्राइब्यूनल की प्रक्रिया :-
ट्राइब्यूनल की प्रक्रिया :-
read moreAshok Verma "Hamdard"
White *सांविका के जन्म दिन की हार्दिक शुभकामनाएं ❤️ ❤️ ❤️ ❤️ ❤️* *छोटी सी परी, नटखट, प्यारी,* *सांविका, तुम हो सबसे न्यारी।* *चमके जैसे सूरज की किरण,* *तुमसे सजे हर सपनों का गगन।* *तुम्हारी हंसी में संगीत बसा,* *हर ग़म को तुमने पल में हँसा।* *प्यारे से नटखट खेल तुम्हारे,* *घर आंगन को करते उजियारे।* *आज का दिन है खास तुम्हारा,* *जन्मदिन पर सजे यह नज़ारा।* *फूलों की महक, चांद की चांदनी*, *तुम हो घर की सबसे प्यारी रानी।* *भगवान तुम्हें दें ढेरों खुशियां,* *हर कदम पर मिलें नई दुनियां।* *सांविका, तुम हो जीवन का गहना,* *तुमसे ही हर दिन सुंदर और सुहाना।* *तुम्हारे नाना जी - अशोक वर्मा "हमदर्द "* ©Ashok Verma "Hamdard" जन्म दिन की हार्दिक शुभकामनाएं
जन्म दिन की हार्दिक शुभकामनाएं
read morePRIYA SINHA
💌"प्रेम पत्र"📝 प्यार के पन्नों पर , प्यार की स्याही से - लिखे थे मैंने कुछेक , प्यार भरे अल्फ़ाज़ ; पर बहुत अफ़सोस - किसी को समझ नहीं आया ; कभी कोई पढ़ हीं ना पाया ; तो किसी को रास आया नहीं , मेरा प्यार-ए-बयां अंदाज़ ! कोई चला गया पन्ने पलट कर ; तो कोई चला गया मुझसे हीं , बहुत बड़ा छल - कपट कर ! कोई चला गया प्यार के पन्नों , को हीं बेरहमी से फाड़ कर ; तो कोई खुश होता रहा बहुत , मुझे हर-पल जीते-जी मारकर ! प्रिया सिन्हा 𝟐𝟏 जनवरी 𝟐𝟎𝟐𝟓. (मंगलवार) ©PRIYA SINHA #प्रेम #पत्र
Ghanshyam Ratre
युवा शक्ति के प्रेरणा स्त्रोत युवा दिवस स्वामी विवेकानंद जी को शत् शत् नमन! सभी भारतवासियों को युवा दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं,! ©Ghanshyam Ratre युवा दिवस स्वामी विवेकानंद जी जन्म दिवस
युवा दिवस स्वामी विवेकानंद जी जन्म दिवस
read moreParasram Arora
White प्रसफुटन होता हैँ ज़ब चुनिंदा छंदो का जिन्हे बाद मे एक लड मे पिरो दिया जाता हैँ और ज़ब उन श्रंगारित छंदो को भावना और संवेदनाओं की भाफ से थोड़ी गर्मी दीं जाती है तब कही एक अच्छी कविता का जन्म हो पाता हैँ ©Parasram Arora कविता का जन्म
कविता का जन्म
read moreReetu
a-person-standing-on-a-beach-at-sunset चलो निभा ले इस जन्म और कर एक वादा अब ना मिलेगे हम किसी जन्म अब के बाद गुजरेगे ना एक राह से हम गलती सुधारेगे अबकी बाद हर बार चलो निभा ले इस बार फिर ना मिलेगे अब किसी जन्म ©Reetu #SunSet ना मिलेगे किसी जन्म
#SunSet ना मिलेगे किसी जन्म
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जन्म के द्वारा नागरिकता का क़ानून :- * 26 जनवरी 1950 के बाद परन्तु 1 जुलाई 1987 से पहले भारत में जन्मा कोई भी व्यक्ति जन्म के द्वारा भारत का नागरिक है। * 1 जुलाई 1987 को या इसके बाद भारत में जन्मा कोई भी व्यक्ति भारत का नागरिक है यदि उसके जन्म के समय उसका कोई एक अभिभावक भारत का नागरिक था। * 3 दिसम्बर 2004 के बाद भारत में पैदा हुआ वह कोई भी व्यक्ति भारत का नागरिक माना जाता है, यदि उसके दोनों अभिभावक भारत के नागरिक हों अथवा यदि एक अभिभावक भारतीय हो और दूसरा अभिभावक उसके जन्म के समय पर गैर कानूनी अप्रवासी न हो, तो वह नागरिक भारतीय या विदेशी हो सकता है। ©Indian Kanoon In Hindi जन्म के द्वारा नागरिकता का क़ानून
जन्म के द्वारा नागरिकता का क़ानून
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