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Rabindra Kumar Ram
" फिर तुझसे यकीनन कैसे कब कहां क्या मिला जाये , हक़ीक़त बनाम की फिर इसे फ़साना ही रहने दिया जाये , तेरे हिज़्र कि तिजारत फिर किस से क्या करते तेरे तसव्वुर में, जहां तक जाहिर बात बन परती फिर वही दहलीज तक जाहिर किया जाये. " --- रबिन्द्र राम ©Rabindra Kumar Ram " फिर तुझसे यकीनन कैसे कब कहां क्या मिला जाये , हक़ीक़त बनाम की फिर इसे फ़साना ही रहने दिया जाये , तेरे हिज़्र कि तिजारत फिर किस से क्या करत
Jashvant
कब वो ज़ाहिर होगा और हैरान कर देगा मुझे जितनी भी मुश्किल में हूँ आसान कर देगा मुझे रू-ब-रू कर के कभी अपने महकते सुर्ख़ होंट एक दो पल के लिए गुल-दान कर देगा मुझे रूह फूँकेगा मोहब्बत की मिरे पैकर में वो फिर वो अपने सामने बे-जान कर देगा मुझे ख़्वाहिशों का ख़ूँ बहाएगा सर-ए-बाज़ार-ए-शौक़ और मुकम्मल बे-सर-ओ-सामान कर देगा मुझे मुंहदिम कर देगा आ कर सारी तामीरात-ए-दिल देखते ही देखते वीरान कर देगा मुझे एक ना-मौजूदगी रह जाएगी चारों तरफ़ रफ़्ता रफ़्ता इस क़दर सुनसान कर देगा मुझे या तो मुझ से वो छुड़ा देगा ग़ज़ल-गोई 'ज़फ़र' या किसी दिन साहिब-ए-दीवान कर देगा मुझे ©Jashvant कब वो जाहिर Puneet Arora Sunny PФФJД ЦDΞSHI Chanda Nîkîtã Guptā Mukesh Poonia
Manish Jakhmi
किसी के लिए सबसे बेहतर यह भी हो जाता है जब वो मात्र अपने ही ख्यालों में एक दुनिया बना लेता है, जिसका आभास वास्तविकता में असलियत की दुनिया के मुकाबले ज्यादा सुंदर और संतुष्टिजनक होता है, और जाहिर है कि एक इंसान ऐसे ख्याल तब ही चुनता है जब असली दुनिया में उसे सब चीजे विपरीत ही मिली हो जैसी उसने देखी और सुनी हो या समय दिया हो। मनीष जख्मी। ©Manish Jakhmi किसी के लिए सबसे बेहतर यह भी हो जाता है जब वो मात्र अपने ही ख्यालों में एक दुनिया बना लेता है, जिसका आभास वास्तविकता में असलियत की दुनिया के
Negi Girl Kammu
प्रेम त्याग है, तप है और साधना है। प्रेम निस्वार्थ भाव से की गई आराधना है। प्रेम राग है, रंग है और रूप है। प्रेम दो अंजाने अजनबियों का एक स्वरूप है। प्रेम मन का मन से मिलन है। प्रेम दो आत्माओं का संगम है। प्रेम सुर है , ताल है और झंकार है। यह प्रेमी और प्रेमिका के जीवन जीने का आधार है। प्रेम व्यक्ति के मनोभाव और मनोस्थिति है। प्रेम त्याग है, तप है और साधना है। प्रेम निस्वार्थ भाव से की गई आराधना है।। ©Negi Girl Kammu प्रेम त्याग है तप है।
Krishna Deo Prasad. ( Advocate ).
Autumn पैसा वही है ,जो पास में है, ताकत वही है, जो हाथ में है और अपने वही है, जो साथ में है ©Krishna Deo Prasad. ( Advocate ). #पैसा वही है जो पास में है ताकत वही है जो हाथ में है और अपने वही है जो साथ में है
Rabindra Kumar Ram
" मिलोगी फिर किस हिसाब से तुम से जो मिला जाये , बात जहां तक जाहिर हो फिर वहां तक गुप्तगू की जाये , बोलो तो अब इस रंजूर में कौन सी शक्ल इख्तियार करें , मुहब्बत की बात है फिर मुहब्बत की कौन सी बात करें . " --- रबिन्द्र राम ©Rabindra Kumar Ram " मिलोगी फिर किस हिसाब से तुम से जो मिला जाये , बात जहां तक जाहिर हो फिर वहां तक गुप्तगू की जाये , बोलो तो अब इस रंजूर में कौन सी शक्ल इख्
अभय राजपूत बीजेपी
लखन राजपूत बीजेपी ©अभय राजपूत बीजेपी जिदंगी है तो हम है
Rabindra Kumar Ram
" यूं तो होने का मैं भी हूं , यूं तो होने का तुम भी हो , फिर किस में किसकी वजूद तलाश की जाये , तलबगार हैं कि बात जाहिर हो तो हो कैसे , रुख ये भी हैं बात जरा जाहिर ये भी हैं , खुद में खुद से किसकी मौजूदगी तलाश की जाये . " --- रबिन्द्र राम ©Rabindra Kumar Ram " यूं तो होने का मैं भी हूं , यूं तो होने का तुम भी हो , फिर किस में किसकी वजूद तलाश की जाये , तलबगार हैं कि बात जाहिर हो तो हो कैसे , रुख
Rabindra Kumar Ram
" यूं तो होने का मैं भी हूं , यूं तो होने का तुम भी हो , फिर किस में किसकी वजूद तलाश की जाये , तलबगार हैं कि बात जाहिर हो तो हो कैसे , रुख ये भी हैं बात जरा जाहिर ये भी हैं , खुद में खुद से किसकी मौजूदगी तलाश की जाये . " --- रबिन्द्र राम ©Rabindra Kumar Ram " यूं तो होने का मैं भी हूं , यूं तो होने का तुम भी हो , फिर किस में किसकी वजूद तलाश की जाये , तलबगार हैं कि बात जाहिर हो तो हो कैसे , रुख