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abhay singhaniya
New Year 2024-25 Social science file ©abhay singhaniya Class 10th
Class 10th
read moreParasram Arora
Unsplash बींच राह मे पहाड़ रुकावत बने तों उसे काट कर राह को समत्ल बनाना कोई जुर्म नहीं हैँ ये ख्याल कितना सख्त था क्योंकि उस पहाड़ को काटना आसान भी नहीं था गहरी नींद के नशे ने गुम हैँ इस बसती के लोग जबकि एक अजनबी पहरेदार.की तरह भटक रहा था ©Parasram Arora # समत्ल राह
# समत्ल राह
read moreShashi Bhushan Mishra
राह सँभलकर चलने वाले, मौसम देख बदलने वाले, कहाँ गए घुंघराले बादल, छत को देख मचलने वाले, हुए कारवाँ में सब शामिल, बीच राह में छलने वाले, बचके चलना राह मुसाफ़िर, आसपास हैं जलने वाले, अभी चमकते आसमान में, सूरज इनके ढ़लने वाले, पिंजरे में ज्यों क़ैद परिन्दा, लालच देख फिसलने वाले, एकदिन मिट जायेंगे 'गुंजन', आदत नहीं बदलने वाले, --शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' समस्तीपुर बिहार ©Shashi Bhushan Mishra #राह संभलकर चलने वाले#
#राह संभलकर चलने वाले#
read moreRadhe Radhe
राह कितनी भी मुश्किल हो पर हमें चलना भी आता है क्योंकि हमे गिर कर संभलना भी आता है इरादे के पक्के है हम किस्मत बदलना भी आता है थोड़ी दम तो भरने दो हमें उछलना भी आता है।। जय श्री राधे कृष्णा ©Radhe Radhe राह
राह
read moreNavab Mohammed Naqvi.
White Ek sunhera moka mila hai, 5 saal me 5 karod income. Ji haan, ek behatarien concept, ek behatarien mokha. Saat me judke paisa kamayiye. Sirf aap ka sath chahiye, har roz ek do ghante kaam karen aur anewale 5 saal me 5 karod kamaley. Koi bhi tarah ki condition nahi. 9342077333 ©Navab Mohammed Naqvi. 5 saal. 5 karod income 9342077333
5 saal. 5 karod income 9342077333
read moreRaju Saini
White जहाँ हम नहीं होते है..... वहाँ हमारे गुण व अवगुण हमारा प्रतिनिधित्व करते है.... ©Raju Saini #GoodNight #Rajusaini #sainishayri #rajushayri जहाँ #हम नहीं होते है..... वहाँ हमारे #गुण व #अवगुण हमारा #प्रतिनिधित्व करते है....
#GoodNight #Rajusaini #sainishayri #rajushayri जहाँ #हम नहीं होते है..... वहाँ हमारे #गुण व #अवगुण हमारा #प्रतिनिधित्व करते है....
read moreनवनीत ठाकुर
"पहाड़ों में जीना है कुछ खास, जहाँ मैदानों में जलती है आग, यहाँ बसी है जन्नत का एहसास। बर्फ़ की सफेदी में छुपा है खुदा का कमाल, नीले आसमान में जैसे खुदा का ख्वाब हो बेमिसाल। देवदार की खुशबू, हवा में ताजगी का पैगाम, हर कदम पर महसूस हो जैसे वादियों का सलाम। दूधिया झरने, जैसे रूह में समाई हो ताजगी का जादू, हर नजर में बसी हो सुकून की छांव का ख्वाब, धरती पर हो स्वर्ग का राज। सेब की मिठास, अखरोट-बादाम का स्वाद, खुमानी का रंग, चिलगोज़े की महक, यही है पहाड़ों की सौगात। सड़कों पर बर्फ़ की चादर, खामोशी का किनारा, ये देवों की भूमि, जहाँ जन्नत की रौशनी बसी है, एक आशीर्वाद का इशारा। गर्म इलाकों से कहीं बेहतर ये ठंडे स्थान, यहाँ हर मौसम में बसी है शांति और ठंडी शान। नसीब नहीं हर किसी को ये सुकून की चाह, यह सफर है खास, जिसे मिलती ये राह। ©नवनीत ठाकुर #पहाड़ों की राह
#पहाड़ों की राह
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