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Kiran Chaudhary

कितनी अजीब बात है

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कितनी अजीब बात है,
कि हम मिले
और यूँही बिछड़ गए एक दिन।।

©Kiran Chaudhary कितनी अजीब बात है

F M POETRY

#बड़ी अजीब है दरख़्त के पत्तों कि वफ़ा...

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Unsplash बड़ी अजीब है दरख़्त के पत्तों कि वफ़ा..

शाख गिर जाती है पर साथ नहीं छोड़ते ये..

यूसुफ़ आर खान.....

©F M POETRY #बड़ी अजीब है दरख़्त के पत्तों कि वफ़ा...

F M POETRY

वो निभाना अजीब लगता है....

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White जो तअल्लुक कभी न था यूसुफ़..

वो निभाना अजीब लगता है..



यूसुफ़ आर खान....

©F M POETRY #वो निभाना अजीब लगता है....

Adv. Rakesh Kumar Soni (अज्ञात)

#कुछ कुछ

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White तुम्हें मेरी मोहब्बत की भनक लग गई क्या 
जिस तरह मिल रहे हो सनक लग गई क्या 
कहीं तुम भी तो मेरी ओर खिंच नहीं रहे हो
ये बेवज़ह मुलाक़ातें अचानक लग गई क्या

©Adv. Rakesh Kumar Soni (अज्ञात) #कुछ कुछ

Ravi_bhagat11

अजीब हैंडवाश 😱 #trenging नये अच्छे विचार

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Avinash Jha

White याद आती है वो शाम

याद आती है वो शाम, जब सूरज ढलता था,
आंगन में बैठकर, चाय का कप सजता था।
हवा में थी खुशबू, मिट्टी की सौंधी-सौंधी,
हर कोने में थी ख़ुशी, हर बात थी मीठी-मीठी।

गली में बच्चों की हंसी, और पतंगों का खेल,
उन दिनों का हर लम्हा, जैसे कोई सुंदर मेल।
दादी की कहानियां, जो दिल को बहलाती थीं,
वो गाने, जो माँ गुनगुनाती थीं।

सांझ के दीपक, जो अंधेरे को मिटाते थे,
हमारे सपनों में उजाले भर जाते थे।
खुला आकाश, तारे गिनने का जुनून,
जैसे हर रात थी कोई अनोखा सुकून।

वो दोस्ती, जिसमें दिखावा न था,
हर बात में बस अपनापन था।
मिट्टी के घरों में भी, खुशियों का वास था,
कम साधनों में भी, भरपूर उल्लास था।

अब वक़्त बदला, पर दिल वही ठहरा है,
उन बीते पलों का जादू आज भी गहरा है।
याद आती है वो शाम, वो मासूम दिन,
जिनमें छिपा था सच्चा जीवन का संगम।

©Avinash Jha #याद #शाम

Rajeet

#good_night तलाश मेरी थी और भटक रहा था वो, दिल मेरा था और धड़क रहा था वो। प्यार का ताल्लुक भी अजीब होता है, आंसू मेरे थे और सिसक रहा था sh

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White 
तलाश मेरी थी और भटक रहा था वो,
दिल मेरा था और धड़क रहा था वो।
प्यार का ताल्लुक भी अजीब होता है,
आंसू मेरे थे और सिसक रहा था वो

©Rajeet #good_night 
तलाश मेरी थी और भटक रहा था वो,
दिल मेरा था और धड़क रहा था वो।
प्यार का ताल्लुक भी अजीब होता है,
आंसू मेरे थे और सिसक रहा था #sh

F M POETRY

#शाम है...

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White आजा मेरे ख्वाबों की महज़बीन शाम है..
आ देख मेरे साथ क्या हसीन शाम है..

तन्हाँ न समझ आएंगे रंगीन नज़ारे..
आ मैं तुझे दिखाता हुँ रंगीन शाम है..


यूसुफ़ आर खान....

©F M POETRY #शाम है...

Nandita Tanuja

#MereKhayal वो शाम कितनी सुहानी #बंद आँखों मे थोड़ा सा पानी..!! मेरी_रुह© कविता कोश

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