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'दीपक' अवस्थी
मुझे अत्यधिक खुशी होती है। जब कोई मेरे से बेहतरीन मिलता है मेरे सवालो को समझता है और जवाबो को भी इससे दोनों के ही दिमाग विकसित होते है। #विकसित
Manmohan Dheer
राकेट से उतर के उसने बग्घी भी उतार ली थी नई जमीं पे दौड़ पड़ा था फिर उसमें घोड़े जोत के वो आधुनिक हो गया था वो विकसित हो चुका था विकसित
Ajay Kumar
हेल्प इंडिया विकसित इंडिया इंडिया विकसित इंडिया।
अर्पिता
आज माँ का एक रुप देखा , दिनभर बच्चों के काम किये जा रही थीं, अपनी उलझने भुलाकर उन्हें सुलझाना सीखा रही थी, अपने खट्टे मीठे अनुभवों से उन्हें जीना सीखा रही थी, अपनी सहनशीलता का परिचय जता रही थी, नामचिन चाय की चुस्कियों के साथ दिन बनाये जा रही थी, उनके हर एक पल को तराशती जा रही थी, नाजुक सी कलियों को फूल बनना सीखा रही थी, अपनी सतयुग की कहानियां इस कलयुग में सुनाए जा रही थी, अपने भोलेपन से सभी के दिलों को जीतना सिखाए जा रही थी, सिर्फ वो ही ये सब करे जा रही थीं, अपने बच्चों को प्रत्यक्षता का ज्ञान कराए जा रही थी, अपनी ही ममता को लुटाये जा रही थी, बहुत प्यार दुलार से बात किये जा रही थी, और इन्ही बातो के जरिये सब कुछ सिखाये जा रही थी, ज़िन्दगी का मतलब बताये जा रही थी, इस संसार मे अपनी महत्वता को बनाये जा रही थी, थोड़ा ध्यान से देखा तो साक्षात देवी सी प्रतीत हो रही थी।। ©अर्पिता #माँ का रूप
Prashant Mishra
निश्छलता का प्रारूप है 'माँ' इस धरती पे स्नेह का सच्चा स्वरूप है 'माँ' इस धरती पे दुनिया में 'माँ' के जैसा नहीं कोई दूजा है भगवान का सच्चा रूप है 'माँ' इस धरती पे --प्रशान्त मिश्रा #"माँ" का रूप
Marutishankar Udasi
पर कतरने का है उदासी वही सदियो पुराना रिवाज बहू को बेटी अब भी न समझना फिर कैसे कहे हम इसे विकसित समाज ©Marutishankar Udasi विकसित समाज #Soul
Ek villain
सफलता और गौरव की यात्रा बड़े सोच से ही आरंभ होती है इस दृष्टिकोण के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्ष 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने का संकल्प लिया है एक संकल्प पूर्ति के लिए अर्थव्यवस्था को 20 ट्रिलियन लाख करोड डॉलर के स्तर पर ले जाना होगा यानी आर्थिक को मजबूती दायरे से करीब 6 गुना बढ़ाना होगा वास्तव में किसी भी देश को जोरदार आर्थिक वृद्धि जनसंख्या एक वितरण राजनीतिक स्थिरता वैश्विक सहयोग और आर्थिक प्राथमिकताओं पर निर्भर होती हैं व्यापक अर्थ में आर्थिक वृद्धि के दो प्रमुख सूत्र होते हैं एक कामकाजी आबादी के आकार में वृद्धि और दूसरा उत्पादक में बढ़ोतरी वही भूमि श्रम पूंजी और उद्यमिता आर्थिक वृद्धि के 4 पहलू है अशुभ संकेत यही है कि प्रधानमंत्री के ओक उद्घोषणा एक ऐसे समय में की है जब भारत के संदर्भ से यह सभी पहलुओं सकारात्मक दिखते हैं भारत के एक उद्यमी समाज है और हाल के दौरान में राष्ट्रीय नीति और कार्यक्रम भी आता व्यवस्था पर शीर्ष स्तरीय नियंत्रण से निजी क्षेत्र परिस्थिति आर्थिक वृद्धि की ओर केंद्रित हुए हैं ©Ek villain #पीएम मोदी ने लिया विकसित राष्ट्रीय बनाने का सरल उपाय
Parasram Arora
प्रेम मे संयोग और वियोग तत्व प्रेम को ऊर्जावान बनाते हैँ प्रेम का मूल्यांकन वियोग की पीड़ा को झेले बिना न किया जा सकता है और न ही समझा जा सकता है.. ज़ब वो प्रेम की पीड़ा समझ कर पुष्ट हो जाता है तो प्रेम एक दैवी ज्ञान बन जाता है जो हमारे अंतग और बाहर भी आँखों को प्रकाशमान करता है. तब उस प्रेम क़े निराकार स्वरूप क़े सौजन्य से हम दुनिया की हर वस्तु मे देवत्व का तत्व देख पाने मे सक्षम हो पाते हैँ ©Parasram Arora # प्रेम का निराकार रूप