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Yashpal Sharma&J.K
Unsplash हिम क्रिस्टलीय जलीय बर्फ के रूप में हुआ एक प्रकार का वर्षण है, जिसमे एक बड़ी मात्रा में हिमकण शामिल होते है जो बादलों से गिरते हैं। चूंकि हिम बर्फ के महीन कणों से बनी होती है, इसलिए यह एक दानेदार पदार्थ है। इसकी संरचना खुली और इसलिए नरम होती है, जब तक कि कोई बाहरी दाब डाल कर इसे दबाया ना जाए। ©Yashpal Sharma&J.K #snow हिम क्रिस्टलीय जलीय बर्फ के रूप में हुआ एक प्रकार का वर्षण है, जिसमे एक बड़ी मात्रा में हिमकण शामिल होते है जो बादलों से गिरते हैं। चू
#snow हिम क्रिस्टलीय जलीय बर्फ के रूप में हुआ एक प्रकार का वर्षण है, जिसमे एक बड़ी मात्रा में हिमकण शामिल होते है जो बादलों से गिरते हैं। चू
read moretheABHAYSINGH_BIPIN
White देख कर तुझको पहली बार, मेरे दिल पर शामत आई थी। मैं होश में कहाँ था उस वक़्त, जज़्बातों में लहर सी आई थी। सुध-बुध खोकर बैठा था मैं, आँखों में चमक सी आई थी। दुनिया की फिक्र किसको थी, मेरी जान जाँ पर बन आई थी। तेरे ही एहसासों में जीने का, ये कैसी जुनून मुझपे छाई थी। मैं, धड़कन और रूह ने मेरी, दुनिया से नाता तोड़ आई थी। मिलकर तुझसे ये एहसास हुआ, तूने जिंदगी मेरी लौटाई थी। डुबकर तुझमें ये एहसास हुआ, मेरे दिल को सुकून सी आई थी। तुम मुझसे दूर जाकर भी तुमने, जीने का तरीका सिखलाई थी। तुमसे बिछड़कर ये एहसास हुआ, तेरी यादों में राहत सी आई थी। ©theABHAYSINGH_BIPIN #Sad_Status देख कर तुझको पहली बार, मेरे दिल पर शामत आई थी। मैं होश में कहाँ था उस वक़्त, जज़्बातों में लहर सी आई थी। सुध-बुध खोकर बैठा था
#Sad_Status देख कर तुझको पहली बार, मेरे दिल पर शामत आई थी। मैं होश में कहाँ था उस वक़्त, जज़्बातों में लहर सी आई थी। सुध-बुध खोकर बैठा था
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कोहरे से ठिठुर गया है सूरज दिखता नहीं कहीं भी मुहूर्त। छाई है काली घटा सी धुंध, धरती ढकी बर्फ की चादर में। हाथ-पैर अब जमने लगे हैं, सर्दी ने रोका हर काम। हिम्मत भी थरथर कांप उठी, लिपटे हम गर्म चादर में। उठकर मुंह धुलना भी दुश्वार है, किसने बर्फ डाल दी पानी में? कौन है जो यूं कहर ढा रहा, पूरे गांव को कैद किया है घर में? राह अंधेरी, जमी हुई है, थोड़ी उम्मीद बची है मन में। चलता हूं बस सहारे इसके, जो दिख रहा टॉर्च की रोशनी में। शिथिल पड़े हैं मेरे जज्बात, आलस ने ले लिया गिरफ्त में। यह कैसा दिन, एक पल न सुहा, सिकुड़ा पड़ा हूं एक चादर में। हर कदम जैसे थम सा रहा, जीवन को ढो रहा धुंध में। क्या कभी सूरज की रौशनी लौटेगी, या मैं यूं ही खो जाऊं रजाई में? ©theABHAYSINGH_BIPIN #coldwinter कोहरे से ठिठुर गया है सूरज दिखता नहीं कहीं भी मुहूर्त। छाई है काली घटा सी धुंध, धरती ढकी बर्फ की चादर में। हाथ-पैर अब जमने लगे
#coldwinter कोहरे से ठिठुर गया है सूरज दिखता नहीं कहीं भी मुहूर्त। छाई है काली घटा सी धुंध, धरती ढकी बर्फ की चादर में। हाथ-पैर अब जमने लगे
read moreshamawritesBebaak_शमीम अख्तर
White अना की ऐसी बला खुदसे निकाल दी मैने, जो नागवार है वो बात टाल दी मैने//१ किसी से अब नहीं रंजिश,न मेल मिलाप, घुटन थी जितनी खुदी मे पिघाल दी मैने//२ मेरे रकीब तेरा राज-फाश हो-ना कभी, हाँ तुझपे इज्जत-ए-रिदा डाल दी मैने//३ कदम अमीरी का जब मयकदे में जा धमका, के दोनो दस्त से दौलत उछाल दी मैने//४ बहुत जरूरी है जालिम को आइना देना, इसी सबब उसे,उसकी मिसाल दी मैनें//५ मेरे जहन मे मचलते हैँ बे-शुमार सुखन,सो आज इनपे कलम अपनी निकाल दी मैने//७ वो जिसने तोड़े नशेमन"शमा के कुंबों के, उसी यजीद को फिर जान-ओ-माल दी मैने//८ #Shamawritesbebaak ©shamawritesBebaak_शमीम अख्तर #sad_quotes अना की ऐसी बला खुदसे निकाल दी मैने,जो नागवार है वो बात टाल दी मैने//१ किसी से अब नहीं रंजिश,न मेल मिलाप,घुटन थी जितनी खुदी मे प
#sad_quotes अना की ऐसी बला खुदसे निकाल दी मैने,जो नागवार है वो बात टाल दी मैने//१ किसी से अब नहीं रंजिश,न मेल मिलाप,घुटन थी जितनी खुदी मे प
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