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Ravendra
Mukesh Poonia
Ravendra
Thakor
Mukesh Poonia
आपका मन आपका औजार है, इसका मालिक बनना सीखे गुलाम नहीं... . ©Mukesh Poonia #TiTLi आपका मन आपका #औजार है, इसका #मालिक बनना सीखे #गुलाम नहीं...
Praveen Jain "पल्लव"
पल्लव की डायरी वेवशी के हम सताये अराजक सब औजार हो गये फली फूत है परीक्षा फीस से एग्जाम के सिस्टम फेल हो गये कौन सम्हाले भविष्य हुनरों के सत्ता में दलाल पैदा हो गये कैसा भारत युवाओं वाला चेहरे सब के उदास हो गये प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" #udaasi अराजक सब औजार हो गये #nojotohindi
Ajab Singh
अगर मान ले कि राम थे तो मेरा एक प्रश्न है उस समय में इतना क्लीन शेव किस औजार से होता 2500 साल हड़प्पा सभ्यता में भी सेविंग का कुछ नहीं मिला तो रामायण के हिसाब से रामायण कितनी पुरानी है उस समय किस औजार से दाढ़ी बनाई जाती थी थोड़ा वर्णन करने की कृपा करें ©Ajab Singh रामायण के समय में दाढ़ी किस औजार से बनाई जाती थी। इतना क्लीन शेव उस समय में कैसे। तर्क बाद तर्क #जय भीम
Pinki Khandelwal
बालश्रम क्यों और कब तक...। क्या गुनाह किया उन बच्चों ने, पूछता हूं उस रब से, जो पढ़ाई लिखाई की उम्र में, थमा दी मजदूरी, पेट पालने की विवशता ने, बच्चों की वो मासूमियत छीन ली, छीन लिया उनसे उनका बचपन, और बना दिया मजदूर, जो खा रहा दर दर की ठोकरें, और कभी भूखा तो तानों से, भर रहा पेट अपना, कभी कभी धूप के कारण, जल रहे उसके पैर, नहीं खरीदने को चप्पल, यह दृश्य देख कांप गया मैं, पर क्यो नही कांपते ये लोग, कहां लुप्त हो गयी मानवता, कैसे छोटे छोटे बच्चों से, कराते हैं जोखिम भरे कामों को, और कब तक चलेगा ये सब, क्यो आवाज नहीं उठाता कोई, क्या अंधे हो गए हैं सब, जो नहीं दिखाई देता इनको, या कोई और वजह है, आखिर कब तक, बच्चों की मासुमियत, उनकी खुशी, उनके सपनों की, बलि चढ़ाते रहोगे? ©Pinki Khandelwal हाथों में औजार नहीं कंधों पर बस्ता होना चाहिए, पैरों में छाले नहीं जूते होने चाहिए, आखिर क्यों छीनते हो बच्चों का मासूम बचपन?
कलम की दुनिया
रबर बन गलती मिटाने कि बातें करते हैं सब मैं कटर बनकर तुम्हारे अंत समय तक तुम्हें निखारूँगा ©कलम की दुनिया #कटर
Vedantika
लौट आया वो एक श्रृंखला A Series सुबह के दस बज रहे थे। प्रयुक्त सड़क के किनारे अपनी कार खड़ी करके अपने दोस्त नीर को फोन लगा रहा था। पंद्रह बीस कॉल करने के बाद भी जब नीर ने फोन