Find the Latest Status about संविदा नौकरी from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, संविदा नौकरी.
ਸੀਰਿਯਸ jatt
Exactly 💯 चूत मिलना कोई Achievement थोड़ी हैं। ! चूत तो कोई लड़की औरत कोई भी दे देती हैं ! मुझे देख लो मैंने अपने जीवन में इतनी लड़कियो और औ #Videos
read moreHimanshu Prajapati
प्यार तो हो ही गया है, अब जल्दी से इजहार कर दो, इश्क की नौकरी कब तक सोम से शनि करता रहूंगा, आओ मेरी जिंदगी में हर दिन इतवार कर दो..! ©Himanshu Prajapati #lovetaj प्यार तो हो ही गया है, अब जल्दी से इजहार कर दो, इश्क की नौकरी कब तक सोम से शनि करता रहूंगा, आओ मेरी जिंदगी में हर दिन इतवार कर दो
ਸੀਰਿਯਸ jatt
मैं उस दिन लडक़ी औरतों की इज़्ज़त करूंगा जिस दिन नौकरी वाली लड़की बेरोजगार लड़के से शादी करेगी जिस भी दिन ऐसा होना शुरू होगा ! तब तक के औरतो #Videos
read moreHimanshu Prajapati
👉🏻प्यार तो हो ही गया है, 👉🏻अब जल्दी से इजहार कर दो, 👉🏻इश्क की नौकरी कब तक 👉🏻सोम से शनि करता रहूंगा, 👉🏻आओ मेरी जिंदगी में 👉🏻हर दिन इतवार कर दो..! ©Himanshu Prajapati #lovetaj👉🏻प्यार तो हो ही गया है, 👉🏻अब जल्दी से इजहार कर दो, 👉🏻इश्क की नौकरी कब तक 👉🏻सोम से शनि करता रहूंगा, 👉🏻आओ मेरी जिंदगी में 👉🏻हर दिन
lovetaj👉🏻प्यार तो हो ही गया है, 👉🏻अब जल्दी से इजहार कर दो, 👉🏻इश्क की नौकरी कब तक 👉🏻सोम से शनि करता रहूंगा, 👉🏻आओ मेरी जिंदगी में 👉🏻हर दिन #विचार
read moreAnuj Ray
पहली नौकरी " पहली पहली नौकरी ,मिलते ही मुंबई में, लाइन लग जाती थी ,शादी के लिए छोकरी। पहले के लोग मुंबई ,जाते ही थे इसलिए, मुफ़्त में मिलती थी वहां, नौकरी और छोकरी। दो सौ की तनख्वाह में, कर लेते गुजर बसर, छोटी सी खोली में, घर बसा रहते थे डोंगरी। फिल्मों की सी ज़िन्दगी, फिल्मी लव स्टोरी, जाने का गम नहीं ,तू नहीं तेरी जगह दूसरी। ©Anuj Ray # पहली नौकरी "
# पहली नौकरी " #कविता
read moreDilip Kumar
White 84 लाख योनियों में भटकने के बाद मनुष्य का शरीर मिलता है कृपया इसे सरकारी जॉब की तैयारी में बर्बाद ना करें आगे आपकी मर्जी ...…............................... #kumardil143@gmqil.com ......................................................... ©Dilip Kumar #Sad_shayri सरकारी नौकरी
#Sad_shayri सरकारी नौकरी #मोटिवेशनल #Kumardil143
read moreरिपुदमन झा 'पिनाकी'
अजी नौकरी का भी अपना मज़ा है। जहां अपनी चलती नही कुछ रज़ा है। हुकम हाकिमों का बजाते रहो बस- यहांँ ज़िन्दगी हर घड़ी इक क़ज़ा है। दवाबों तनावों की बोझिल फ़ज़ा है। बिना पाप के भोगता नित सज़ा है। सवालों जवाबों से परहेज़ कर चल- यहाँ कोई सुनता नहीं इल्तिज़ा है। रहो जब तलक भी किसी नौकरी में। न कुछ और सोचो कभी ज़िन्दगी में। भुला दो सभी रिश्ते नाते जरूरत- लगा दो अरे आग अपनी ख़ुशी में। नियम हाकिमों के नए रोज बनते। कि साहब यहां ख़ुद ही उलझन में रहते। करें गलतियांँ हम तो सुनते हैं बातें - मगर इनकी ग़लती मुनासिब ही रहते। करो हर घड़ी सबकी तीमारदारी। जताए बिना अपनी कोई लचारी। न छुट्टी, न अर्जी, न आराम कुछ दिन- लगाए रखो नौकरी की बिमारी। ज़हन में ख़याल इसका ही जा-ब-ज़ा हो। अमल हुक़म हो चाहे बेजा बजा हो। चलेगी नहीं हुक्म उदूली एक भी - कि इसमें तुम्हारी न बेशक रज़ा हो। पड़ो चाहे बीमार या मर ही जाओ। मगर नौकरी अपनी पहले बचाओ। न जो कर सको तो अभी बात सुन लो- उठाओ ये झोला तुरत घर को जाओ। कभी कुछ न सोचो सिवा नौकरी के। नहीं तुम हो कुछ भी बिना नौकरी के। चलाता है घर बार यह नौकरी ही - करो रात - दिन हक़ अदा नौकरी के। रिपुदमन झा 'पिनाकी' धनबाद (झारखण्ड) स्वरचित एवं मौलिक ©Ripudaman Jha Pinaki #नौकरी
AJAY NAYAK
White सरकारी नौकरी जैसे जल ही जीवन है, पढ़ाई ही जीवन का आधार है वैसे ही यूपी बिहार एमपी के रणबांकुरों का सरकारी नौकरी पाना ही जीवन का उद्देश्य है भले पूरी उम्र उसी में बीत जानी है ! अच्छे नंबर अगर मिले हैं पूरा विद्यालवा जवार में टॉप है नोकरी अगर मिली तो यह एक अच्छी सरकार है नही मिली, अगर कौनो नौकरी तो हमरा पढ़ाई में कौनो ना खोट है ई साला त, पूरा सरकारवा ही बेकार है जे देयी जैसे भी हमका नौकरी वही के मिले के हक है हमरा वोटवा का अधिकार है! सरकारी नौकरी पाना ही जीवन का उद्देश्य है भले पूरी उम्र उसी में बीत जानी है ! –अjay नायक ‘वशिष्ठ’ ©AJAY NAYAK #Services #government सरकारी नौकरी जैसे जल ही जीवन है, पढ़ाई ही जीवन का आधार है वैसे ही यूपी बिहार एमपी के रणबांकुरों का सरकारी नौकरी
#Services #government सरकारी नौकरी जैसे जल ही जीवन है, पढ़ाई ही जीवन का आधार है वैसे ही यूपी बिहार एमपी के रणबांकुरों का सरकारी नौकरी #lover #कविता
read moreअदनासा-
ABRAR
चाह कर कौन छोड़ता है घर अपना हम मुहाजिर हैं इक नौकरी के लिए ©ABRAR चाह कर कौन छोड़ता है घर अपना हम मुहाजिर हैं इक नौकरी के लिए - अबरार Reeda
चाह कर कौन छोड़ता है घर अपना हम मुहाजिर हैं इक नौकरी के लिए - अबरार Reeda #Shayari
read more