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Amit Rawat
हुनर और हालात चीथड़ों में लिपटा सड़क किनारे बैठ वो जो गा रहा था , दर्द अपने दिल का सुरो में पिरो कर सुना रहा था । लेकिन ये हुनर न देखा किसी ने उसका "आवर्त", चंद सिक्के गिरा गए लोग उसके हालात देख कर #हालात #हुनर #आवर्त
Amit Rawat
दोस्तो का साथ कुछ इस कदर हो गया है "आवर्त", जिस कदर आसमाँ में तारे दिखते तो है,पर मिलते नहीं। #दोस्त #याद #आवर्त #friendshipday
Cpvishal Phophse
चपला पूरी नगर सारणी। का मैं करता रूप बखान। सतपुड़ा के अग्रभाग में। बाबा मठारेश्वर है पहचान। सारनी म. प्र.
Pushpvritiya
यह तथ्य कभी समझ आया नहीं कि............... स्वउदर कष्ट दे किन्ही की आयु कैसे बढ़ाई जाती है..... स्वकंठ पिपासित कर स्तुतिगंग कैसे बहाई जाती है......... सोचा यह सब "ज्ञान" नहीं..... तो जो "ज्ञान" नही विवेक से परे हो जो जहां तर्क अमान्य हो...... उन्हें "प्रेम" की तालिका में अंकित कर दे......... ©Pushpvritiya सारणी बनाएं....... जिनमें प्रेम और ज्ञान की हो दो तालिकाएं...... फिर बिंदुओं का संकलन कर अंकन करें............. गृहकार्य है अवश्य करें...
Kishan Dahiya
Suyash
पिताजी आपकी कमी महसूस की आज मैंने , अकेले ख़ुद को असुरक्षित महसूस किया मैंने , आपके साथ उडीसा कि यात्रा नहीं भूली है मैंने , 10 साल पहले की हरपल फिर से याद की मैंने , आपके साथ यात्रा में अलग अनुभूति की थी मैंने , हर कदम यात्रा में आपके सुझाव पुनः याद की मैंने !!🙏 पिताजी के साथ 10 साल पहले गया था जहाँ वही फिर गया आज उसी समय सारणी को फिर से दोहराया आज पर पिताजी के साथ एक अलग अनुभव था वो मैं ऐसे नहीं कर
Raj 94myfm
सुसि ग़ाफ़िल
तुम्हें पता है हम अश्लील थे उस वक़्त समाज की नजरों सारणी में सबसे निचले पायदान पर.... मैं और तुम आदर्शवादी रहें जब मैं गाँव के जोहड़ पर भेंसों को पानी पिलाता खेतों में काम करता एक ही कुर्ते को तीन दिन तक घसीटे रहता गरीबी मे
vishnu prabhakar singh
हे भगवान कबूल करो ये नमन नन्हा सा दीप हूँ भोले स्वीकार करो ये भजन हे भगवान कबूल करो ये नमन तेरी महिमा अपार तेरा भक्तों से प्यार तेरा अद्भुत व्यवहार तेरा औघड़ विचार तू है पापियों का नाशी अच्छे कर्मों का तू जिज्ञासी फिर क्यूँ है ये उदासी कर दे दूर भोले अपशकुन स्वीकार करो ये भजन तेरा नन्हा सा दीप इसके बातों में गीत इसके तन मन में भोले कल्पित भजन में भोले तीनों लोकों के स्वामी तू तो है अन्तर्यामी भोले कैसी ये हानि क्यूँ भेजे यहाँ अभिमानी मेरी श्रद्धा का ये नमन तेरे कलयुग का ये ढंग इसकी रक्षा करो भगवन बचा लो भक्तों का ये चमन तेरे भक्तों की है ये इच्छा भोले लो ना यूँ परीक्षा दिखा तेरा भक्तों से प्यार भोले नयन खोलो एक बार हो जाये इस दुनियां का उद्धार। जय भोलेनाथ' 🙏 यह भजन मैंने 27,28/7/1995 को लिखा था। मैं शिवरात्रि में अपने गाँव में था।हमारे ग्रामीण परिवेश में भोलेनाथ के लोकगीत व भजन को
नेहा उदय भान गुप्ता😍🏹
जिसे नौकरी मिल गई है.... वो ही सफ़ल है, तो ये केवल आपका भ्रम मात्र है...... यदि आप स्वयं से सतुंष्ट है तो यकीन मानिए, आप सफ़ल है..... बाक़ी अनुशीर्षक में पढ़िए🙏 #apni_rah #apnirah_team #apnirah #apniraah सबसे पहले आप ये जानिए सफ़लता होती क्या है......क्या नौकरी प्राप्त कर लेना और अपने व परिवार का