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Stories related to मरीज ए इश्क हूं मैं गाना

Irfan Saeed

मैं तो बेज़ार हूं मिस्मार बना फिरता हूं दश्त ए इश्क़ में बीमार बना फिरता हूं अब्र ने आब से संधि कर ली फ़सी

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मैं  तो  बेज़ार  हूं  मिस्मार  बना  फिरता हूं 
दश्त ए इश्क़  में  बीमार   बना  फिरता  हूं

अब्र    ने    आब    से    संधि     कर     ली 
फ़सील ए दिल में हूं कुम्हार बना फिरता हूं 

शिकस्ता हूं मैं अजी शाद का चेहरा बनकर
दिल में अहवाल का बाज़ार बना फिरता हूं 

मुहब्बत थी  उससे  उसने ही मारा मुझको
सहरा ए इश्क़  कलमकार  बना फिरता हूं

मस्कन ए दिल  को हर बार  उसने तोड़ा है
बाब ए इश्क़ हूं  ग़म-ख़्वार  बना फिरता हूं

©Irfan Saeed मैं  तो  बेज़ार  हूं  मिस्मार  बना  फिरता हूं 
दश्त ए इश्क़  में  बीमार   बना  फिरता  हूं

अब्र    ने    आब    से    संधि     कर     ली 
फ़सी

Ashok Verma "Hamdard"

मिट्टी से जुड़ा हुआ हूं मैं

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White अभी मिट्टी से जुदा हुआ नहीं हूँ,
थका हूँ पर कहीं रुका नहीं हूँ।

गिराया वक्त ने, संभलता गया मैं,
हारा जरूर हूँ, मगर झुका नहीं हूँ।

तेरी राहों का राही बनूं कैसे,
मैं कारवां हूँ, मगर रास्ता नहीं हूँ।

बिखरने की सज़ा वक्त ने दी है,
मगर ख़ुद में मैं अब तक मिटा नहीं हूँ।

पिता का अक्स हूँ, पहचान यही है,
पर अब तक खुद को तराशा नहीं हूँ।

मंजिल मेरी भी होगी एक दिन,
सफ़र में हूँ, पर अभी ठहरा नहीं हूँ।

भूखा हूँ पर गैर का लूटूं ये मुमकिन नहीं,
मैं मेहनत का हूँ, सौदा सस्ता नहीं हूँ।

तुम संग हूँ, पर दिल से दूर हूँ शायद,
खुद का भी हूँ, तेरा भी पूरा नहीं हूँ।

अशोक वर्मा "हमदर्द "

©Ashok Verma "Hamdard" मिट्टी से जुड़ा हुआ हूं मैं

विष्णु कांत

मैं तुझे जान मानता हूं

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विष्णु कांत

मैं बदल गया हूं

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विष्णु कांत

मैं मर गया हूं।

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Himanshu Prajapati

#sad_shayari नूर-ए-जहां मोहब्बत हमने आजमाया था, अब अंधेर-ए-जहां में जी रहा हूं मैं..! #36gyan #hpstrange

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White नूर-ए-जहां मोहब्बत हमने आजमाया था,
अब अंधेर-ए-जहां में जी रहा हूं मैं..!

©Himanshu Prajapati #sad_shayari नूर-ए-जहां मोहब्बत हमने आजमाया था,
अब अंधेर-ए-जहां में जी रहा हूं मैं..!
#36gyan #hpstrange

Ajay Tanwar Mehrana

poetry in hindi पागल हूं मैं

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पागल हूं क्योंकि प्यार पाया है मैंने 
          तुम सयाने तो बहुत कुछ खो बैठे ।

          शौला हूं क्योंकि शौर्य पाया है मैंने 
         तुम शीतल बर्फ बेवजह पिघल बैठे ।

          गंवार हूं क्योंकि शहर गंवाया है मैंने 
          तुम तो गांव को छोड़ शहर जा बैठे ।

           रुग्ण हूं क्योंकि वो रोग पाया है मैंने 
           जिसे सब लोग अपराध कह बैठे ।

           जिद्दी हूं क्योंकि जिस्म पाया है मैंने 
           तुम सहज शील खुद को ही खो बैठे ।

©Ajay Tanwar Mehrana  poetry in hindi
पागल हूं मैं

seema patidar

जी भरकर रो सकती हूं मैं ......

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तेरे एक इशारे पर तेरी हो सकती हूं मैं
कुछ नहीं है पास खोने को 
फिर भी बहुत कुछ खो सकती हूं मैं
पत्थर सी बन गई हूं ,और पत्थर बने है जज्बात
अगर तू लगाले गले तो जी भरकर 
रो सकती हूं मैं .........

©seema patidar जी भरकर रो सकती हूं मैं ......

Ajay Tanwar Mehrana

#life_quotes मैं आजाद हूं

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White                 ना मेरा कोई मेरा रहबर मेरा रब
                ना हितैषी मैं ही तो हूं जो मेरा सब
                 मोड़ सब आंधी तूफानों की मरोड़ 
                 कोई कह तो दे कि मैं  बर्बाद  हूं ।

                 मैं चला बंदिश जमाने की भी तोड़ 
                 असल मायने में तो मैं आजाद हूं ।

                 जी रहे सब दुःख भरी मर्यादाओं में 
                 मैं नहीं विक्षत ना ही दिलशाद हूं ,
                  कालचक्र कर्मकांडों की ये सीमा 
                तो भी चलती चक्की का उन्माद हूं ।

                 मैं चला बंदिश जमाने की भी तोड़ 
                 असल मायने में तो मैं आजाद हूं ।

                 ना मैं जकड़ा जातियों, पंथों, धर्म ने
                  ना समाज की रिवाजों के भरम ने ,
                 झूठ सब देवों - देवियों की ये लीला 
                'अजय' खुले द्वंद्वों में बजता नाद हूं !

©Ajay Tanwar Mehrana #life_quotes
 मैं आजाद हूं

Ajay Tanwar Mehrana

मैं आजाद हूं

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ना मेरा कोई मेरा रहबर मेरा रब
                ना हितैषी मैं ही तो हूं जो मेरा सब
                 मोड़ सब आंधी तूफानों की मरोड़ 
                 कोई कह तो दे कि मैं  बर्बाद  हूं ।

                 मैं चला बंदिश जमाने की भी तोड़ 
                 असल मायने में तो मैं आजाद हूं ।

                 जी रहे सब दुःख भरी मर्यादाओं में 
                 मैं नहीं विक्षत ना ही दिलशाद हूं ,
                  कालचक्र कर्मकांडों की ये सीमा 
                तो भी चलती चक्की का उन्माद हूं ।

                 मैं चला बंदिश जमाने की भी तोड़ 
                 असल मायने में तो मैं आजाद हूं ।

                 ना मैं जकड़ा जातियों, पंथों, धर्म ने
                  ना समाज की रिवाजों के भरम ने ,
                 झूठ सब देवों - देवियों की ये लीला 
                'अजय' खुले द्वंद्वों में बजता नाद हूं !

                 मैं चला बंदिश जमाने की भी तोड़ 
                 असल मायने में तो मैं आजाद हूं ।

©Ajay Tanwar Mehrana मैं आजाद हूं
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