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MAHENDRA SINGH PRAKHAR
White गीत:- जीवन के हर मोड़ पर , बदलो अपनी चाल । यही सिखाते हैंं हमें , गुजरे अपने साल ।। जीवन के हर मोड़ पर ... कौन हमारे साथ है, कौन करेगा घात । मुड़कर पीछे देख लो, घनी अँधेरी रात ।। चुप बैठा जो है यहाँ , करता नही सवाल । वही देख दुश्मन बड़ा , पहन भेडिया खाल । जीवन के हर मोड़ पर... अधरो पे रख लो हँसी , रोको ये बरसात । ऐसे मत बैठो कभी , झूमों गाओ तात ।। हँसता तुमको देखकर , चहक उठे ये गाल । दूर समस्या हो न हो , मन में खिले गुलाल ।। जीवन के हर मोड़ पर... अटल कहाँ विश्वास अब , रही न अब वह डोर । टूटेंगे तारे अभी ,देखो सब उस छोर ।। बिन माया के क्यूँ रहूँ , बोला मैं ससुराल । ऐसे ताने मारकर , बीवी करे मलाल । जीवन के हर मोड़ पर.... प्यार जताना छोड दो , धन के रख भंडार । सारे रिश्ते आपके , लिए खडे उपहार ।। रिश्ते अपने आज तो , दिखते है तलवार । जब करो कभी स्पर्श तो , कट जाती है खाल । जीवन के हर मोड़ पर.... चलो शरण प्रभु राम के , ये ही नेक उपाय । दर्शन उनके जो मिले , मोह खत्म हो जाय ।। जग से नाता तोड़ के , चलो बने गोपाल । कुछ उनकी छाया मिले , कुछ बदलेगी चाल ।। जीवन के हर मोड़ पर.... जीवन के हर मोड़ पर , बदलो अपनी चाल । यही सिखाते हैंं हमें , गुजरे अपने साल ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR गीत:- जीवन के हर मोड़ पर , बदलो अपनी चाल । यही सिखाते हैंं हमें , गुजरे अपने साल ।। जीवन के हर मोड़ पर ... कौन हमारे साथ है, कौन करेगा घात । म
गीत:- जीवन के हर मोड़ पर , बदलो अपनी चाल । यही सिखाते हैंं हमें , गुजरे अपने साल ।। जीवन के हर मोड़ पर ... कौन हमारे साथ है, कौन करेगा घात । म #कविता
read moreHimanshu Prajapati
ना सोच विचार ना चिंता कोई ना कोई तलाश है, खत्म हो गया मोह माया ना कोई अब आश है, मौज मस्ती हस्ती कस्ती ये कहानी अभी भी जिंदा है, देख के मेरी चाल ढाल ये समस्या भी शर्मिंदा है..! ©Himanshu Prajapati #GoldenHour ना सोच विचार ना चिंता कोई ना कोई तलाश है, खत्म हो गया मोह माया ना कोई अब आश है, मौज मस्ती हस्ती कस्ती ये कहानी अभी भी जिंदा है,
#GoldenHour ना सोच विचार ना चिंता कोई ना कोई तलाश है, खत्म हो गया मोह माया ना कोई अब आश है, मौज मस्ती हस्ती कस्ती ये कहानी अभी भी जिंदा है,
read moreDevesh Dixit
कदम (दोहे) कदम - कदम पर ठोकरें, खाता है इंसान। जो संभल उससे गया, हो उसका गुणगान।। कदम - कदम पर टोक हो, जीना लगे मुहाल। कैसे किसको बोध हो, हम क्यों हैं बेहाल।। एक कदम तुम जो बढ़ो, वो बढ़ते हैं चार। प्रेम भाव से तुम रहो, मिल जाते भरतार।। मेरे पापा कह गए, रखो कदम संभाल। एक कदम मजबूत हो, तभी बढ़ाओ चाल।। उचित राह पर हो कदम, मिलता है ठहराव। कहते हैं सज्जन सभी, निर्मल यही स्वभाव।। .......................................................... देवेश दीक्षित ©Devesh Dixit #कदम #दोहे #nojotohindi #nojotohindipoetry कदम (दोहे) कदम - कदम पर ठोकरें, खाता है इंसान। जो संभल उससे गया, हो उसका गुणगान।। कदम - कदम प
#कदम #दोहे #nojotohindi #nojotohindipoetry कदम (दोहे) कदम - कदम पर ठोकरें, खाता है इंसान। जो संभल उससे गया, हो उसका गुणगान।। कदम - कदम प #Poetry #sandiprohila
read moreMAHENDRA SINGH PRAKHAR
रोला छन्द :- भीषण गर्मी :- कहती है सरकार , आज है भीषण गर्मी । पर भाषण में आज , नही है कोई नर्मी ।। हो विद्यालय बंद , हुए हैं बच्चे मूर्छित । खबर यही हो फ्रंट , सभी के मन हो हर्षित ।। हम भी हैं इंसान , करें हम सब मजदूरी । लू की लगे लपेट , मगर हम पर मजबूरी ।। सोचो कुछ सरकार , मिला हमको भी जीवन । भीषण गर्मी आज , झुलस्ता अपना तन-मन ।। आज नही कुछ हाथ , बनाओ आप प्रयोजन । किया सभी ने घात , दिखाकर हमें प्रलोभन ।। रोको आज विकास , जिसे सुख सुविधा कहते । करो प्रकृति शृंगार, जहाँ जन-मन हैं रहते ।। कुछ तो हो सरकार , अमल अब इन बातों पे। आये सुख की भोर, मेघ गायें रातों पे ।। बदले जीवन चाल , झूम जाये जग सारा । चाहोगे जब आप , तभी चमकेगा तारा ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR रोला छन्द :- भीषण गर्मी :- कहती है सरकार , आज है भीषण गर्मी । पर भाषण में आज , नही है कोई नर्मी ।। हो विद्यालय बंद , हुए हैं बच्चे मूर्छ
रोला छन्द :- भीषण गर्मी :- कहती है सरकार , आज है भीषण गर्मी । पर भाषण में आज , नही है कोई नर्मी ।। हो विद्यालय बंद , हुए हैं बच्चे मूर्छ #कविता
read moreєηмσηтισηѕ
गजब की अदागर है वो नफरत के लहजे पढ़ के दिलासे बटोर लेती है ©єηмσηтισηѕ हुस्न ए चाल #love #Relationship
हुस्न ए चाल love #Relationship #शायरी
read morePraveen Jain "पल्लव"
Men walking on dark street पल्लव की डायरी धुंधले धुंधले सपने है कभी दिल खिल ही नही पाये रोटी दाल इतनी बड़ी और महंगी थी उसको पाने के लिये,कभी उभर ही नही पाये विश्वास खुद में ही टूट गया जब चाल चलन दुनिया का देखा मेहनत कश लोगो की कीमत घटाकर औद्योगिक घराने पनपे है सत्ता के सारे प्रवाह सुविधा और संरक्षण बनकर कृपया उन पर बरसते है हमे बारह घण्टे काम के करके हर सुविधाओं का हनन करते है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" #Emotional जब चाल चलन दुनियाँ का देखा #nojotohindi
#Emotional जब चाल चलन दुनियाँ का देखा #nojotohindi #कविता
read morekoko_ki_shayri
ख्वाईश बढ़ती जा रहीं हैं उम्मीदों की छाँव में ढूढ़ रहे है हम भी किनारा इसी चाल में.. ✍️✍️✨️✨️ ©koko_ki_shayri #dhudh रहे hAi इसी चाल में...😍