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Kulvant Kumar
White " अशांत मन ,जीवन में आने वाली खुशियों को भी छीन लेता है" ©Kulvant Kumar #sad_quotes " अशांत मन ,जीवन में आने वाली खुशियों को भी छीन लेता है ll
#sad_quotes " अशांत मन ,जीवन में आने वाली खुशियों को भी छीन लेता है ll
read morevish
मैं ठहरे हुए कुएँ का वो पानी नहीं, जो थम जाऊँ.... मैं बहती नदी की वो धारा हूँ, जो साहिल से टकराकर भी, अपने सागर से मिल जाऊँ.... जिंद़गी ©vish # नदी की वो धारा
# नदी की वो धारा
read moreSuraj Jha
ग्यान की धारा #outoflove motivational shayari in hindi motivational shayari Extraterrestrial life Entrance examination motivational thought
read moreJitendra Giri Hindu
"धर्म का आधार सेवा है, राजनीति का आधार न्याय है, और समाज का आधार नैतिकता। यदि गाय के मामले में हम तीनों को भूल जाएँ, तो हमारा पतन निश्चित है।" ©Jitendra Giri Goswami प्रेरणादायक मोटिवेशनल कोट्स मोटिवेशनल कोट्स हिंदी #nojohindi #Life #Constitution #hinduism गाय: धर्म, संविधान और समाज का आईना (संक्षिप्त
प्रेरणादायक मोटिवेशनल कोट्स मोटिवेशनल कोट्स हिंदी #nojohindi Life #Constitution #hinduism गाय: धर्म, संविधान और समाज का आईना (संक्षिप्त
read moretheABHAYSINGH_BIPIN
White मन मेरा अशांत क्यों है भला, आख़िर क्यों है ज़ुबां सिली? कुछ बोलकर भी चुप हूँ मैं, अधरों पर क्यों सवाल खड़ा? नयन रूखे से लगते हैं अब, लबों पर क्यों नहीं मुस्कान भला? एक शोर उठता है, रह-रह कर जो, आख़िर खुद में ही क्यों दबा? ढूंढता हूँ, फिर भागता हूँ, सवालों का कभी जवाब नहीं मिला। गिरता हूँ, उठता हूँ और फिर चलता हूँ, मन में लिए कितने सवाल चला। कितनों से बात की मैंने, कितनों को बेहतर सलाह दी। मिला दे मुझे खुद से या रब से, एक मकसद को डर में फिरा। सुना, गुनाह रब माफ़ करते, मंदिर मस्ज़िद को निकला। माफ़ कर सकूँ पहले खुद को, खुद से मैं अब तक खुद नहीं मिला। ©theABHAYSINGH_BIPIN मन मेरा अशांत क्यों है भला, आख़िर क्यों है ज़ुबां सिली? कुछ बोलकर भी चुप हूँ मैं, अधरों पर क्यों सवाल खड़ा? नयन रूखे से लगते हैं अब, लबों प
मन मेरा अशांत क्यों है भला, आख़िर क्यों है ज़ुबां सिली? कुछ बोलकर भी चुप हूँ मैं, अधरों पर क्यों सवाल खड़ा? नयन रूखे से लगते हैं अब, लबों प
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