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विष्णु कांत
Unsplash कैमरों में कैद करना आसान है, दिल के उतारे हुए, आंखों में कैद नहीं होते। ©विष्णु कांत #दिल
Parasram Arora
White वे भी क्या दिन थे ज़ब मै ठहाके मार कर हँसा करता था बिना शिकायत के जिंदगी बसर करता था छोटे छोटे खबाब देख कर जिंदगी के दिन काट लिया करता था रफ्ता रफरता वक़्त गुजरता गया और बचपन पीछे छुटता गया और मै जवान होता गया ©Parasram Arora भी क्या दिन थे
भी क्या दिन थे
read moreनवनीत ठाकुर
आए तो यूँ जैसे रहम का मक्सद हो, भूले तो यूँ जैसे कभी हम नहीं थे। तेरी मौजूदगी में दिल को था सुकून, ग़म हुआ तो यूँ जैसे तुम ही नहीं थे। ©नवनीत ठाकुर #नवनीतठाकुर आए तो यूँ जैसे रहम का मक्सद हो, भूले तो यूँ जैसे कभी हम नहीं थे। तेरी मौजूदगी में दिल को था सुकून, ग़म हुआ तो यूँ जैसे तुम ही
#नवनीतठाकुर आए तो यूँ जैसे रहम का मक्सद हो, भूले तो यूँ जैसे कभी हम नहीं थे। तेरी मौजूदगी में दिल को था सुकून, ग़म हुआ तो यूँ जैसे तुम ही
read morePraveen Jain "पल्लव"
पल्लव की डायरी घुटन कियो लिबासों में हो रही है फेशनो के नाम पर नंगेपन की नुबायस हो रही है सादगी अंगों की बनी रहे सभ्यताओं के कपड़े पहनाये थे लगता है बाजारू रुख असभ्यताओ को निमंत्रण दे रहा है फले फूले बाजार,कट लिबास कर अंगप्रदर्शन को तज्जबो दे रहा है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" #chaandsifarish सभ्यताओं के कपड़े पहनाये थे
#chaandsifarish सभ्यताओं के कपड़े पहनाये थे
read moreSatish Kumar Meena
दिल मेरे जीवन का, हंसता रोता बच्चा है। ये मर्यादा में रहने से, जीवन सबसे अच्छा हैं।। ©Satish Kumar Meena दिल
दिल
read moreShashi Bhushan Mishra
आस्तीन के साँप बहुत थे फुर्सत में जब छाँट के देखा, झूठ के पैरोकार बहुत थे आसपास जब झाँक के देखा, बाँट रही खैरात सियासत मेहनतकश की झोली खाली, नफ़रत की दीवार खड़ी थी अल्फ़ाज़ों को हाँक के देखा, जादू-टोना, ओझा मंतर, पूजा-पाठ सभी कर डाले, मिलती नहीं सफलता यूँही धूल सड़क की फाँक के देखा, धरती से आकाश तलक की यात्रा सरल कहाँ होती है, बड़ी-बड़ी मीनारों से भी करके सीना चाक के देखा, कदम-कदम चलता है राही दिल में रख हौसला मिलन का, मंज़िल धुँधला दिखा हमेशा सीध में जब भी नाक के देखा, चलना बहुत ज़रूरी 'गुंजन' इतनी बात समझ में आई, हार-जीत के पैमाने पर ख़ुद को जब भी आँक के देखा, ---शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' ©Shashi Bhushan Mishra #आस्तीन के सांप बहुत थे#
#आस्तीन के सांप बहुत थे#
read moreAnuj Ray
White मार के अखियां दिल मेरा लूटा, कर गई काम तमाम, कौन गली में छिप गई जाकर, सुबह से हो गई शाम। ©Anuj Ray दिल "
दिल "
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