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चन्देल साहिब
"परित्राणाय साधूनां विनाशाय च दुष्कृताम्" "धर्मसंस्थापनार्थाय संभवामि युगे युगे"
read moreGaurav Kumar Sagar
#krishna_flute यदा यदा हि धर्मस्य ग्लानिर्भवति भारत। अभ्युत्थानमधर्मस्य तदात्मानं सृजाम्यहम्॥ परित्राणाय साधूनां विनाशाय च दुष्कृताम्। धर्मस #Poetry #writing #nojotoofficial #kavita #विचार #vichaar #fellings
read moreगौरव दीक्षित(लव)
यदा यदा ही मोदीस्य विकसित करतीं भारत: तदा तदा ही चमचस्य मिर्ची लगति युगे युगे जय श्री राम जय हो G@ur@v 🤣😂😝😁🚩🚩 यदा यदा ही मोदीस्य विकसित करतीं भारत: तदा तदा ही चमचस्य मिर्ची लगति युगे युगे 🤣😂😝😁🚩🚩
यदा यदा ही मोदीस्य विकसित करतीं भारत: तदा तदा ही चमचस्य मिर्ची लगति युगे युगे 🤣😂😝😁🚩🚩
read moreAnuj
यदा यदा हि धर्मस्य ग्लानिर्भवति भारत अभ्युत्थानमधर्मस्य तदात्मानं सृजाम्यहम् परित्राणाय साधूनां विनाशाय च दुष्कृताम् धर्मसंस्थापनार्थाय सम्भवामि युगे युगे जब-जब धर्म का क्षय व अधर्म में वृद्धि होती है, तब-तब मैं धर्म की स्थापना हेतु अवतरित होता हूँ यदा यदा हि धर्मस्य ग्लानिर्भवति भारत अभ्युत्थानमधर्मस्य तदात्मानं सृजाम्यहम् परित्राणाय साधूनां विनाशाय च दुष्कृताम् धर्मसंस्थापनार्थाय सम्भ
यदा यदा हि धर्मस्य ग्लानिर्भवति भारत अभ्युत्थानमधर्मस्य तदात्मानं सृजाम्यहम् परित्राणाय साधूनां विनाशाय च दुष्कृताम् धर्मसंस्थापनार्थाय सम्भ #कृष्ण #जन्मोत्सव
read moreDivyanshu Pathak
मैं ग़लतियों का पुतला। भुगतान करता हूँ, ग़लतियों के मुताबिक़। समझौता नही कर पाता, ख़ुद से न सामने वाले से। जो है उसे स्वीकार करता हूँ, जो नही है उसे ढूंढता हूँ। मैं बस मैं हूँ। अच्छा भी बुरा भी। आप मुझसे सहमत हों न हों, ये आपकी अपनी मर्ज़ी है। मैं अपनी बात कहता हूँ, आपकी बात समझने की, कोशिश करता हूँ। 😊🙏😊 सुबह सुबह कुछ अपने लिए भी बनता है। सत्ता उल्लू सीधा करती भाड़ में जाती जनता है। 😀😝 सुप्रभातम #पाठकपुराण Divyanshu Pathak : ‘परित्राणाय स
😊🙏😊 सुबह सुबह कुछ अपने लिए भी बनता है। सत्ता उल्लू सीधा करती भाड़ में जाती जनता है। 😀😝 सुप्रभातम #पाठकपुराण Divyanshu Pathak : ‘परित्राणाय स
read moreDivyanshu Pathak
आज की जीवनशैली लक्ष्मी-प्रवृत्त है। सारे अनर्थ चरम पर हैं। सरस्वती का उपयोग ही, प्रकाश के स्थान पर- अर्थ प्राप्त करना ही रह गया है। साधुओं के परित्राण की, जरूरत बढ़ती जा रही है। आज जो कुछ विश्व में हो रहा है, उसको इसी दृष्टि से देखना चाहिए। विज्ञान की और राजनीति की, भाषा कुछ भी हो, रंग तो मूल में, प्रकृति ही दिखा रही है। कैप्शन में लिखा ज्ञान अतिरिक्त है। जिसका लिखी गई रचना से कोई संबंध नहीं है। यहाँ पर उल्लिखित "एक अन्य सरस्वती" शब्द का संबंध किसी भी दृष्टि
कैप्शन में लिखा ज्ञान अतिरिक्त है। जिसका लिखी गई रचना से कोई संबंध नहीं है। यहाँ पर उल्लिखित "एक अन्य सरस्वती" शब्द का संबंध किसी भी दृष्टि #कविता #yqdidi #YourQuoteAndMine #yqhindi #हिंदी_साहित्य #पुनरुत्थान #नादान_परिंदा #tashuchauhan
read moreN S Yadav GoldMine
White यदा यदा हि धर्मस्य ग्लानिर्भवति भारत। अभ्युत्थानमधर्मस्य तदात्मानं सृजाम्यहम्॥ परित्राणाय साधूनां विनाशाय च दुष्कृताम्। धर्म संस्थापनार्थाय सम्भवामि युगे युगे॥ प्रह्लाद ने कहा-पिताजी! मैंने जो पढ़ा है वह सुनिये-l श्रवणं कीर्तनं विष्णो: स्मरणं पादसेवनम्। अर्चनं वन्दनं दास्यं सख्यमात्मनिवेदनम्॥ {Bolo Ji Radhey Radhey} (श्रीमद्भा० ७।५।२३) जय श्री राधे कृष्ण जी...... 'भगवान् विष्णु के नाम और गुणों का श्रवण एवं कीर्तन करना, भगवान् के गुण, प्रभाव, लीला और स्वरूप का स्मरण करना, भगवान् के चरणों की सेवा करना, भगवान् के विग्रह का पूजन करना और उनको नमस्कार करना, दास भाव से आज्ञा का पालन करना, सखा-भाव से प्रेम करना और सर्व स्वसहित अपने-आपको समर्पण करना।' ऐसी बात सुनकर हिरण्यकशिपु चौंक पड़ा और उसने पूछा-यह बात तुझे किसने सिखायी? मेरे राज्य में मेरे परम शत्रु विष्णु की भक्ति का उपदेश देकर मेरे हाथ से कौन मृत्यु मुख में जाना चाहता है? ©N S Yadav GoldMine #good_night यदा यदा हि धर्मस्य ग्लानिर्भवति भारत। अभ्युत्थानमधर्मस्य तदात्मानं सृजाम्यहम्॥ परित्राणाय साधूनां विनाशाय च दुष्कृताम्। धर्म
#good_night यदा यदा हि धर्मस्य ग्लानिर्भवति भारत। अभ्युत्थानमधर्मस्य तदात्मानं सृजाम्यहम्॥ परित्राणाय साधूनां विनाशाय च दुष्कृताम्। धर्म #भक्ति
read moreN S Yadav GoldMine
White यदा यदा हि धर्मस्य ग्लानिर्भवति भारत। अभ्युत्थानमधर्मस्य तदात्मानं सृजाम्यहम्॥ परित्राणाय साधूनां विनाशाय च दुष्कृताम्। धर्म संस्थापनार्थाय सम्भवामि युगे युगे॥ प्रह्लाद ने कहा-पिताजी! मैंने जो पढ़ा है वह सुनिये-l श्रवणं कीर्तनं विष्णो: स्मरणं पादसेवनम्। अर्चनं वन्दनं दास्यं सख्यमात्मनिवेदनम्॥ {Bolo Ji Radhey Radhey} (श्रीमद्भा० ७।५।२३) जय श्री राधे कृष्ण जी...... 'भगवान् विष्णु के नाम और गुणों का श्रवण एवं कीर्तन करना, भगवान् के गुण, प्रभाव, लीला और स्वरूप का स्मरण करना, भगवान् के चरणों की सेवा करना, भगवान् के विग्रह का पूजन करना और उनको नमस्कार करना, दास भाव से आज्ञा का पालन करना, सखा-भाव से प्रेम करना और सर्व स्वसहित अपने-आपको समर्पण करना।' ऐसी बात सुनकर हिरण्यकशिपु चौंक पड़ा और उसने पूछा-यह बात तुझे किसने सिखायी? मेरे राज्य में मेरे परम शत्रु विष्णु की भक्ति का उपदेश देकर मेरे हाथ से कौन मृत्यु मुख में जाना चाहता है? ©N S Yadav GoldMine #good_night यदा यदा हि धर्मस्य ग्लानिर्भवति भारत। अभ्युत्थानमधर्मस्य तदात्मानं सृजाम्यहम्॥ परित्राणाय साधूनां विनाशाय च दुष्कृताम्। धर्म
#good_night यदा यदा हि धर्मस्य ग्लानिर्भवति भारत। अभ्युत्थानमधर्मस्य तदात्मानं सृजाम्यहम्॥ परित्राणाय साधूनां विनाशाय च दुष्कृताम्। धर्म #भक्ति
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