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Dr. Satyendra Sharma #कलमसत्यकी
मेरा देश मेरा दायित्व सेवा कुटीर। वृद्धजनों की सेवा पर्यावरण सुरक्षा। #SatyendraUrmilaSharma Varanasi #oldagediary #mdmdt #mdmdt #NBT NavBh
read moreRajni Vijay singla
मेरे गांव में हरियाली रे । मेरे गांव में खुशहाली रे । मेरे देश की ये पहचान रे। याकि माटी में बसे प्राण रे। ये जामे सब अन्न धान रे । मिल गावे इसको गुणगान रे। ©Rajni Vijay singla मेरा गांव मेरा देश #Village #India#khalihan#IndianArmyDay #hindustan hindi poetry on life poetry quotes poetry lovers
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read moreMatangi Upadhyay( चिंका )
White मैं वो थी जो हर लम्हे को जी भर के जीती थी, छोटी छोटी बातों में खुश हो जाती थी और आज खुद को देखती हूँ तो ये ख्याल आता है की ऐसा क्या पाना था मुझे जो मैंने खुद को ही खो दिया हर वक्त उलझनों में फँसी रहती हूँ, कोई अपना नहीं लगता मुझे, बस मैं हूँ और मेरी बढ़ती हुई तकलीफें हैं, परेशानियाँ है, और मेरा अकेलापन है जो मुझे अंदर ही अंदर खा रहा है..! ©Matangi Upadhyay( चिंका ) मैं हूं और मेरा अकेलापन है..🤔😔 #matangiupadhyay #Nojoto #Love #Life #Sad
मैं हूं और मेरा अकेलापन है..🤔😔 matangiupadhyay Love Life Sad
read moreवैभव जैन
White 💠मेरा दिल 💠 🎄मेरी दौलत 🎄 मेरे मित्र पूछते हो मेरी प्रसन्नता का राज पूछते हो मेरी दौलत के बारे में कौनसा खजाना है मेरे पास जो हरदम मुझे प्रसन्न रखता है जानना चाहते हो मित्र तो सुनो ध्यान से सुनो मेरी दौलत ऐसी दौलत नहीं है जिसे मुझे कोई और दे सके अथवा मुझसे कोई मेरी दौलत छीन सके मेरी दौलत मेरा अपना खूबसूरत दिल है मेरी दौलत मेरी अपनी उजली सोच है मेरी दौलत मेरा मनुष्य होना है एक ऐसा मनुष्य जिसे इंसानियत से प्यार है जिसके हृदय में प्रभु कृपा से सद भावो की बहार है सबके सुख की कामना है सब को मिले शांति सबका कल्याण हो यह मेरी आत्मा की पुकार है जियो और जीने दो का संस्कार है गुरु कृपा से पावन मन पवित्रता का आधार है आप मित्रों का स्नेह ही मेरी प्रसन्नता का त्यौहार है ©वैभव जैन #मेरा दोस्त
#मेरा दोस्त
read moreवैभव जैन
White 🔷🔶मेरा मन🔷🔶 कीचड़ और कीचड़ से मुक्ति दोनों जल से होती है पाप बंध और पाप से मुक्ति दोनों मन से होती है मन से बंधन से मन मुक्ति मन में ही महावीर बसा मन ही रावण मन दुर्योधन मन में ही तो कंश बसा संयम धारण करले मन कुंदन करेगी तप की अगन निज में रमजा अब तो मन चिंतन मंथन कर ले मन राम जगेगा तुझ में मन ओ मेरे बैरागी मन ©वैभव जैन #मेरा मन
#मेरा मन
read moreShailendra Anand
White रचना दिनांक 1,, नवम्बर,,2024 वार शुक्रवार समय सुबह दस बजे ्््निज विचार ्् ्््शीर्षक ्् ्््छाया चित्र में दिखाया गया दीपयज्ञ और, नागरिक मतदाता जागरूकता से दीपदान करें,, देश के शहीदों की समाधियों पर दीपदान करे ््् दीपावली पर दीए जलाकर किया गया है नगर कोट में,, भैरव भवानी और गणेश सर्व धर्म कर्म अर प्रथम निर्भीक साकार हो, प्यारा सा जीवन फूलों से सजाया गया है।। धान धनदायनी महालक्ष्मी पूजन करें जनसेवा ही, मानव जीवन में एक सुख से जन्मा आत्म सम्मान जरुरी है,,।। जो भी है वो लफ्जो से भावना से मन प्रसन्न हो,, प्यारा सा देश है संविधान से चलेगा,, तो हर कोई बाशिन्दा देश धर्म संस्कृति का, अनुठा दीपदान करने वाली प्रेरणा स्त्रोत बना सके।। जो स्वाधीनता के शहीदों की कूरबानी में आंखें डालकर उन वीरों की शहादत को सलाम करते हुए ,, हर नागरिक मतदाता जागरूकता से दीपदान करना परम आवश्यक है।। क्योंकि धड़कनों में बसा पंचतत्व में प्राण वायु हैं,, हर देश भक्त में शौर्यपूर्ण आन बान शान ओर जस्बात से, सजाया गया ज्ञर पर्व और त्योहार मनाना चाहिए।। तो आये सूफीवाद से भावना मन से सदभाव का, आयना नजरिया आनंद ही जिंदगी है,, यह दीपयज्ञ शहोदो की समाधि स्थल पर पहुंचे और, देश भर में दीपयज्ञ का मन से हरघर हरव्दार पर दीप प्रज्जवलित आत्मज्योतिनवपिण्डसाधक आनंद ले और पहुंचे शक्ति शहीदों की, समाधियों पर ख्यालात अच्छे लगते है कथन सच्चाई है। ्््््कवि शैलेंद्र आनंद ्् 1,,, नवम्बर 2024। ©Shailendra Anand #happy_diwali देश भक्ति शहीदों के महत्व और आम आदमी और दीपदान का स्वरूप और प्रयोग महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई जाना चाहिए। ्््््कवि शैलेंद्र आनं
#happy_diwali देश भक्ति शहीदों के महत्व और आम आदमी और दीपदान का स्वरूप और प्रयोग महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई जाना चाहिए। ्््््कवि शैलेंद्र आनं
read moreAbhishek Jha
White मैं मंदिर वहां बनाऊंगा!, जहाँ मिले दीन का संग!, मैं ढूंढू ईश्वर को उस जगह !, जहाँ होती हो ना कोई जंग!, मैं सदन उसी को बताऊंगा!, जहाँ मिले वृद्ध को मान!, मैं समाज तभी कहलाऊंगा!, जब मुझ में हो नारी सम्मान!, मैं मानव को वहीँ बसाउंगा!, जहाँ हो मानवता में विश्वास!, मैं भविष्य वही देख पाउंगा!, जहाँ सच्चाई लेती हो साँस! मैं उस सभ्यता का होके रह जाऊंगा! शांति हो जिसकी पहचान!, मैं हर दिन त्यौहार मनाऊंगा!, जो विश्व हो जाए एक करने विश्वकल्याण! ©Abhishek Jha मेरा स्वपन
मेरा स्वपन
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